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UP Election 2022 : अखिलेश यादव और चंद्रशेखर आज कर सकते हैं गठबंधन का एलान, सपा को ऐसे हो सकता है सियासी फायदा

उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा (UP Election 2022) चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के बीच आज गठबंधन को अंतिम रूप दिया जा सकता है।

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Written By aman
Published on: 15 Jan 2022 8:41 AM IST (Updated on: 15 Jan 2022 12:04 PM IST)
akhilesh yadav and chandrashekhar azad
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akhilesh yadav and chandrashekhar azad

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा (UP Election 2022) चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के बीच आज गठबंधन को अंतिम रूप दिया जा सकता है। जानकारी के अनुसार, सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) तथा आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (Chandrasekhar Azad) शनिवार को लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के ऑफिस से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान कर सकते हैं।

बता दें, कि आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद (Chandrasekhar Azad) कल यानी शुक्रवार को सपा दफ्तर पहुंचकर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आजाद समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी में गठबंधन व सीट बंटवारे को लेकर पिछले कुछ दिनों से बातचीत चल रही थी। बताया जा रहा है कि चंद्रशेखर आजाद गुरुवार को भी सपा दफ्तर के चक्कर लगा चुके थे। संभावना जताई जा रही है कि गठबंधन का फॉर्मूला तैयार हो चुका है, बस आधिकारिक ऐलान शेष है।

चंद्रशेखर गठबंधन के बाद ही मैदान में उतरना चाहते हैं

चंद्रशेखर आजाद ने कुछ समय पहले कहा था, कि उनकी पार्टी (आजाद समाज पार्टी) ने तय किया है, कि गठबंधन के साथ ही 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में जाना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ, अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं, कि वो छोटे दलों के साथ मिलकर ही इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देंगे।

बीजेपी मायावी पार्टी, मिलकर करेंगे मुकाबला

इससे पहले, आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था, 'एकता में बड़ा दम है। मजबूती और एकता के बगैर बीजेपी जैसी मायावी पार्टी को हराना आसान नहीं है। गठबंधन के अगुआ का दायित्व होता है, कि वो सभी समाज के लोगों के प्रतिनिधित्व और सम्मान का ख्याल रखे। आज यूपी में दलित वर्ग अखिलेश यादव से इस को निभाने की अपेक्षा रखता है।'

इस तरह सपा को हो सकता है फायदा

उल्लेखनीय है, कि यूपी की पूर्व सीएम मायावती और चंद्रशेखर आजाद दोनों ही दलित समुदाय की एक ही बिरादरी से आते हैं। साथ ही एक ही क्षेत्र से भी ताल्लुक रखते हैं। दोनों जाटव समाज से संबंध रखते हैं। इस लिहाज से देखें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगर समाजवादी पार्टी और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी का गठबंधन होता है तो दलित समाज की भागीदारी बढ़ेगी। चंद्रशेखर के जरिए दलितों का भले ही पूरा वोट गठबंधन के साथ न आए, मगर हर सीट पर चार से पांच हजार वोट जरूर मिल सकते हैं। यह वोट समाजवादी पार्टी के लिए भविष्य में पासा पलटने वाला साबित हो सकता है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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