UP Election 2022: भाजपा के लिए अपनी आठों सीटों को बचाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं

Lucknow News: यूपी की राजधानी लखनऊ की 9 विधानसभा सीटों से आठ सीटों पर बीजेपी ने विजय पताका फहराई थी, लेकिन इस बार भाजपा आठ में से उसे चार सीटों का ही लाभ मिलने जा रहा है।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Deepak Kumar
Published on: 24 Feb 2022 11:07 AM GMT
UP Assembly Election 2022
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Lucknow News: यूपी की राजधानी लखनऊ की 9 विधानसभा सीटों (Assembly Seat) को लेकर हुए मतदान के बाद अब सबकी निगाहें इसके परिणाम पर टिकी हुई है। पिछले विधानसभा चुनाव में नौ में से आठ सीटों पर अपनी विजय पताका फहराने वाली भाजपा को लेकर इस बात चर्चा है कि उसे 'एंटी इंकम्बेसी' का नुकसान उठाना पड़ सकता है और आठ में से उसे चार सीटों का ही लाभ मिलने जा रहा है।

इन सीटों पर बदली परिस्थितियां

उल्लेखनीय है कि पिछली बार भाजपा (BJP) की मोहनलाल गंज छोडकर मलिहाबाद, लखनऊ मध्य, बख्शी का तालाब, लखनऊ कैंट, सरोजनीनगर लखनऊ, पश्चिम लखनऊ उत्तर और लखनऊ पूर्व पर कब्जा था। पर इस बार परिस्थितियां बदली हुई दिख रही हैं। मतों का बढा प्रतिशत सत्ता के खिलाफ माहौल बता रहा है।

महिलाहाबाद में भाजपा विधायक जयदेवी (BJP MLA Jayadevi in Mahilaabad) की जबर्दस्त टक्कर सपा के सुरेंन्द्र कुमार (SP Surendra Kumar) और बसपा जगदीश (bsp jagdish) से देखने को मिला है। जबकि मोहनलाल गंज से इस बार पूर्व सांसद सुशीला सरोज (Former MP Sushila Saroj) को उतारकर सपा ने बडा दांव खेला। मतदान के दौरान उनके बस्ते पर मतदाता पर्ची बनवाने वालों की भीड देखी गयी। यहां पर उनकी भाजपा के अमरेश कुमार (Amresh Kumar of BJP) से जोरदार टक्कर हुई है।

लखनऊ मध्य में भाजपा को चुनाव जीतने की बड़ी चुनौती

इसी तरह लखनऊ मध्य (Lucknow Central) से नए प्रत्याशी भाजपा रजनीश गुप्ता (Candidate BJP Rajnish Gupta) पार्षद को टिकट देकर भाजपा ने ब्रजेश पाठक (Cabinet Minister Brijesh Pathak) की कमी पूरी करने की कोशिश की पर पिछला चुनाव भाजपा ने यहां पांच हजार वोटों से ही जीता था जिसके कारण यहां पर भाजपा को चुनाव जीतने की बडी चुनौती कही जा रही है। इस सीट पर सपा के रविदास मेहरोत्रा (Ravidas Mehrotra of SP.) राजनीति के पुराने खिलाडी कहे जाते हैं। उनकी इस पूरे क्षेत्र में अच्छी खासी पकड़ भी है।

बख्शी का तालाब में साइकिल की रफ्तार देखने को मिली

इसके अलावा बख्शी का तालाब (bakshi ka talab) में योगेश शुक्ला (Yogesh Shukla) का चुनाव भी अपेक्षाकृत कमजोर दिखा। यहां पर पिछली दफा अवनीश त्रिवेदी ने चुनाव जीता था। लेकिन बुधवार को हुए मतदान में पूर्व विधायक सपा उम्मीदवार गोमती यादव (SP candidate Gomti Yadav) ने भाजपा से सीधा मुकाबला किया। ग्रामीण क्षेत्र से जुडी इस विधानसभा में साइकिल की रफ्तार देखने को मिली है।

जबकि लखनऊ कैंट (Lucknow Cantt) भाजपा के लिए बेहद मुफीद सीट कही जा रही है। यहां पर हमेशा से भाजपा (BJP) का बड़ा कब्जा रहा है। सवर्ण मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक (Cabinet Minister Brijesh Pathak) के पक्ष में मतदान तो दिखाई पडा पर सपा के राजू गांधी ने भी अच्छी टक्कर दी है।

इसके अलावा सरोजनीनगर (Sarojininagar) में सपा के अभिषेक मिश्र (Abhishek Mishra of SP) को सवर्णो का अच्छा खासा सहयोग मिलता दिखा। हांलाकि यह सीट पूर्व में भाजपा की स्वाती सिंह के पास थी लेकिन पार्टी के अंदर अंदरूनी टकराव के चलते भाजपा के प्रत्याशी राजेश्वर सिंह को नुकसान होने की आंशका व्यक्त की जा रही है।

लखनऊ पश्चिम सीट पर भाजपा का रहा बेहतरीन पकड़

लखनऊ पश्चिम सीट (Lucknow West seat) पर भाजपा का बेहतरीन पकड़ रही है। पर इस बार पूर्व पार्षद अंजनी श्रीवास्तव (Former Councilor Anjani Srivastava) को उतारने का काम किया। वह पहली बार विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे। जिसके कारण उनके पूरे चुनाव में कुप्रबन्धन देखने को मिला है। इसका लाभ सपा प्रत्याशी अरमान खान को मिल सकता है। वह कोरोना काल के दौरान पूरे क्षेत्र के लोगों की सेवा करते रहे जिसके कारण मतदातओं का रूझान व्यक्तिगत तौर पर उनके पक्ष में हो सकता है।

लखनऊ उत्तरी सीट (Lucknow North seat) पर एक बार फिर भाजपा के विधायक नीरज बोरा मैदान में हैं। उनको सपा की पूजा शुक्ला से चुनौती मिली है। हांलाकि नीरज को पार्टी का परम्परागत वोट मिला है। पर चुनाव परिणाम में हारजीत के मामूली अंतर होने के दावे किए जारहे हैं। इसी तरह भाजपा की एक और सीट लखनऊ पूर्वी है। इस पूरे क्षेत्र में कमल की लहर देखने को मिली है। हालांकि इस सीट पर चर्तुकोणीय मुकाबलें में भाजपा के गोपाल टंडन को वोटों का अंतर कम होने की उम्मीद है पर उनकी जीत तय मानी जारही है।

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Deepak Kumar

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