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UP Election: लखनऊ पूर्वी सीट पर 30 वर्षों से है बीजेपी का कब्जा, क्या इस बार सपा के अनुराग भदौरिया बदलेंगे इतिहास?

Up Election 2022 : इस बार कांग्रेस ने छात्र नेता रहे मनोज तिवारी तो बसपा ने आशीष सिन्हा को टिकट दिया है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 20 Feb 2022 9:07 AM GMT (Updated on: 20 Feb 2022 9:49 AM GMT)
Up election 2022
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यूपी चुनाव 2022 (social media)

UP Election 2022 : लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट (Lucknow East assembly seat) पर इस बार फिर कांटे की टक्कर नजर आ रही है, यहां से भारतीय जनता पार्टी (Bjp) ने मंत्री आशुतोष टंडन (Ashutosh tondon) को अपना उम्मीदवार बनाया हैै, तो वहीं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अपने तेजतरार प्रवक्ता अनुराग भदौरिया (SP candidate Anurag Bhadauria) को टिकट दिया है। इन दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।

2017 के चुनाव में भी अनुराग भदौरिया (SP candidate Anurag Bhadauria) कांग्रेस और सपा के संयुक्त प्रत्याशी थे। हालांकि, उन्हें जीत नहीं हासिल हुई थी। इस बार कांग्रेस ने छात्र नेता रहे मनोज तिवारी तो बसपा ने आशीष सिन्हा को टिकट दिया है। इस सीट पर पिछले 30 सालों से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। सपा प्रत्याशी अनुराग भदौरिया का कहना है कि जनता समाजवादी पार्टी के साथ है और यहां साइकिल बीजेपी के किले को इस बार ढहा देगी।

आशुतोष टंडन की करें तो वह बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे स्वर्गीय लालजी टंडन के बेटे हैं। लालजी टंडन का लखनऊ की सियासत में काफी मजबूत पकड़ थी और वह लगातार यहां से चुनाव जीतते रहे हैं, उन्होंने 2019 में अपना उत्तराधिकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बना दिया था. इसके बाद वह बिहार के राज्यपाल बने थे, आशुतोष टंडन को उनकी सियासत का भरपूर फायदा मिला और वह 2017 में चुनाव जीतकर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इस बार भी उनके जीत की बातें कही जा रही हैं, लेकिन सपा के अनुराग भदौरिया के साथ ही बसपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी भी जनता से भरपूर समर्थन मिलने की बात कह रहे हैं। अब देखना होगा कि क्या इस बार भी लखनऊ पूर्वी सीट पर बीजेपी अपना जीत का परचम जारी रखती है या फिर विपक्ष के प्रत्याशियों पर जनता भरोसा करती है।

लखनऊ पूर्वी सीट पर जातीय समीकरण

  • कुल मतदाता- 4,51,408
  • ब्राह्मण- 65 हजार
  • क्षत्रिय-70 हजार
  • दलित- 75 हजार
  • मुस्लिम- 42 हजार
  • यादव- 25 हजार
  • कायस्थ- 35000
Ragini Sinha

Ragini Sinha

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