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UP Election 2022 March 3 Sixth Phase : छठे चरण में सीएम योगी की किस्मत EVM में होगी कैद, सियासत के नए खिलाड़ियों से मुकाबला

UP Election 2022 March 3 Sixth Phase गोरखपुर जहां योगी की कर्मभूमि है। यहां से वो लगातार पांच बार सांसद चुने जा चुके हैं, तो वहीं उनके सामने सुभावती शुक्ला, चेतना पांडे, ख्वाजा शमसुद्दीन पहली बार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं। गोरखपुर की लड़ाई दिलचस्प है।

Rahul Singh Rajpoot
Written By Rahul Singh RajpootPublished By aman
Published on: 1 March 2022 5:36 AM GMT
up election 2022 cm yogi public meeting in chandauli attacks on sp bsp
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up election 2022 cm yogi public meeting in chandauli attacks on sp bsp

UP Election 2022 March 3 Sixth Phase: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण के लिए 3 मार्च को मतदान होगा। इस चरण में पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न सीटों से कई बड़े राजनीतिक चेहरों की साख दांव पर लगी हैं, जिनमें प्रमुख हैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath)। इस चरण में 10 जिलों की 57 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा।

छठे चरण में प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी (Ramgovind Chaudhary) तथा कई कैबिनेट मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। योगी आदित्यनाथ जहां गोरखपुर शहर से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, तो वहीं विपक्ष ने उनकी तगड़ी घेराबंदी की है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने दिवंगत बीजेपी नेता की पत्नी को उनके खिलाफ मैदान में उतारा है तो बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने मुस्लिम दांव चला है। कांग्रेस (Congress) ने चेतना पांडे को मैदान में उतारा है। आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) भी दलित वोटरों के सहारे योगी को घेरने में उनके गढ़ में लगे हैं। चलिए आपको बताते हैं गोरखपुर शहर विधानसभा सीट का क्या है समीकरण?

योगी की कर्मभूमि गोरखपुर

गोरखपुर जहां योगी की कर्मभूमि है। यहां से वो लगातार पांच बार सांसद चुने जा चुके हैं, तो वहीं उनके सामने सुभावती शुक्ला, चेतना पांडे, ख्वाजा शमसुद्दीन पहली बार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं। गोरखपुर की लड़ाई दिलचस्प है, क्योंकि इस सीट पर मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर चुनाव लड़ रहे हैं। पुराने चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो यह साफ हो जाता है कि गोरखपुर शहर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गढ़ रहा है। यहां से लगातार बीजेपी के विधायक और सांसद चुनकर विधानसभा और लोकसभा में जाते रहे हैं। पिछले 33 वर्षों से गोरखपुर शहर सीट बीजेपी के खाते में रही है।

गोरखपुर शहर विधानसभा के जातीय आंकड़े

कुल मतदाता - 463933

ब्राह्मण 50000

क्षत्रिय 30000

कायस्थ 95000

बेस्ट 40000

दलित 30000

मुस्लिम 40000

निषाद 15000

सैंथवार 20000

यादव 12000

शहर सीट पर रहा है योगी का जलवा

योगी आदित्यनाथ सूबे के मुख्यमंत्री के साथ गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। इस वजह से उनका गोरखपुर शहर की सीट पर काफी दबदबा माना जाता है। योगी आदित्यनाथ और उनके पीठ का इस सीट पर गहरा प्रभाव है। इसका एक उदाहरण साल 2002 में दिखाई दिया था, जब बीजेपी प्रत्याशी को यहां करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। दरअसल तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के बीच उस वक्त मनमुटाव के बाद उन्होंने हिंदू महासभा से मौजूदा विधायक डॉ राधामोहन दास अग्रवाल को अपने प्रत्याशी के रूप में यहां से मैदान में उतारा और उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता शिव प्रताप शुक्ला को चुनाव हरा दिया। उसके बाद राधा मोहन अग्रवाल बीजेपी में शामिल हो गए। तब से लगातार वो यहां से विधायक चुने जाते रहे हैं। योगी के चुनाव लड़ने से राधा मोहन दास अग्रवाल का इस बार टिकट कट गया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने उन पर तमाम डोरे डाले लेकिन उन्होंने बीजेपी से अपना नाता नहीं तोड़ा। इस बार राधा मोहन, योगी आदित्यनाथ के लिए प्रचार कर रहे हैं। राधा मोहन अग्रवाल ही योगी के चुनाव प्रचार की पूरी कमान संभाल रखे हैं।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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