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UP Election 2022 7th phase: सातवें चरण में योगी के छह और मोदी के चार मंत्रियों को दिखानी है अपनी ताकत
UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में सभी दलों ने झोंकी ताकत। योगी-मोदी के मंत्रियों की भी परीक्षा।
UP Election 2022 7th phase : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के मतदान से पहले पार्टी प्रत्याशियों के प्रचार-प्रसार का दौर आज खत्म हो रहा है। इसके साथ ही, सबकी निगाहें सोमवार को होने वाले मतदान और उसके बाद 10 मार्च के परिणाम पर टिक जाएगीं। इस चरण के चुनाव में योगी सरकार के छह मंत्रियों और मोदी सरकार के चार मंत्रियों के भी अपनी ताकत का अहसास कराने का यह सुनहरा मौका है।
इस चरण में हो रहे चुनाव को यदि देखा जाए तो आजादी के बाद यह पूरा क्षेत्र कांग्रेस और वामपंथियों का गढ़ हुआ करता था लेकिन 2014 के बाद मोदी लहर के चलते हुए तीन चुनावों में भाजपा इस पूरे क्षेत्र में अपना परचम लहराती रही है। वहीं छोटे दलों के आने से भाजपा समेत विपक्षी दलों को भी इसका लाभ होता रहा है। इस पूरे क्षेत्र में निषाद मल्लाह बिंद राजभर समेत अन्य जातिवादी दलों ने अपनी अलग पहचान बनाई है। यह पूरा क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य सीटों वाला भी कहा जाता है। इस पूरे क्षेत्र में वोटों का ध्रुवीकरण भी हर चुनाव में देखने को मिलता आ रहा है। 1989 के पहले तक कांग्रेस का इस पूरे क्षेत्र में अच्छा खासा असर देखने को मिलता था। पर अयोध्या आंदोलन के बाद इस पूरे क्षेत्र में सपा बसपा की ताकत बढती गयी।
इस चरण में भाजपा के 48 प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं जबकि अपना दल और निषाद पार्टी के तीन तीन प्रत्याशी चुनाव में भाजपा के सहारे अपना जोर लगा रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी 45 सीटों, जबकि सुहेल समाज पार्टी सात और अपना दल (कृष्णा पटेल) दो सीटों पर चुनाव मैदान में है। सातवें चरण की 54 विधानसभा सीटों में वर्ष 2017 में 29 सीटें भाजपा के खाते में थीं, जबकि सपा के पास 11 और बसपा के पास 6 सीटें थीं। भाजपा के सहयोगी पार्टी अपना दल ने यहां से चार सीटें और सपा के सहयोगी दल ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भी तीन सीटें जीतीं थीं। यहां वाराणसी उत्तरी सीट से योगी सरकार के मंत्री रवीन्द्र जायसवाल चुनाव मैदान में हैं।
वाराणसी कैंट सीट भाजपा के पास पिछले 20 वर्ष से रही है। सबसे अहम बात यह कि इसपर एक ही परिवार का कब्जा रहा है। भाजपा ने कायस्थ समाज से आनेवाले हरीश जी के परिवार को ही हर बार यहां से टिकट दिया है। भाजपा के दिग्गज और संस्थापक नेताओं में रहे हरीश चंद्र श्रीवास्तव हरीश जी के बेटे सौरभ श्रीवास्तव 2017 में यहां से जीते थे और इस बार भी भाजपा ने उन्हीं को टिकट दिया है। वाराणसी की शिवपुर सीट से कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर चुनाव मैदान में हैं। जबकि सपा गठबन्धन में यह सीट सुभासपा के खाते में आयी और यहां से सुभासपा के मुखिया ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर प्रत्याशी हैं। वाराणसी दक्षिणी से मंत्रियों नीलकंठ तिवारी और जौनपुर से गिरीश चन्द्र को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है।
घोसी सीट से पूर्व मंत्री एवं हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ भाजपा छोड़कर सपा में आये दारा सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया गया है। मऊ से पांच बार विधायक रह चुके माफिया मुख्तार अंसारी की सीट से उनके बेटे अब्बास अंसारी चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाजपा के अशोक सिंह से है। मधुवन सीट से बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के बेटे राम विलास चौहान चुनाव मैदान में है। इनका मुकाबला बसपा के विधायक रह चुके उमेश पाण्डेय दल बदलकर सपा से है। बसपा ने यहां नीलम कुशवाहा को और कांग्रेस ने अमरेश चन्द्र पाण्डेय को प्रत्याशी बनाया है।
अजगरा सीट पर पिछली बार भाजपा-सुभासपा के गठबंधन ने कैलाश सोनकर के रूप में जीती थी लेकिन इस बार सुभासपा का गठबंधन सपा के साथ है और वह अपनी इस सीट को बरकरार रखने की कवायद में लगी है। सपा गठबन्धन के बाद यहां से सुनील सोनकर प्रत्याशी हैं। भाजपा ने यहां से टी राम को प्रत्याशी बनाया है। जो इससे पहले बसपा में थे।
मिर्जापुर की छानवे, मिर्जापुर, मझावां, चुनार और मडिहान शामिल हैं। यहां चार सीटें भाजपा और एक सीट अपना दल के पास थी। जिससे केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। चंदौली जिले से सांसद और केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यहां मुगलसराय, सकलडीहा, सैयद राजा, चकिया और पिंडारा सीट आती है। इसमें से सकलडीहा पर सपा ने जीत दर्ज कराई थी, जबकि बाकी सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज कराई थी।
सुभासपा के मुखिया ओम प्रकाश राजभर गाजीपुर की जहूराबाद सीट से चुनाव मैदान में हैं। पिछली बार वे भाजपा के साथ गठबन्धन से जीते थे लेकिन इस बार उनकी पार्टी का गठबंधन सपा के साथ है। भाजपा ने यहां से कालीचरण राजपूत को प्रत्याशी बनाया है। आजमगढ़ की निजामाबाद से सपा ने अपने विधायक आलमबदी को फिर टिकट दिया है। भाजपा ने उनके खिलाफ मनोज यादव को उतारा है। फूलपुर पवई से रमाकान्त यादव को सपा ने टिकट दिया है।