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UP Election 2022: न्यूजट्रैक की खबर पर लगी मुहर, बसपा के छह निलंबित विधायकों ने थामा सपा का हाथ
UP Election 2022 News: न्यूजट्रैक ने कल ही इस बात का खुलासा कर दिया था कि बसपा के छह निलंबित विधायक समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का हाथ थामने जा रहे हैं।
UP Election 2022 News: उत्तर प्रदेश मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को आज एक बड़ी सफलता हासिल हुई पार्टी ने बसपा के 6 विधायकों तथा भाजपा के एक विधायक को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। इन विधायकों के शामिल होने से समाजवादी पार्टी खुद को ताकतवर मान रही है । इस मौके पर पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कहा कि इन नेताओं के पार्टी में आने के बाद यह साफ हो गया है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी फिर से सत्ता हासिल करने जा रही है।
राकेश राठौर (बीजेपी)-सीतापुर, असलम राइनी - श्रावस्ती, असलम अली चौधरी -हापुड़, मुजतबा सिद्दीकी - प्रयागराज, हाकिम लाल बिंद - प्रयागराज, हरगोविंद भार्गव - सीतापुर, सुषमा पटेल - जौनपुर ने आज समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। सीतापुर से बीजेपी विधायक राकेश राठौर भी सपा में शामिल हो गए वह योगी सरकार से नाराज चल रहे थे, आज समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
29 अक्टूबर को इस संवाददाता ने लिखा था कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (up vidhan sabha chunav 2022) के पहले नेताओं का दल बदलने का काम बढ़ता ही जा रहा है। शनिवार को बसपा से निलंबित हुए विधायकों में छह विधाक कल समाजवादी पार्टी में शामिल (bsp nilambit vidhayk sp me shamil) होने जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (akhilesh yadav) की उपस्थित में ये लोग पार्टी की सदस्यता लेंगे। इनमे असलम राइनी, भिनगा श्रावस्ती, असलम अली चौधरी, धौलाना -हापुड़, मुज़तबा सिद्दीकी,प्रतापपुर-प्रयागराज,हाकिम लाल बिंद, हांडिया-प्रयागराज, हरगोविंद भार्गव, सिधौली-सीतापुर तथा सुषमा पटेल, मुंगरा बादशाहपुर, जौनपुर शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि गत जनवरी में राज्य सभा चुनाव के दौरान बसपा के इन विधायकों पर पार्टी लाइन के खिलाफ वोटिंग करने के आरोप के बाद बसपा सुप्रीमों मायावती ने इन विधायकों को निलंबित कर दिया था।
बसपा के इन विधायकों का सम्पर्क समाजवादी पार्टी से पिछले कई महीनों से बना हुआ है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि शनिवार को ये लोग औपचारिक रूप से सपा की सदस्यता ग्रहण कर लेंगे। यहां यह भी बताना जरूरी है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 19 सीटें जीती थीं।अंबेडकरनगर जिले के उपचुनाव में एक सीट हारने के बाद पार्टी के पास 18 विधायक बचे थें। लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों में बसपा के 9 विधायक पहले से निलंबित चल रहे हैं। दो और के निष्कासन से अब पार्टी में सिर्फ सात विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली, सुखदेव राजभर, श्याम सुंदर शर्मा, उमाशंकर सिंह, मुख्तार अंसारी, विनय शंकर तिवारी तथा आजाद अरिमर्दन ही है। इनमें से मुख्तार जेल में है । मुख्तार की सदस्यता समाप्त करने को लेकर विधानसभा में एक याचिका लम्बित है। जबकि सुखदेव राजभर का हाल ही में निधन हुआ है।
जिसके बाद अब बसपा के छह विधायक ही बचे हैं।इससे पहले बसपा विधान मंडल दल के नेता लालजी वर्मा और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा से निष्कासित किया गया था। जिसके बाद यह लोग भी सपा में शामिल हो चुके हैं। निलम्बन के बाद इन विधायकों ने आरोप लगाया था कि उन्हे बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती से तो कोई शिकायत नहीं है। लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का व्यवहार स्तरीय नहीं है। वह जितना कहते हैं मायावती सिर्फ उतना ही करती हैं। सतीश चंद्र मिश्रा पार्टी को खाक में मिलाने में लगे हैं।
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