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UP Election 2022: चुनाव से पहले नेताओं की जुबानी जंग शुरू, बुलडोजर से लेकर एके-47 तक पहुंचा मामला
यूपी विधानसभा चुनाव करीब आते ही नेता जुबानी जंग के जरिए माहौल बनाने में लग गए
UP Election 2022: यूपी चुनाव के दिन जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं। वैसे वैसे नेताओं की जुबान भी रफ्तार पकड़ने लगी है। देश के सबसे बड़े सूबे का चुनाव होने जा रहा है लिहाजा बड़े-बड़े नेता जुबानी जंग के जरिए माहौल बनाने में लग गए हैं। मंगलवार को यूपी की राजधानी से लेकर दिल्ली तक कुछ ऐसा ही देखने को मिला। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जहां भारतीय जनता पार्टी को अपना चुनाव निशान बदलने की नसीहत दे डाली तो वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के निशाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहे।
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के मुख्यालय पर आज कई नेताओं ने सपा का दामना थामा। इसके बाद अखिलेश यादव मीडिया से मुखातिब हो बीजेपी की सरकार पर जमकर हमला बोला। अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी को अपनी पार्टी का निशान बदलकर बुलडोजर रख लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में विकास के नाम जो गरीबों की झोपड़ी गिराई जा रही हैं। उनकी सरकार आएगी तो वह उनकी मदद करेंगे। समाजवादी लोग अधिकारियों की भी लिस्ट बना रहे हैं उनका भी हिसाब किया जाएगा।
अखिलेश के बयान पर केशव मौर्य का पलटवार
वहीं, रायबरेली दौरे पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री से जब इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा कि अखिलेश यादव को भी अपनी पार्टी का निशान बदलकर एके-47 रख लेना चाहिए।
राहुल गांधी और सीएम योगी में वार-पलटवार
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सीएम योगी पर हमला बोला है। जिस पर सीएम योगी ने भी करारा पलटवार किया है। सीएम योगी ने ट्विटर पर जवाब देते हुए लिखा है कि, जिसकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।
दरअसल, बीजेपी पर हमलावर रहने वाले राहुल गांधी के निशाने पर आज यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ थे। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा 'जो नफरत करे वह योगी कैसा'! यह पढ़कर सीएम योगी या उनके लोग कैसे चुप बैठने वाले थे। योगी आदित्यनाथ के ऑफिस ने करारा जवाब देते हुए लिखा 'जिन्ह कें रही भावना जैसी। प्रभु मूरति तिन्ह देखी तैसी।।
और हां श्रीमान राहुल जी!
अपराधियों और उपद्रवियों के साम्राज्य पर बुलडोजर चलाना अगर नफरत है, तो ये नफरत अनवरत जारी रहेगी..
बता दें यूपी चुनाव सभी पार्टियों के लिए नाक का सवाल है। बीजेपी जहां दोबारा सत्ता में वापसी की राह को आसान बनाने में लगी है , तो वही समाजवादी पार्टी 2017, 2019 में मिली करारी हार को भूलकर 2022 में फिर से सत्ता वापसी के लिए जी जान से लगी हुई है। यूपी में 32 साल से वनवान झेल रही कांग्रेस पार्टी भी अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने के लिए इस चुनाव में हर हथकंडे अपना रही है। अब देखना होगा यूपी की जनता किस दल पर भरोसा कर उसे यूपी की कुर्सी सौंपती है।