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UP : RSS के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने धर्म संसद वाले बयान की आलोचना की, कहा- सभ्य समाज के लिए ये सही नहीं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी संस्था 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' (Muslim Rashtriya Manch) या एमआरएम उत्तर प्रदेश में मुस्लिम संगठनों (Muslim organizations) को जोड़ने की पहल कर रही है।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक दल किसी भी प्रकार के समझौते करने को तैयार दिख रही है। पार्टियां प्रदेश में हर वर्ग के मतदाताओं को जोड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही। इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी संस्था 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' (Muslim Rashtriya Manch) या एमआरएम उत्तर प्रदेश में मुस्लिम संगठनों (Muslim organizations) को जोड़ने की पहल कर रही है।
इसी के तहत आरएसएस की इस मुस्लिम शाखा ने यूपी के तीन जिलों में जन जागरूकता अभियान चलाया है। यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) से पहले इस संस्था ने भारतीय जनता पार्टी के लिए मुस्लिम समुदाय (Muslim community) का समर्थन जुटाने के लिए मौलवियों और मुस्लिम विद्वानों (Muslim Scholars) के साथ बैठक की।
'धर्म संसद' में की गई टिप्पणी चिंताजनक
एक समाचार एजेंसी की मानें, तो मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने बैठकों के दौरान मुस्लिम समुदाय के सदस्यों से उत्तराखंड में हुई 'धर्म संसद' में की गई टिप्पणियों का जिक्र किया। उन्होंने इसे चिंताजनक बताया। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद (Shahid Saeed) ने कहा, 'हमने जामा मस्जिद (JAMA Masjid) के मौलाना, काजी और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ समुदाय के सदस्यों की समस्या तथा उनके समाधान पर बातें की।'
RSS का धर्म संसद से कोई लेना-देना नहीं
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा कि पदाधिकारियों को लगा कि धर्म संसद (dharm sansad) में जिस तरह के बयान दिए गए, वे किसी सभ्य समाज के लिए उचित नहीं हैं। एमआरएम के अनुसार, सरकार और संघ (RSS) का ऐसी धर्म संसद से किसी प्रकार का कोई लेना-देना नहीं है। इस बैठक में मुस्लिम समाज के लोगों को यह भी बताया गया, कि मंच ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करता है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच उनकी टिप्पणी की कड़ी निंदा करता है।
महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ हुई इस बैठक में मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता से जुड़े कई मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा की। समाचार एजेंसी के अनुसार, मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को आश्वासन दिया गया है, कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी उनके साथ इसी तरह बातचीत जारी रखेगा।
इन तीन जिलों में चलाया अभियान
बता दें, कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की 10 सदस्यीय टीम ने अमरोहा (Amroha), मुरादाबाद (Moradabad) और रामपुर (Rampur) में अभियान चलाया है। एमआरएम के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अख्तर, संगठन के मदरसा सेल के प्रमुख मजहर खान और उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष बिलाल उर रहमान इस अभियान में शामिल हुए और लोगों के साथ चर्चा की।