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UP Election 2022 : चुनाव के सवाल पर अखिलेश बोले- आजमगढ़ की जनता से पूछकर ही मैदान में उतरूंगा

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आज प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। इस दौरान वो आगामी चुनाव को लेकर अपनी बात रख रहे हैं।

Rahul Singh Rajpoot
Report Rahul Singh RajpootPublished By aman
Published on: 19 Jan 2022 1:23 PM IST (Updated on: 19 Jan 2022 2:24 PM IST)
UP Election 2022 : चुनाव के सवाल पर अखिलेश बोले- आजमगढ़ की जनता से पूछकर ही मैदान में उतरूंगा
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UP Election 2022 : समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आज प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। इस दौरान वो आगामी चुनाव को लेकर अपनी बात रख रहे हैं। बता दें, कि आज ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरने की बात सामने आयी है। बताया जा रहा कि इस मुद्दे पर पार्टी के अंदर खाने में सीटों पर विचार-विमर्श भी शुरू हो गया है।

अपने सम्बोधन में सपा अध्यक्ष ने कहा, जब समाजवादी पेंशन योजना शुरू हुई थी तब 50 लाख लोगों को फायदा हुआ था। सपा सरकार बनने पर बुजुर्ग को 18,000 रुपये दिया जाएगा। पहले यह राशि 6,000 रुपये दिया जाता था। इसके साथ ही, सपा अध्यक्ष ने अपनी सरकार के दौरान किये गए अन्य कार्यों और योजनाओं को याद दिलाया। अखिलेश यादव से जब ये पूछा गया, कि क्या वो विधानसभा चुनाव में मैदान में उतर रहे हैं तो उन्होंने कहा, 'अभी ये फैसला नहीं लिया है। अगर, चुनाव लड़ना होगा तो पहले आजमगढ़ के लोगों से पूछूंगा, उसके बाद ही मैदान में उतरूंगा।'

मुसहर बिरादरी को समाजवादी पेंशन से जोड़ा

अखिलेश यादव ने आगे कहा, 'वाराणसी में मुसहर बिरादरी को समाजवादी पेंशन से जोड़ा था। इसके बाद कुशीनगर में भी इसी तरह इस सनाज के लोगों को जोड़ा गया था। उन्होंने कहा, बुंदेलखंड खंड में समाजवादी पैकेट बांटने गया था। वहां मुसहर जाति के लोगों की स्थिति दयनीय देखी थी। सपा अध्यक्ष ने इस दौरान की कहानी भी सुनाई। फिर बोले, तब हमने मुसहर समाज के लोगों को लोहिया आवास दिया था।'

सपेरे समाज के लोगों को भी लोहिया आवास दिया

अपने संबोधन में अखिलेश यादव बोले, लखनऊ में सपेरे समाज के लोगों को भी लोहिया आवास दिया था। उन्होंने कहा, प्रदेश में दोबारा सरकार बनने पर एक्सप्रेस- वे के किनारे 'स्नेक चर्मस विलेज' बनाएंगे। यह विलेज पहले कन्नौज में पहले खोलने की योजना थी। उस वक्त ज़मीन नहीं मिली थी। लेकिन, अब सरकार में आने के बाद इसे जल्द लागू करेंगे। सपा अध्यक्ष ने कहा, कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में सबसे ज्यादा खाते खोले जाएंगे।

समाजवादी विचारधारा वहां भी पहुंच गई

इसी दौरान, अपर्णा यादव के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का सवाल जब अखिलेश यादव से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हमें खुशी है समाजवादी विचारधारा वहां भी पहुंच गई। नेता जी ने उन्हें बहुत समझाया था।' इस दौरान उन्होंने कहा, 'पहले पशुओं की सेवा की बातें की गयी थी। लेकिन आज शहर में आवारा पशुओं की भूखे भटकते दिख जाएंगे। जो लोग गाय माता को भूखा रख रहे हैं उन लोगों को श्राप लगेगा।' अखिलेश के निशाने पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी रहे।

'बुकक्ल नवाब जेल जा रहे थे, लेकिन बीजेपी में चले गए'

अखिलेश ने उम्मीदवारों के सवाल पर बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, 'बुकक्ल नवाब जेल जा रहे थे, लेकिन बीजेपी में चले गए। ऐसे ही एक बिल्डर भी उनके साथ हो लिए। एक अन्य सवाल पर सपा सुप्रीमो ने कहा कि समाजवादीयों और मुझे बीजेपी का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। राष्ट्रवाद का पथ मुझे न पढ़ाए। मैं खुद मिलिट्री स्कूल में पढ़ा हूं।' बीजेपी वाले बताएं उनके साथ का कोई मिलेट्री में अधिकारी हो। मेरे साथ वाले कई आज मिलिट्री में अधिकारी हैं।

समाजवादी पार्टी के मुखिया भी इस बार 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मैदान में उतर रहे हैं। अखिलेश यादव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पार्टी से टिकट फाइनल होने के बाद गोरखपुर से चुनाव लड़ने का फैसला कर चुके हैं। लेकिन अखिलेश के लिए ये चुनाव इस मायने में महत्वपूर्ण है कि उन्होंने अभी तक कोई विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है।

अखिलेश यादव ने 2000 में बिग एंट्री करते हुए कन्नौज लोकसभा से चुनाव जीता था बाद में 2004 में भी वह यहां से जीते थे। लेकिन 2009 में सपा नेता ने दो जगह से लोकसभा का चुनाव लड़ा और खास बात ये है कि दोनों जगह से ही उन्होंने चुनाव जीता। 2009 में उन्होंने कन्नौज और फिरोजाबाद से चुनाव जीतने के बाद फिरोजाबाद से त्यागपत्र दे दिया था और कन्नौज सीट अपने पास रखी थी।

लेकिन 2012 में जब वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्हें कन्नौज लोकसभा सीट से इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन इसके बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा बल्कि विधान परिषद के जरिये उच्च सदन के सदस्य बन गए। 2019 में वह आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद बने। अब इस बार पहली बार अखिलेश यादव विधान सभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं, चर्चा है कि अखिलेश यादव पूर्वांचल या मध्य यूपी की किसी सीट से मैदान में उतर सकते हैं। आजमगढ़ या गाजीपुर जिले की किसी विधान सभा सीट से उनके चुनावी मैदान में उतरने के कयास लगाए जा रहे हैं।

कहा ये जा रहा है कि अखिलेश यादव आजमगढ़ की गोपालपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसकी वजह इस सीट के जातिगत समीकरण हैं। हालांकि अखिलेश यादव के यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर समाजवादी पार्टी से अभी आधिकारिक ऐलान होना बाकी है। अगर देखा जाए तो गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र सपा का गढ़ रहा है। यहां से चार बार सपा तो एक बार बसपा जीती है।

अगर जातिगत आधार पर देखें तो यहां सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं, जिनकी संख्या लगभग 64 हजार है। दूसरे नंबर पर 51 हजार दलित हैं। तीसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता हैं, जिनकी आबादी लगभग 41 हजार है। इसके बाद ब्राह्मण, क्षत्रिय, भूमिहार दस से बारह हजार के बीच हैं। राजभर 24 हजार, मल्लाह 11 हजार, कहार 1500, प्रजापति 10 हजार, चौरसिया चार हजार, बनिया 23 हजार, चौहान 10 हजार, पासी 10 हजार, सोनकर सात हजार हैं. इनके अलावा लगभग 17 हजार अन्य जातियां हैं। इस सीट पर सपा और बसपा दोनों के वोटर हैं। लेकिन सपा को सवर्णों के वोट मिलने का भरोसा है।




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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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