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UP Election 2022: अब मोदी और योगी के गढ़ में होगी BJP की परीक्षा, छठे-सातवें चरण से निकलेगा बड़ा सियासी संदेश
छठे चरण में मुख्यमंत्री योगी के गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर के आसपास के जिलों में मतदान का काम पूरा होगा, जबकि सातवें चरण में पीएम मोदी के गढ़ माने जाने वाले वाराणसी के इर्द-गिर्द के जिलों की सीटों पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा के पांच चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद अब बाकी के दो चरण भाजपा (BJP) के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं। छठे और सातवें चरण (6th and 7th phase UP Elections) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के गढ़ में भाजपा की सियासी परीक्षा होनी है। यही कारण है कि बाकी दो चरणों के प्रत्याशी (candidate) इन दो बड़े नेताओं का कार्यक्रम अपने यहां लगवाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। हालांकि पहले के चरणों में भी इन दोनों नेताओं की काफी डिमांड रही है मगर अब इन दोनों नेताओं के गढ़ के इर्द-गिर्द ही मतदान होना है।
छठे चरण में मुख्यमंत्री योगी के गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर (Gorakhpur) के आसपास के जिलों में मतदान का काम पूरा होगा जबकि सातवें चरण में पीएम मोदी के गढ़ माने जाने वाले वाराणसी (Varanasi) के इर्द-गिर्द के जिलों की सीटों पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा। इन दोनों चरणों की सीटों पर भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी है और ये दोनों चरण सियासी नजरिए से भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
अब योगी के गढ़ में होगा मतदान
प्रदेश में छठे चरण के दौरान गोरखपुर और आसपास के जिलों की सीटों पर 3 मार्च 2022 को मतदान होगा। गोरखपुर और आसपास के जिलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मजबूत पकड़ मानी जाती है। वे गोरखपुर संसदीय सीट से पांच बार लोकसभा (Lok Sabha) का चुनाव भी जीत चुके हैं। गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) के महंत होने के साथ ही वे प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक हैं। ऐसे में छठे चरण में योगी के गढ़ माने जाने वाले इलाके में भाजपा की परीक्षा होनी है।
मुख्यमंत्री की किस्मत का भी होगा फैसला
छठे चरण में गोरखपुर के साथ ही देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, बलिया, बलरामपुर और अंबेडकरनगर में मतदान होगा। इन सभी जिलों को मुख्यमंत्री योगी के प्रभाव वाला इलाका माना जाता है। मुख्यमंत्री खुद इस बार गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से प्रत्याशी हैं। हालांकि वे अपने क्षेत्र से ज्यादा दूसरे क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों को जीत दिलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। छठे चरण में अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में मतदान होने के कारण मुख्यमंत्री योगी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इस चरण में भाजपा को काफी उम्मीदें हैं और अब यह देखने वाली बात होगी कि योगी इन उम्मीदों पर खरा उतरने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।
सातवें चरण में पीएम का संसदीय क्षेत्र भी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से ही पूर्वी उत्तर प्रदेश का बड़ा केंद्र माने जाने वाले वाराणसी से सांसद हैं। प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण में वाराणसी और आसपास के जिलों की सीट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की किस्मत तय होगी। 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने वाराणसी को केंद्र बनाकर आसपास के जिलों में चुनाव प्रचार किया था। इन दोनों ही चुनावों में पीएम मोदी की ओर से ताकत लगाए जाने के बाद भाजपा दूसरे दलों को काफी पीछे छोड़ने में कामयाब हुई थी। यही कारण है कि अब सातवें चरण में चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों को पीएम मोदी की ताकत पर ही ज्यादा भरोसा है।
पूर्वांचल में पीएम मोदी ने लगाई ताकत
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को वाराणसी पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने वाराणसी जिले की आठ विधानसभा सीटों के बूथ प्रभारियों को चुनाव प्रबंधन और जीत का मंत्र दिया था। इस दौरान उन्होंने काशी और पूर्वांचल के साथ अपना लगाव जाहिर करने के साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव पर जमकर निशाना भी साधा। अब बाकी के दिनों में पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में प्रधानमंत्री मोदी की कई जनसभाएं होनी है। सातवें चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर थमने के पहले पीएम मोदी 4 मार्च को फिर वाराणसी के दौरे पर आएंगे। इस दौरान उनकी जनसभा और रोड शो का कार्यक्रम भी तय किया गया है। वे 5 मार्च को चुनावी शीर थमने के पूर्व दिल्ली रवाना होंगे। ऐसे में पूर्वांचल के प्रत्याशियों की नजर पीएम मोदी के दौरे से होने वाले सियासी लाभ पर टिकी हुई है।
आखिरी चरण में इन जिलों में होगा मतदान
सातवें चरण में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ ही आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, भदोही, मिर्जापुर, जौनपुर, सोनभद्र और चंदौली में मतदान होगा। इन सभी जिलों से निकलने वाले सियासी संदेश को पीएम मोदी से जोड़कर देखा जाएगा और यही कारण है कि इन सभी जिलों में पीएम मोदी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की इन सीटों पर निर्णायक बढ़त हासिल करने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है।
पूर्वांचल में अमित शाह और राजनाथ भी सक्रिय
छठे और सातवें चरण में भाजपा प्रत्याशियों की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह भी काफी सक्रिय हैं। वे काशी को केंद्र बनाकर आसपास के जिलों में जोरदार चुनाव प्रचार करने में जुटे हुए हैं। शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी पूर्वांचल के जिलों में काफी सक्रिय हैं। जिन इलाकों में चुनाव मतदान का काम पूरा हो चुका है, वहां के पार्टी पदाधिकारियों को भी पूर्वी उत्तर प्रदेश में चुनावी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब सबकी नजर पूर्वी उत्तर प्रदेश से निकलने वाले सियासी संदेश पर टिकी हुई है।