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सुप्रीम कोर्ट से योगी सरकार को बड़ा झटका, सीएए प्रदर्शऩकारियों को भेजे गए वसूली नोटिस अविलंब वापस लेने का आदेश

Supreme court : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यानाथ सरकार (Yogi Adityanath government) को बड़ा झटका लगा है।

Krishna Chaudhary
Report Krishna ChaudharyPublished By Ragini Sinha
Published on: 12 Feb 2022 11:39 AM IST
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सुप्रीम कोर्ट (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Supreme court : विधानसभा चुनाव (Up election 2022) के मध्य सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यानाथ सरकार (Yogi Adityanath government) को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने 2019 में सीएए (CAA protest) के खिलाफ हो रहे आंदोलन के दौरान प्रदर्शऩकारियों (Protest) को भेजे गए वसूली नोटिस को लेकर यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने सरकार से प्रदर्शऩकारियों को भेजे गए वसूली के नोटिस(Notice) वापस लेने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार को एक निश्चित मोहलत देते हुए इसे वापस लेने का आदेश दिया है। इस दौरान सर्वोच्च न्यायलय ने सरकार पर तल्ख टिप्पणी भी की है।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने

याचिकाकार्ता परवेज आरिफ टीटू की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि यूपी सरकार ने आरोपियों की संपत्ति को जब्त करने की कार्यवाही में स्वयं शिकायतकार्ता, न्यायकर्ता और अभियोजक की भूमिका अदा की है। आपको कानून के तहत प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। आप हमारे आदेशों को दरकिनार नहीं कर सकते। जब हमने कहा था कि ये न्यायिक अधिकारियों के द्वारा किया जाना चाहिए तो फिर आपने एडीएम की नियुक्ति कैसे कर दी। दिसंबर 2019 में जो कार्यवाही हुई वो अदालत द्वारा निर्धारित कानून के विपरीत थी। शीर्ष अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके पास 18 फरवरी तक का समय है तब तक आप इन नोटिसों को वापस लीजिए, अन्यथा इस कार्य़वाही को हम खुद ही निरस्त कर देंगे। हम यह कार्यवाही वापस लेने का अंतिम मौका आपको दे रहे हैं।

क्या है मामला

दरअसल 2019 में केंद्र द्वारा पारित नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। यूपी में कई जगह हिंसक प्रदर्शन भी हुए। जिसमे सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था। इस विरोध प्रदर्शन पर योगी सरकार ने कड़ा रूख अपनाते हुए मामले में शामिल लोगों को क्षतिपूर्ति का नोटिस भेजा था। जिला प्रशासन द्वारा सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भेजे गए इस नोटिस की काफी आलोचना हुई थी। नोटिस में कई ऐसे लोग थे, जो या तो मृत थे या अत्यधिक वृध्द थे। यही वजह है कि मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया जहां योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है।

चुनाव पर असर

विपक्षी खेमे से कड़ी टक्कर झेल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए इसे बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। सीएम योगी देशभर में सीएए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अपनी इस सख्त कार्रवाई को नजीर की तरह पेश करते थे। ऐसे में उनके लिए ये बड़ा झटका है। वहीं योगी सरकार पर इस मामले को लेकर पहले से ही हमलावर रहा विपक्ष को शीर्ष अदालत के आदेश ने एक बड़ा मौका हाथ में दे दिया है।



Ragini Sinha

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