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UP Election 2022: कांग्रेस-आरएलडी में बढ़ी नजकीदियां, क्या अखिलेश का साथ छोड़ेंगे चौधरी साहब? जयंत को राज्यसभा भेजने का प्रस्ताव!

UP Election 2022: पिछले रविवार को प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और जयंत चौधरी (jayant chaudhary) की मुलाकात के बाद यूपी की सियासत में एक नया समीकरण बनता दिखाई दे रहा है। इससे सपा में भी कहीं ना कहीं बेचैनी दिख रही है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 3 Nov 2021 7:01 PM IST
UP Election 2022 Priyanka Gandhi and Jayant Chaudharys meeting Uttar Pradesh Assembly Election
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प्रियंका गांधी और जयंत चौधरी की मुलाकात। 

Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) को लेकर सियासी दलों में कौन किसका साथी बनेगा ये तस्वीर धीरे-धीरे साफ होने लगी है। लेकिन कुछ दल अभी भी अपना नफा-नुकसान सियासत की तराजू में तौल रहे हैं। इस वक्त यूपी में सबसे ज्यादा जो चर्चा है वह कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के बीच की है। क्योंकि पिछले दिनों प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और जयंत चौधरी (jayant chaudhary) की मुलाकात के बाद अब चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि क्या सपा का साथ छोड़कर आरएलडी कांग्रेस की सहयोगी बनेगी। कांग्रेस आरएलडी को पंजाब विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें और जयंत चौधरी (jayant chaudhary) को राज्यसभा भेजने का प्रस्ताव पेश किया है। अब आखिरी फैसला जयंत को करना है कि वह साइकिल के साथ बने रहेंगे या हाथ के साथ तालमेल करेंगे।

दरअसल, पिछले रविवार को प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और जयंत चौधरी (jayant chaudhary) की मुलाकात के बाद यूपी की सियासत में एक नया समीकरण बनता दिखाई दे रहा है। इससे सपा में भी कहीं ना कहीं बेचैनी दिख रही है। क्योंकि प्रियंका-जयंत की मुलाकात के दूसरे दिन ही आरएलडी से गठबंधन को लेकर चुप्पी साधे अखिलेश यादव ने साफ कर दिया कि उनके साथ उनका गठबंधन है। सीटों का बंटवारा भी जल्द फाइनल हो जाएगा। अखिलेश यादव ने अपना पक्ष भले ही साफ कर दिया हो लेकिन अब जयंत सपा से गठबंधन को लेकर चुप्पी साध लिए हैं। जयंत चौधरी (jayant chaudhary) अपनी पार्टी के नेताओं से मंथन में लगे हैं कि किसके साथ जाना उनकी पार्टी के लिए लाभदायक होगा। हालांकि आरएलडी की ओर से यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस और बसपा का गठबंधन जब नहीं हो सका तो आरआरडी के साथ जाने से कोई फायदा नहीं होने वाला है। लेकिन आखिरी अब चौधरी साहब को ही करना है।

जयंत चौधरी ने छोड़ दी थी फ्लाइट

बता दें रविवार को आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी (jayant chaudhary) ने लखनऊ में अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया था। उसके बाद उनका टिकट दिल्ली जाने का था। जिस फ्लाइट पर जयंत का टिकट था । उसी फ्लाइट से अखिलेश यादव का भी टिकट था । लेकिन जयंत ने ऐन मौके पर उस फ्लाइट को छोड़ दिया और अखिलेश यादव दिल्ली चले गए। जिसके बाद प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और जयंत की मुलाकात लखनऊ एयरपोर्ट पर हुई। वह उनके साथ दिल्ली गए। यह फ्लाइट छत्तीसगढ़ सरकार की थी । उसमें सीएम भूपेश बघेल और हरियाणा से सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी बैठे थे।

पश्चिमी यूपी पर सपा-कांग्रेस की नजर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खास बर्चस्व रखने वाली आरएलडी का 2014 के बाद से लगातार ग्राफ गिरता गया है। किसान आंदोलन के जरिए अपना खोया राजनीतिक रसूख की पाने की कोशिश में लगे जयंत चौधरी (jayant chaudhary) पश्चिमी यूपी में काफी सक्रियता दिखा रहे हैं। रथ यात्रा के जरिए मतदाताओं को अपने पाले में करने में लगे हैं। जयंत- अखिलेश यादव की जोड़ी का फायदा पश्चिमी यूपी में होता दिखाई भी दे रहा था। अब कांग्रेस की एंट्री से इसमें स्ट्वीस्ट आ गया है। गौरतलब है कि पश्चिमी यूपी के बड़े नेता पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और पंकज मलिक ने अब कांग्रेस का हाथ छोड़कर साइकिल की सवारी कर ली है। कांग्रेस उनकी भरपाई करने के लिए अपनी नजदीकियां जयंत से बढ़ा रही है। वहीं अखिलेश की चुप्पी ने भी जयंत की चिंताएं बढ़ा दी थी। जिसके बाद अब जयंत पश्चिमी यूपी की सियासत को लेकर धुरी बनते दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि यहां विधानसभा की 142 सीटें हैं और ज्यादातर बीजेपी की झोली में हैं। अब फैसला जयंत को करना है कि वह अखिलेश के साथ बने रहते हैं या फिर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के साथ कुछ नया गुल खिलाएंगे।

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Deepak Kumar

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