UP Politics: AAP ने CAG की रिपोर्ट को लेकर योगी सरकार को घेरा, संजय सिंह का आरोप- 'चारा घोटाले से बड़ा है कुम्भ में हुआ महाघोटाला'

UP Politics: संजय सिंह ने आरोप लगाया ‘सीएजी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुंभ मेले के आयोजन के लिए जो 2700 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, उनमें भारी अनियमितता बरती गई है।’

Shashwat Mishra
Published on: 23 Aug 2021 2:15 PM GMT
Sanjay Singh
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एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आप सांसद संजय सिंह (फोटो: न्यूजट्रैक)

UP Politics: आम आदमी पार्टी (AAP) ने नियंत्रक एवं लेखा महा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ वर्ष 2019 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने सोमवार को एक बयान में आरोप लगाया 'सीएजी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुंभ मेले के आयोजन के लिए जो 2700 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, उनमें भारी अनियमितता बरती गई है।'

'कूड़ा ढोने का खर्च 33.50 लाख रुपये'

संजय सिंह ने यह दावा किया है कि 'ऑडिट में यह पकड़ा गया है कि कुंभ मेले के आयोजन के लिए 32 ट्रैक्टर खरीदे गए, वे कार, मोपेड और स्कूटर के नंबर पर हैं। CAG की रिपोर्ट के मुताबिक़ चारा घोटाले से बड़ा है। कुम्भ में हुआ महाघोटाला एक ट्रैक्टर कूड़ा ढोने का खर्च 33.50 लाख रुपये मोपेड और मोटर साइकिल से हुई कूड़ा ढुलाई। इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि कुंभ के मेले के नाम पर कितना बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है।'

'बीजेपी भ्रष्टाचार का कोई मौका नहीं छोड़ रही'

आप प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि 'प्रभु श्री राम का मंदिर हो, चाहे प्रयागराज का कुंभ हो, भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है। मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा से कहना चाहता हूं कि कम से कम धर्म को तो बख्श दो। कभी प्रभु श्रीराम के मंदिर के नाम पर चंदा चोरी करते हो, कभी प्रयागराज के कुंभ मेले के आयोजन के नाम पर भ्रष्टाचार करते हो। पूरे उत्तर प्रदेश की जनता आपके सच को देख रही और समय आने पर जवाब देगी।'

'जानिए क्या कहती है रिपोर्ट'
गौरतलब है कि साल 2019 में प्रयागराज में संपन्न कुंभ मेले के आयोजन की लेखा परीक्षा में करोड़ों रुपये का अपव्यय सामने आया है। लेखा परीक्षा प्रतिवेदन के मुताबिक, नगर विकास विभाग ने कुंभ मेला अधिकारी को 2,743.60 करोड़ रुपये स्वीकृत किया था, जिसके मुकाबले जुलाई 2019 तक 2,112 करोड़ रुपये खर्च किये गये। रिपोर्ट के अनुसार- क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के अभिलेखों से मेसर्स स्वास्तिक कंस्ट्रक्शन से संबंधित सत्यापन रिपोर्ट में उल्लिखित 32 ट्रैक्टरों की पंजीकरण संख्या के सत्यापन में पाया गया कि 32 में से चार ट्रैक्टरों के पंजीकरण नंबर एक मोपेड, दो मोटरसाइकिल और एक कार के थे। इसके अलावा, विभिन्न विभागों ने भी अपने बजट से कुम्भ मेले से संबंधित कार्यों, सामग्री खरीदने के लिए धन जारी किया था, हालांकि अन्य विभागों द्वारा निर्गत धन की जानकारी मेला अधिकारी ने उपलब्ध नहीं कराई, जिससे व्यय की समग्र स्थिति का पता नहीं लगाया जा सका।

'65.87 करोड़ रुपये का आवंटन'

लेखा परीक्षा के अनुसार- कुम्भ मेले के लिए उपकरणों की खरीद के लिए राज्य आपदा राहत कोष से गृह (पुलिस) विभाग को 65.87 करोड़ रुपये का आवंटन किया, जबकि राज्य आपदा राहत कोष का उपयोग केवल चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, भूस्खलन आदि से पीड़ित लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए होता है। रिपोर्ट में वित्तीय स्वीकृति से अधिक या बगैर वित्तीय स्वीकृति के कार्य कराए जाने के मामले भी सामने आए हैं. नगर विकास विभाग ने मेला क्षेत्र में टिन, टेंट, पंडाल, बैरिकेडिंग कार्यों के लिए 105 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी, जबकि मेला अधिकारी ने 143.13 करोड़ रुपये के कार्य कराए। इससे 38.13 करोड़ रुपये की देनदारियों का सृजन हुआ। इसी तरह, लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड ने नगर विकास विभाग से वित्तीय स्वीकृति प्राप्त किए बगैर सड़कों की मरम्मत एवं सड़कों के किनारे पेड़ों पर चित्रकारी से संबंधित 1.69 करोड़ रुपये की लागत से छह कार्य कराए। इसमें से एक कार्य के लिए 52.86 लाख रुपये का भुगतान एक अन्य कार्य की बचत की धनराशि से किया गया जो कि अनियमित था। लेखा परीक्षा जांच में पाया गया कि तीन कार्य उन निविदादाताओं को दिए गए जो बोली लगाने की क्षमता के आधार पर निविदा के लिए पात्र नहीं थे। वहीं, फाइबर प्लास्टिक शौचालयों (सैप्टिक टैंक, सोकपिट) के लिए समिति द्वारा निर्धारित मानक कीमतें, फर्मों द्वारा इच्छा पत्र में डाली गई कीमतों से अधिक थीं और निविदा की दरें और भी अधिक थीं।

'खुद पर एफआईआर पर रोने वाले योगी सोचते हैं कि फर्जी मुकदमों से विपक्ष के नेता भी डर जाएंगे'

मुजफ्फरनगर के सीजीएम कोर्ट में क्राइम ब्रांच द्वारा आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमे में क्राइम ब्रांच द्वारा साक्ष्य के अभाव में एफआर दाखिल करने पर आप के यूपी के मुख्य प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर करारा हमला बोला। बोले- खुद पर एफआईआर पर संसद में रोने वाले योगी सोचते हैं कि फर्जी मुकदमों से विपक्ष के नेता भी डर जाएंगे, मगर उन्हें यह नहीं पता सब उनकी तरह नहीं होते। योगी ने सांसद संजय सिंह पर दबाव बनाने के लिए उन पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए हैं। ऐसे ही एक मामले में उन्होंने क्राइम ब्रांच से जांच कराई लेकिन क्राइम ब्रांच के हाथ कोई साक्ष्य नहीं लगे और उसने कोर्ट में एफआर लगा दी। आम आदमी पार्टी और हमारे नेता संजय सिंह ऐसे फर्जी मुकदमों से डरने वाले नहीं हैं। वक्त आने पर इन सब मुकदमों का हाल मुजफ्फरनगर के मामले जैसा ही होगा। वह कितने भी मुकदमे दर्ज करें, मगर हम योगी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ इसी तरह से आगे भी मजबूती के साथ आवाज उठाते रहेंगे।




Dharmendra Singh

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