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UP Politics: नारी सशक्तिकरण का 80 प्रतिशत पैसा भाजपा सरकार उड़ा रही विज्ञापनों में, बोलीं सुप्रिया श्रीनेत
UP Politics: कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा (BJP) के दावों की हंसी उड़ाते हुए कहा कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' (beti bachao beti padhao) अभियान का 80 प्रतिशत पैसा भाजपा सरकार (BJP government)विज्ञापनों में उड़ा रही है।
UP Politics: उत्तर प्रदेश कांग्रेस (Congress) ने एक बार फिर भाजपा (BJP) के दावों की हंसी उड़ाते हुए कहा कि महिलायें सिर्फ संकुचित मानसिकता के खिलाफ ही नहीं लड़ रहीं हैं बल्कि वह अपने हक के लिए सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नारी सशक्तिकरण (women empowerment) की असलियत यह है कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' (beti bachao beti padhao) अभियान का 80 प्रतिशत पैसा भाजपा सरकार (BJP government) विज्ञापनों में उड़ा रही है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (Congress National Spokesperson Supriya Shrinet) ने पार्टी के मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के मुद्दे को उठाते हुए भाजपा सरकार पर सवाल खड़े किए।
उन्होंने कहा कि जेपी नड्डा (JP Nadda) भाजपा के पहले नेता नहीं हैं जिन्होंने ऐसा किया, आख़िरकार बार बार भाजपा महिलाओं, लड़कियों का उपहास क्यों कर रही है? उनको लड़कियों के सशक्तिकरण से क्या दिक्क़त है? बात साफ़ है वह इस अभियान पर हमला कर रहे हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि महिलाएं स्वतंत्र हों, सशक्त हों।
नारी शक्ति से केवल नड्डा ही नहीं उनकी पूरी पार्टी डरती है। नड्डा जी, महिलाएँ सिर्फ़ कुरीतियों के ख़िलाफ़ या संकुचित मानसिकता के ख़िलाफ़ ही नहीं लड़ रही हैं बल्कि वह सबसे बड़ी लड़ाई अपने हक़ की लड़ रही हैं - वह समानता की लड़ाई लड़ रही हैं, समान शिक्षा और अवसरों की लड़ाई लड़ रही हैं, और अब वह रुकने वाली नहीं हैं। भाजपा को लगता है कि महिलाएं केवल एक बाथरूम और एक गैस सिलेंडर के लायक हैं। बार बार शौचालय और गैस सिलेंडर का हवाला दे कर आखिरकार भाजपा क्या सिद्ध करना चाहती है?
उन्होंने लड़कियों के लिए नौकरी, शिक्षा, स्वावलम्बन, सम्मान, सुरक्षा की क्रांति का आवाहन किया है और इसी बात से भाजपा परेशान है। आज कांग्रेस भाजपा अध्यक्ष नड्डा जी से कुछ सवाल पूछती है-
1. भाजपा अध्यक्ष 'लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ' अभियान पर हमला कर रहे हैं क्योंकि उन्हें साफ़ दिख रहा है कि महिलाएँ ज़बरदस्त तरीक़े से इस अभियान से जुड़ रही हैं, वह एकजुट होकर एक ताक़त के रूप में उभर रहीं हैं। चाहे रैलियां हों या शक्ति संवाद, महिलाओं का इतनी बड़ी संख्या में आना इस बात का प्रमाण है कि वह सिर्फ एक शौचालय नहीं-अपने सारे हक़ पाने की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। नड्डा जी क्या आप उनको हक़ देने के लिए तैयार हैं?
2. भाजपा इस देश की आधी आबादी को एक शौचालय देकर मुँह मोड़ना चाहती है। नड्डा जी, आज औरतें समानता और इज़्ज़त चाहती है। वह सिर्फ़ माँ, बहन, बेटी बनकर सीमित नहीं रहना चाहती। अगर आपके अंदर हिम्मत है तो हम महिलाओं को दोयम दर्जा देना बंद कीजिए, हम हर चीज़ में भागीदार हैं। हमारे संविधान ने महिलाओं को पुरुषों की तरह ही समान अधिकार दिए हैं, अब आप हमारे वजूद को नकार नहीं सकते क्योंकि लड़कियाँ यह पक्षपात सहने को तैयार नहीं हैं। आप शौचालय और एक मुफ्त गैस सिलेंडर की ओट लेकर महिलाओं के वजूद को नकारना कब बंद करेंगे?
3. एक और सवाल पूछना बनता है आपसे नड्डा जी, आप और आपकी पार्टी इतने साल कहाँ थे जब कांग्रेस ने इस देश को पहली महिला मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और लोकसभा सभापति दी ? सच तो यह है अभी तक महिलाओं पर चुप रहने वाले आप महिलाओं की चुनावी ताकत से अचानक डरने पर आज उनके बारे में बात करने को विवश हैं।
4. पिछले 7.5 सालों में तो मोदी जी ने महिलाओं की कोई टोह नहीं ली, अब वह अचानक केवल महिलाओं की रैली क्यों कर रहे हैं? क्यों प्रशासन को बसें भर कर महिलाओं को एकत्रित करना पड़ रहा है? वह अचानक नकद हस्तांतरण की घोषणा क्यों कर रहे हैं?
5. कांग्रेस ने तो प्रतिज्ञा ली है कि महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए हम विधानसभा चुनाव में 40 फीसद टिकट महिलाओं को देंगे। 20 लाख सरकारी नौकरियों में 40 फीसद मतलब 8 लाख नौकरियाँ महिलाओं के लिए होंगी। पुलिस बल में 25 फीसद पदों पर लड़कियों की नियुक्ति होगी। हम लड़कियों को ना सिर्फ़ स्मार्टफ़ोन और स्कूटी देंगे बल्कि हर जनपद में उनके लिए दक्षता विद्यालय खोलेंगे। हम आपकी तरह आँगनबाड़ी और आशा बहुओं का तिरस्कार ना कर उनका मानदेय सुनिश्चित करेंगे।
6. आज इस मंच से मैं आपसे पूछती हूँ, आपकी केंद्र में बहुमत की सरकार है - फिर भी पिछले 7.5 सालों में सदन में महिला आरक्षण के बारे में मोदी जी या आपने एक शब्द तक क्यों नहीं बोला। अगर नीयत साफ़ है, तो क्या आप कानून पारित करके आधी आबादी की राजनैतिक भूमिका और भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं?
यह सच है की प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और कांग्रेस ने देश की राजनीति में महिलाओं की अहम भूमिका को लेकर एक मुहिम शुरू कर दी है और अब नड्डा जी आप या कोई और महिलाओं को नजरअंदाज करने की हिम्मत नहीं कर सकता है। आपकी बातों से साफ़ है कि वास्तव में तो आप महिला विरोधी हैं, पर अब टोकन देने का वक्त बीत चुका है, आपकी मानसिकता जो औरतों को चूल्हे-चौके तक सीमित रखना चाहती है अब बर्दाश्त नहीं।
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