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UP Politics News: क्या समाजवादी रहा था अखिलेश का शासन, पढ़ें ये पूरी खबर

UP Politics News: उत्तर प्रदेश में अब हर राजनीतिक दल में विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई हैं। इस माहौल में अब समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव के भविष्य दांव पर है। अब हर जिले में ये सवाल पूछा जा रहा है कि अखिलेश सरकार में आखिर समाजवादी क्या था?

Rajendra Kumar
Report Rajendra KumarPublished By Deepak Kumar
Published on: 14 Dec 2021 7:08 PM IST
UP Politics: बोले अखिलेश यादव- बीजेपी की नहीं समाजवादी पार्टी है सरयू परियोजना
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अखिलेश यादव (फोटो- न्यूजट्रैक) 

UP Politics News: उत्तर प्रदेश में अब हर राजनीतिक दल में विधानसभा चुनावों (up election 2022) की तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई हैं। जिलों में बड़े नेताओं के दौरे और रैलियां का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश में चुनावी रंग चढ़ने लगा है। इस माहौल में अब समाजवादी पार्टी (samajwadi party news) और उसके मुखिया अखिलेश यादव (Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav) के भविष्य दांव पर है। अब हर जिले में ये सवाल पूछा जा रहा है कि अखिलेश सरकार (Akhilesh Government) में आखिर समाजवादी क्या था? समाजवाद का एक खास अर्थ होता है। इस नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी के पास अलग या विशिष्ट कार्यक्रम होना चाहिए था। पर क्या सपा की अखिलेश सरकार (Akhilesh Government) में कोई समाजवादी कार्यक्रम (Samajwadi Program) भी था? अखिलेश सरकार (Akhilesh Government) के पांच साल के शासन को ध्यान में रखते हुए इस प्रश्न को अब इस रूप में पूछा जा रहा है कि अखिलेश की सरकार (Akhilesh Government) ने आखिर ऐसी क्या योजनाएं एवं कार्यक्रम पेश किए, जिन्हें बाकी सरकारों से अलग और समाजवादी कहा जाए ?

अखिलेश सरकार के शासन को लेकर पूछा जा रहे सवाल

प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) द्वारा बीते साढ़े चार वर्षों में बिना किसी भेदभाव के चलाई गई तमाम जनउपयोगी योजनाओं के चलते ही अखिलेश सरकार (Akhilesh Government) के शासन को लेकर यह सवाल पूछा जा रहा है। वास्तव में सबका साथ, सबका विश्वास और सबका विकास की सोच के तहत प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने गरीबों को फ्री राशन, आवास, शौचालय, उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिया। इसके साथ ही किसानों को किसान सम्मान निधि, साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी, बालिकाओं को स्नातक स्तर तक निशुल्क शिक्षा और एक लाख से अधिक महिलाओं को योगी सरकार ने सरकारी नौकरी मुहैया कराई। सोमवार को काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। योगी सरकार (Yogi Government) की इन योजनाओं के चलते ही यह चर्चा हो रही है क्या अखिलेश सरकार (Akhilesh Government) का शासन समाजवादी शासन था ?

ये सवाल अखिलेश यादव (Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav) द्वारा छोटे छोटे दलों का गठबंधन कर बनाई जा रही अपनी नई पोजिशनिंग के मद्देनजर महत्त्वपूर्ण है। सपा मुखिया अखिलेश यादव (Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav) लंबे समय से अपनी छवि विकास पुरुष की बनाने की कर रहे हैं। परन्तु जनता की बीच में अब तक वह अपनी छवि बना नहीं सकें हैं। इसकी वजह है, विकास के जिस रास्ते पर अखिलेश चले, वह दूसरी सरकारों के एजेंडे अथवा विकास की आम धारणा से काफी अलग है। अखिलेश यादव (Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav) अपनी सरकार ने जनता के लिए व्यक्तिगत लाभ वाली योजनाओं को शुरू नहीं कर सके। राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने में भी वह सफल नहीं हुए, इस कारण से वह युवाओं को रोजगार देने में नाकाम रहे हैं।

अखिलेश सरकार में हुए तुष्टीकरण पर लोग कर रहे बहस

उन्होंने आगरा एक्सप्रेस वे (Agra Express way) और मैट्रो योजना (Metro Scheme) शुरू कराई लेकिन मुज्जफरनगर में हुए दंगे और सपा नेताओं की गुंडई एवं अराजकता ने उनके इस कार्यों पर पानी फेर दिया। इसके चलते अब गांव अखिलेश सरकार (Akhilesh Government) में हुए तुष्टीकरण पर लोग बहस कर रहे हैं। आईएएस दुर्गा नागपाल के साथ हुए विवाद को लेकर कैसे देशभर के आईएएस ने प्रदेश के फैसले पर सवाल उठाया था, यह अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। जनता के इस मत को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अंशुमान शुक्ला कहते हैं, अखिलेश सरकार (Akhilesh Government) का समाजवाद सपा नेताओं की अराजकता का समाजवाद था। अखिलेश यादव के शपथग्रहण समारोह में जिस तरह का तांडव सपा नेताओं के दिखाया था, वह पूरे पांच साल तक जारी रहा था। यहीं नहीं सपा नेता अमर सिंह (SP leader Amar Singh) में सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव (Akhilesh Government) के समाजवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि मैं समाजवादी नहीं मुलायमवादी हूं। मतलब अखिलेश सरकार (Akhilesh Government) में जनता का नहीं पार्टी का हित ही सबसे ऊपर रहा था। जबकि योगी सरकार में गरीबों के हित को तवज्जो दी जा रही है।

गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों में समाजवादी पार्टी पर किया था हमला

ऐसी चर्चाओं ने तब और जोर पकड़ लिया जब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गोरखपुर में एम्स (AIIMS in Gorakhpur) और खाद कारखाने का उद्घाटन करते हुए कहा कि लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुली छूट देने के लिए। लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए। याद रखिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानि खतरे की घंटी हैं। लाल टोपी से उनका इशारा समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की ओर था। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने अपराधियों को संरक्षण देकर यूपी का नाम बदनाम कर दिया था। आज माफिया जेल में हैं और निवेशक दिल खोल कर यूपी में निवेश कर रहे हैं। पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को भी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) राष्ट्र को समर्पित करते हुए भी योगी आदित्यनाथ की सरकार (Yogi Adityanath Government) की सराहना की। उन्होंने कह कि यही डबल इंजन का डबल विकास है। इसलिए डबल इंजन की सरकार पर यूपी को विश्वास है। प्रधानमंत्री के इस कथन के बाद ही अब प्रदेश भर में लोग अखिलेश तथा योगी सरकार (Yogi Government) में हुए विकास कार्यों की तुलना कर रहे हैं और ऐसी चर्चाओं में लोग योगी सरकार (Yogi Government) का काम अखिलेश से बहुत बेहतर मान रहे हैं।

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