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UP Today News: सरकारी नौकरी करने वाले नहीं ले सकेंगे दहेज, योगी सरकार ने कसी नकेल

Up Today News: योगी सरकार नकेल कसने जा रही है। जो सरकार के प्रति जवाबदेह हैं, उनके दहेज ना लेने पर कुछ हद तक रोक जरुर लग सकती है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 16 Oct 2021 11:11 AM IST (Updated on: 16 Oct 2021 11:16 AM IST)
Dowry case
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Dowry in Meerut (social media)

UP Today News: हमारे समाज में आज भी दहेज (Dowry) जैसी कुप्रथा हावी है, इससे हर कोई पीड़ित है। योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने इसे रोकने का बेड़ा उठाया है। यूपी सरकार (Up Sarkar Ne Dahej Par Lgaya Rok) ने दहेज लेने और देने पर रोक लगाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। अब सरकारी कर्मचारी (Sarkari Karamchari) दहेज नहीं ले सकेंगे। इसके लिए उन्हें बकायदा नियुक्त अधिकारी को घोषणा पत्र देना होगा। ये नियम 31 अप्रैल, 2004 के बाद विवाहित उन सभी सरकारी सेवकों पर लागू होगा जो सरकार से वेतन उठाते हैं।

सरकारी नौकरी (Sarkari Nokri ke nam per dahej) के नाम पर दहेज की लगती है बोली

उत्तर प्रदेश (Uttar pardesh Today News) समेत कई राज्यों में अक्सर यह देखने को मिलता है कि अगर बेटे को सरकारी नौकरी मिल गई तो उसकी शादी के लिए दहेज (dahej pratha kya hai) की बोली लगनी शुरू हो जाती है। इस बोली में जो सबसे आगे होता है उसकी बात बन जाती है। हालांकि, कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो दहेज लेने और देने में विश्वास नहीं रखते हैं। लेकिन तमाम ऐसे लोग हैं जो बिना दहेज (Dahej) के शादी करना ही नहीं चाहते। अब ऐसे लोगों पर योगी सरकार (dahej pratha per yogi sarkar ka action) नकेल कसने जा रही है। जो सरकार के प्रति जवाबदेह हैं, कम कम से उनके दहेज ना लेने पर कुछ हद तक रोक जरुर लग सकती है।

योगी सरकार ने दिया 18 अक्टूबर तक समय

योगी सरकार (yogi sarkar ka bada faisla today) ने दहेज जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करने के उद्देश्य से 31 मार्च, 2004 को उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेण नियमावली (Uttar Pradesh Dowry Prohibition Rules) 2004 प्रथम संशोधन जारी करते हुए नियमावली के नियम-5 में यह व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के तहत प्रत्येक सरकारी सेवक अपने विवाह (Vivah) के समय यह उल्लेख करते हुए अपने नियुक्ति अधिकारी को स्वहस्क्षारित घोषणा पत्र देना होगा। इस घोषणा पत्र में सरकारी कर्मचारी को अपने विवाह में दहेज न लेने का जिक्र करना होगा। यह नियम 31 अप्रैल, 2004 के बाद विवाहित उन सभी सरकारी सेवकों पर लागू होगा। इस संबंध में यूपी महिला कल्याण विभाग (UP Women Welfare Department) ने सभी सरकारी सेवकों को प्रमाण पत्र देने को कहा है। इसके साथ ही सभी विभागों को रिमांडर जारी करते हुए 18 अक्टूबर तक का दिया गया समय।

1961 में पहली बार बना था दहेज कानून (kab bana dahej pratha kanoon)

एक स्टडी के मुताबिक भारत में पहली बार वर्ष 1961 में दहेज को लेकर कानून बना था। इसे अपराध (Crime today news) की श्रेणी में डाल दिया गया था। लेकिन यह विडम्बना ही है कि इसके खिलाफ कानून बनने के बाद भी भारत में दहेज प्रथा बंद नहीं हुई। इस अध्ययन में वर्ष 1960 से लेकर 2008 के दौरान यह पाया गया कि 95 प्रतिशत शादियों में दहेज दिया जाता है। यानी भारत में हर 100 में से 95 शादियों में दहेज प्रथा (Dahej Pratha) निभाई जाती है।

हर दिन 21 महिलाओं की मौत

सबसे महत्वपूर्ण बात इस अध्ययन में बताई गई है कि दहेज के कारण कई बार महिलाओं को हाशिए पर धकेल दिया जाता है। उनके साथ घरेलू हिंसा भी होती है । कई बार तो दहेज की वजह से मौत भी हो जाती है।

इन आंकड़ों से समझिए दहेज का दंश (dahej pratha ke aankde)

  • भारत में हर दिन दहेज की वजह से 21 महिलाओं की मौत होती है।
  • वर्ष 2016 में 7 हजार 621 महिलाओं ने दहेज की वजह से अपनी जान गंवा दी।
  • 2017 में 7 हजार 446 और 2018 में 7 हजार 166 महिलाओं ने दहेज के कारण दम तोड़ दिया।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (ncrb crime report 2021 state wise) के आंकड़े

  • 15 प्रतिशत मामलों में ही फैसला महिलाओं के पक्ष में आया। यहां एक और बड़ी बात यह है कि भारत में दहेज के जो मामले कोर्ट में पहुंचते हैं, उनमें सिर्फ 15 प्रतिशत मामलों में ही फैसला महिलाओं के पक्ष में आता है। संख्या के हिसाब से देखें तो हर सात में से सिर्फ एक मामले में आरोपियों को दोषी करार दिया जाता है।
  • कुछ समय पहले भारत के एक एनजीओ (NGO) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत में लगभग 60 प्रतिशत लोग अपने बेटी की शादी करने के लिए बैंक और दूसरे माध्यमों से भारी भरकम कर्ज लेते हैं । यह कर्ज कई माता पिता के लिए जानलेवा साबित होता है।
  • ये रिकॉर्ड वाकई डरावने हैं, दहेज हमारे समाज के लिए एक कुप्रथा है । जो शदियों से चली आ रही है। इस पर तभी विराम लग सकता है, जब समाज का हर तबका आगे आए। इसके खिलाफ सबको मिलकर लड़ाई लड़नी होगी, तभी दहेज रूपी दानव का खात्मा हो सकता है।

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Ragini Sinha

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