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UP विस चुनाव से पहले उठी नमाज रूम की मांग, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- अभी तक नहीं मिला कोई आवेदन
एसपी विधायक इरफान सोलंकी ने यूपी विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरे की मांग की थी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित का कहना है कि उन्हें किसी प्रकार का प्रार्थना पत्र नहीं मिला है।
उत्तर प्रदेश: झारखंड के बाद अब उत्तर प्रदेश में मुस्लिम विधायकों के लिए विधानसभा में नमाज अदा करने के लिए कमरा तय होने की मांग शुरू हो गई है। मंगलवार को सपा विधायक इरफान सोलंकी ने कहा कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ विधानसभा में ये सुविधा पहले से है। यूपी के मुस्लिम विधायकों को सदन की कार्यवाही छोड़कर नमाज के लिए बाहर जाना पड़ता है। उनके इस बयान पर गोविंदनगर सीट से भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी पर पलटवार किया है। मैथानी ने कहा कि चुनाव से पहले जनता को भ्रमित करने के लिए इरफान नाटक कर रहे हैं।
दरअसल, 2 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर विधानसभा में नमाज के लिए कमरा नंबर TW-348 अलॉट किया गया है। इसके बाद से ही भाजपा विधायक पूजा के लिए भी अलग कमरे की मांग कर रहे हैं।
विधानसभा की कार्यवाही को बीच में छोड़कर करनी पड़ती है नमाज अदा
इरफान सोलंकी ने कहा कि नमाज अदा करने के लिए विधानसभा की कार्यवाही को बीच में छोड़ना पड़ता है। इससे अक्सर महत्वपूर्ण विषयों पर जनता का पक्ष नहीं रख पाते हैं। ऐसे में यदि विधानसभा परिसर में कोई भी जगह निश्चित कर दी जाए तो सभी मुस्लिम विधायकों को बड़ी राहत मिल जाएगी। सपा विधायक इरफान सोलंकी ने कहा कि शुक्रवार को 5 बार की नमाज करनी होती है। ऐसे में उस दिन की विधानसभा की कार्यवाही में मुस्लिम विधायकों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सपा विधायक का कहना है कि देश में दो राज्यों की विधानसभाओं में नमाज के लिए जगह दी गई है। उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा में नमाजी विधायकों को जगह दी जानी चाहिए। इरफान ने कहा कि यह आस्था से जुड़ा हुआ मामला है और इससे किसी को भी किसी तरह की परेशानी भी नहीं होनी चाहिए।
सपा विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष से की अपील
नमाज अदा करने की जगह को लेकर सपा विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से अपील की है। इरफान का कहना है कि वह बहुत जल्द मुस्लिम विधायकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर लिखित पत्र भी देंगे। साथ ही इस मांग को और आगे तक बढ़ाएंगे, ताकि सभी मुस्लिम विधायकों को एक छोटा कमरा ही सही, लेकिन विधानसभा के अंदर जगह मिल सके, ताकि कार्यवाही के दौरान सभी मुस्लिम विधायक नमाज अदा कर सकें।
नहीं मिला कोई प्रार्थना पत्र: विधानसभा अध्यक्ष
इस पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष का साफ तौर पर कहना है कि इरफान सोलंकी ने ना ही कोई प्रार्थना पत्र ना ही कोई प्रत्यावेदन उनके कार्यालय में भेजा है। उनका कहना है कि प्रत्येक विधानसभा की अपनी नियमावली होती है, हालांकि कुछ-कुछ चीजें हर विधानसभा में एक जैसी होती हैं।
विधानसभा के स्पीकर का साफ तौर पर कहना है कि अगर कोई प्रार्थना पत्र उनके कार्यालय में आता है तो उसका अवलोकन करेंगे और उस पर परामर्श लेंगे। उसके बाद ही वह इस पर कुछ कहेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक उनके कार्यालय में इस तरह का कोई भी प्रत्यावेदन या आवेदन पत्र नहीं आया है और बिना इसके अनुमान या कल्पना के आधार पर कोई बयान नहीं देना चाहिए। उनसे जब पूछा गया कि क्या विधानसभा की नियमावली में इस तरह से किसी को नमाज के लिए किसी को पूजा के लिए कक्ष आवंटित करने की कोई व्यवस्था है तो उनका साफ तौर पर कहना था कि विधानसभा की नियमावली में इस तरह की कोई भी व्यवस्था नहीं है।
नमाज के लिए जगह की मांग करना सपा का चुनावी एजेंडा
गोविंद नगर से भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी ने विधानसभा के अंदर नमाज पढ़ने के लिए जगह की मांग को चुनावी एजेंडा करार दिया है। उन्होंने सपा विधायक इरफान सोलंकी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि साढे 4 सालों में कभी भी यह मांग नहीं की गई। चुनाव के वक्त पर इस तरह की मांग करना सिर्फ और सिर्फ राजनीति से प्रेरित है। उनके पिता हाजी मुश्ताक भी विधायक रहे हैं। पिछले 15 सालों से वह खुद विधायक हैं। कभी भी विधानसभा में मांग क्यो नही की गई। इससे साफ है कि यह मांग करके राजनीतिक फायदा चुनाव में लेना चाहते हैं।