TRENDING TAGS :
UP Election: हाथी से उतरकर साइकिल पर सवारी करना भा रहा है इन नेताओं को
UP Election: इस साल जनवरी में बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और दिग्गज नेता लालजी वर्मा को पार्टी ने निष्कासित कर दिया था।
UP Election: विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Election 2022) नजदीक देखकर राजनीति दलों के नेताओं का दल बदलने का खेल शुरू हो चुका है। हर दल दूसरे दल के नेता को अपनी पार्टी में लेने की कोशिश में है। इस बीच आज बसपा (BSP) विधानमंडल दल के पूर्व नेता लालजी वर्मा (lalji verma) और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर (Ram Achal Rajbhar) के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party President Akhilesh Yadav) से मुलाकात के बाद इस बात की संभावना प्रबल हो गयी है कि बसपा के ये दो बडे नेता जल्द ही समाजवादी पार्टी की साइकिल में सवार होते नजर आएगें।
उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी में बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और दिग्गज नेता लालजी वर्मा को पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। उन पर पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगा था। मायावती इन नेताओं से इतनी नाराज थी कि उन्होंने यह भी कह दिया था, इन दोनों विधायकों को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में न बुलाया जाए। राम अचल राजभर और लालजी वर्मा को उम्मीद थी कि शायद बहन जी उनको माफ कर दें। पर आज अखिलेश यादव से मुलाकात होने के बाद काफी सब कुछ साफ हो चुका है।
दोनों विधायक अम्बेडकरनगर जिले में बसपा कटेहरी एवं अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र में काबिज थे। लेकिन पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं उससे पूर्व विभिन्न मौकों पर बरती गई अनुशासनहीनता ने लालजी वर्मा व राम अचल राजभर को बहुजन समाज पार्टी से बाहर होने पर विवश कर दिया।
सिब्कातुल्लाह अंसारी-अंबिका चौधरी ने भी की थी सपा में वापसी
इसके पहले बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बड़े भाई सिब्कातुल्लाह अंसारी (Sibkatullah Ansari) तथा बसपा नेता अंबिका चौधरी (Ambika Choudhary) ने भी सपा में घर वापसी कर ली है। सिब्कातुल्लाह अंसारी मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र से 2007 में सपा और 2012 में कौमी एकता दल से विधायक रहे। 2017 में बसपा से मैदान में उतरे थे। इसी तरह पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने फिर से सपा का हाथ थाम लिया है। चौधरी 1993 से 2007 तक बलिया के फेफना सीट पर जीत दर्ज करते आए हैं। साल 2012 में भाजपा प्रत्याशी से हार गए थे। जबकि 2017 में उन्होंने सपा से टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर बसपा का दामन थाम लिया था।
बसपा से नाराज कई अन्य विधायक भी सपा के सम्पर्क में
उधर बसपा से नाराज चल रहे कई अन्य विधायक भी सपा के सम्पर्क में हैं। बसपा ने कुछ महीने पहले अपने विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। उनमें असलम राईनी, असलम अली चौधरी, मुज्तबा सिद्दिकी, हाकिल लाल बिंद, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल, वंदना सिंह, लालजी वर्मा, और अनिल सिंह शामिल हैं। ये विधायक भी आजकल समाजवादी पार्टी के सम्पर्क में बने हुए है।
इससे पहले जुलाई में आगरा के एत्मादपुर से पूर्व विधायक डा. धर्मपाल सिंह और 2014 में बहुजत समाज पार्टी (बसपा) से लोकसभा क्षेत्र प्रत्याशी रहे कुंवर चंद वकील समेत कई और पूर्व विधायक भी बसपा छोडकर सपा में शामिल हो चुके हैं।