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World Pharmacist Day: फार्मेसिस्ट स्वास्थ्य का विश्वसनीय प्रहरी! चिकित्सालयों में नहीं सृजित हैं पद, लोगों के जिंदगी से जुड़ी है फार्मेसी
फार्मेसी जनस्वास्थ्य के लिए विश्वसनीय हैं। भारत में फार्मेसी विधा को सम्मान दिए जाने, मजबूत किये जाने की महती आवश्यकता है।
World Pharmacist Day: औषधियां जीवन देती हैं। फार्मासिस्ट औषधियों को जीवन देते हैं। फार्मेसी जनस्वास्थ्य के लिए विश्वसनीय हैं। भारत में फार्मेसी विधा को सम्मान दिए जाने, मजबूत किये जाने की महती आवश्यकता है। जिससे मरीजों को सही सलाह मिले, सही औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
फार्मासिस्ट दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को फार्मासिस्टों और आम जनता के नाम संदेश प्रसारित करते हुए 'स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल उत्तर प्रदेश सरकार' के पूर्व चेयरमैन और 'फार्मासिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश' के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया," चिकित्सा क्षेत्र में औषधियों की विश्वसनीयता, गुणवत्ता एवं सही सलाह अनिवार्य है। फार्मेसिस्ट औषधियों का विशेषज्ञ होने के साथ ड्रग काउंसलर भी है। वर्तमान परिदृश्य में औषधियों की खोज के बाद, सही भंडारण, सही वितरण और सही सलाह (सही कॉउंसिलिंग) से मानव जीवन को बचाया जा सकता है।"
फार्मेसिस्ट के बारे में मुख्य बातें
• फार्मेसिस्ट औषधियों का विशेषज्ञ होने के साथ ड्रग काउंसलर भी है।
• भारत वर्ष में लगभग कुल तेरह लाख डिप्लोमा, बैचलर, मास्टर, पीएचडी फार्मेसी के साथ डी फ़ार्मा की शिक्षा प्राप्त फार्मेसिस्ट हैं।
• औषधि की खोज से लेकर, निर्माण, भंडारण करने, वितरित करना, एक तकनीकी व्यवस्था है, जो फार्मेसिस्ट द्वारा ही की जाती है।
• चिकित्सालयों में अभी तक भर्ती मरीजों के लिए व्यवहारिक रूप से फार्मेसिस्ट के पद सृजित नहीं।
• फार्मेसिस्टों को क्रूड ड्रग का अध्ययन भी कराया जाता है।
• शरीर क्रिया विज्ञान, फार्माकोलॉजी, विष विज्ञान, ड्रग स्टोर मैनेजमेंट, माइक्रोबायोलॉजी सहित फार्मास्युटिक्स, फार्मक्यूटिकल केमिस्ट्री सहित विभिन्न विषयों का विस्तृत अध्ययन फार्मेसिस्ट को कराया जाता है।
• औषधि की खोज से लेकर, उसके निर्माण, भंडारण, प्रयोग, कुप्रभाव, दवा को ग्रहण करने, उसके पाचन, प्रभाव और उत्सर्जन (ADME) की पूरी जानकारी फार्मेसिस्ट को होती है।
कोरोना काल में फार्मासिस्ट ने निभाई अहम भूमिका
सुनील यादव ने कहा कि ''कोविड संक्रमण काल में फार्मासिस्टों ने 'मास्टर की' के रूप में अपने आप को प्रस्तुत किया है। अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन ने गत वर्ष विश्व फार्मासिस्ट दिवस की थीम 'ट्रांसफॉर्मिंग ग्लोबल हेल्थ' (Transforming global health) निर्धारित की थी। फार्मेसिस्टों ने बदलते ग्लोबल परिवेश में खुद को बदला है। पूरे भारतवर्ष का लगभग 60 फ़ीसद ग्रामीण क्षेत्र है, इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी टीमें बनाकर फार्मेसिस्ट मरीजों की ट्रेसिंग और टेस्टिंग कर धनात्मक मरीजों की पहचान करने का काम किया। सभी सर्वे टीम और टेस्टिंग टीम में फार्मेसिस्ट ने प्रमुख रूप से कार्य किया। इसके साथ ही लेवल-1 से लेकर लेवल-5 तक के सभी कोविड-चिकित्सालयों व नानकोविड-चिकित्सालयों में औषधियों की आपूर्ति और मरीजों को औषधि देना व उनकी काउंसलिंग करने में फार्मेसिस्ट की प्रमुख भूमिका रही है।"
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी प्रोटोकॉल के अनुसार होम आइसोलेट मरीजों को औषधियां वितरित करने के साथ लगातार उनके संपर्क में बने रहने और उन्हें आवश्यक सलाह देने हेतु आर.आर.टी. (RRT) टीमों के प्रमुख के रूप में फार्मेसिस्ट ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वैश्विक बदलाव के दौर में फार्मेसिस्ट ने खुद को बहुउद्देश्यीय बनाते हुए बखूबी अपनी क्षमता, तकनीकी ज्ञान का प्रयोग जनहित में किया है।
पूरे भारत में लगभग 13 लाख फार्मासिस्ट
सुनील यादव ने बताया कि भारत वर्ष में लगभग कुल तेरह लाख डिप्लोमा, बैचलर, मास्टर, पीएचडी फार्मेसी के साथ फार्म डी की शिक्षा प्राप्त फार्मासिस्ट हैं। फार्मेसी चिकित्सा व्यवस्था की रीढ़ होती है। चिकित्सालयों में अभी तक भर्ती मरीजों के लिए व्यवहारिक रूप से फार्मेसिस्ट के पद सृजित नहीं हो रहें, जबकि यह अत्यंत आवश्यक है।
फार्मास्यूटिकल लैब नाम मात्र
सुनील यादव ने बताया कि ओपीडी में भी मानकों का पूरा पालन नहीं हो रहा। फार्मास्यूटिकल लैब नाम मात्र के हैं। औषधियों के निर्माणशालाओं में भी फार्मेसी प्रोफेशनल के स्थान पर अप्रशिक्षित लोगों से काम लिया जाता है। ड्रग की रेगुलेटरी बॉडी बहुत कमजोर है, मानव संसाधन कम हैं, जिसे मजबूत करने की आवश्यकता है।
लोगों के ज़िंदगी से जुड़ी है फार्मेसी
उन्होंने बताया कि 'फार्मेसी' लोगों के जिंदगी से जुड़ी है, इसलिए इसे मजबूत किया जाना आवश्यक है। फार्मेसिस्टों को क्रूड ड्रग का अध्ययन भी कराया जाता है। इसलिए औषधियों के विशेषज्ञ के रूप में आज 'फार्मेसिस्ट' जनता को सेवा दे रहा है। आम जनता को औषधि की जानकारी फार्मेसिस्ट से ही लेनी चाहिए।