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Mission 2022: तीन अगस्त से कांग्रेस की 'दलित स्वाभिमान यात्रा', योगी सरकार को मिलेगा अल्टीमेटम
Mission 2022: कांग्रेस पार्टी (Congress) आगामी 3 अगस्त से उत्तर प्रदेश में दलित स्वाभियान यात्रा निकालने जा रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly elections) को लेकर वोट बैंक की राजनीति शुरू हो गई है। सभी पार्टियां अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने में लग गई हैं। कुछ पार्टियों के वोट बैंक जहां फिक्स माने जा रहे हैं तो वहीं लगभग 30 सालों से यूपी की सत्ता से बेदखल चल रही कांग्रेस पार्टी इस बार दलित और पिछड़ी जातियों को जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है।
कांग्रेस पार्टी (Congress) आगामी 3 अगस्त से उत्तर प्रदेश में दलित स्वाभियान यात्रा निकालने जा रही है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 10 अगस्त को यूपी के दौरे पर फिर आ रही हैं। प्रियंका गांधी आगामी चुनाव को लेकर नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति तैयार करेंगी। माना जा रहा है कि वह अपने इस दौरे के साथ ही यूपी चुनाव का बिगुल फूकेंगी।
3 अगस्त से दलित स्वाभिमान यात्रा
प्रियंका गांधी के दौरे से पहले तीन अगस्त से यूपी कांग्रेस सभी जिलों में दलित स्वाभिमान यात्रा निकालेगी। इसका उद्देश्य दलित समुदाय से जुड़े मुद्दों को उठाकर उन्हें अपने पक्ष में करना है। दरअसल, अभी तक बसपा ही दलित समुदाय की हितैषी पार्टी होने का दावा करती रही है, लेकिन पिछले दिनों जिस तरह से बसपा ने ब्राह्मण समुदाय को साधने की रणनीति पर काम किया है, उससे कांग्रेस को दलित समुदाय को अपनी तरफ करने का यह अच्छा मौका दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस सरकार को देगी अल्टीमेटम
कांग्रेस की ओर से दलित स्वाभिमान यात्रा के दौरान राज्य सरकार को दलित उत्पीड़न रोकने के लिए कारगर कदम उठाने को लेकर अल्टीमेटम दिया जाएगा। इसके बाद दलित समुदाय के हितों से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ने की भी तैयारी की जा रही है। पार्टी की ओर से राज्य सरकार को अगले 10 दिनों में दलित उत्पीड़न रोकने के लिए ठोस कदम उठाने को लेकर अल्टीमेटम दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, यदि दिए गए समय में सरकार की ओर से कोई खास कदम नहीं उठाया गया तो कांग्रेस पार्टी राज्य में बड़े स्तर पर दलितों के लिए आंदोलन करेगी।
ओबीसी जातियों को लेकर कांग्रेस का खास प्लान
इससे पहले 31 जुलाई को लखनऊ स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की मौजूदगी में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य और सैनी महासम्मेलन का आयोजन किया गया था। कांग्रेस के इस सम्मेलन में सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। बता दें कांग्रेस इस बार पूरी तैयारी के साथ विधानसभा चुनाव में उतरना चाहती है। कांग्रेस पार्टी यह जानती है कि बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में ओबीसी और दलितों का बड़ा योगदान रहा है। एक तरफ जहां बीएसपी और समाजवादी पार्टी ब्राम्हाणों को जोड़ने के लिए सम्मेलन कर रही है तो वहीं कांग्रेस पार्टी दलितों और ओबीसी को अपने पाले में करने का भरसक प्रयास शुरू कर दिया है। अब देखना होगा कि किसके साथ कौन जाता है।