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PMSMA: 3558 गर्भवती की हुई जांच, 80 शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर हुआ आयोजन

PMSMA: क्वीन मेरी, जिला महिला अस्पताल, जिला संयुक्त चिकित्सालय सहित 80 शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर पीएमएसएमए दिवस का आयोजन किया गया।

Shashwat Mishra
Published on: 10 Aug 2021 12:37 AM IST
PMSMA
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कार्यक्रम का उद्धघाटन (फोटो: सोशल मीडिय)

PMSMA: राजधानी में हर माह की नौ तारीख को 'प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान' (पीएमएसएमए) दिवस मनाया जाता है। इसी क्रम में सोमवार को क्वीन मेरी, जिला महिला अस्पताल, जिला संयुक्त चिकित्सालय सहित 80 शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर पीएमएसएमए दिवस का आयोजन किया गया। इसके तहत मलिहाबाद क्षेत्र की विधायक जया देवी ने मलिहाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी), बक्शी का तालाब क्षेत्र के विधायक अविनाश त्रिवेदी ने बीकेटी सीएचसी और उत्तरी क्षेत्र के विधायक डाॅ. नीरज बोरा ने अलीगंज सीएचसी का भ्रमण कर जायजा लिया। पीएमएसएमए के तहत लगभग 3558 गर्भवती की जांच हुई, जिसमें 443 गर्भवती उच्च जोखिम की चिन्हित हुईं।

इस मौके पर विधायक जया देवी ने कहा कि 'हर मां का सपना होता है कि वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे। लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि पूरी गर्भावस्था के दौरान वह स्वस्थ रहे और प्रसव पूर्व जांचें करवाएं। ताकि मां भी सुरक्षित रहे और गर्भस्थ शिशु भी। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए पीएमएसएमए का आयोजन किया जाता है। जिससे उच्च खतरे वाली गर्भावस्था की पहचान कर गर्भवती को उचित इलाज मुहैया कराया जा सके।'

विधायक अविनाश त्रिवेदी ने कहा कि 'पीएमएसएमए के आयोजन का मुख्य उद्देश्य गर्भवती की पूरी गर्भावस्था के दौरान एमबीबीएस चिकित्सक के द्वारा जांच करा कर उच्च जोखिम की गर्भावस्था की पहचान करना है। इससे उनका समय से उच्च अस्पताल में संदर्भन कर इलाज किया जा सके। अधिक से अधिक गर्भवती की जांच कर उच्च खतरे वाली गर्भावस्था की पहचान की जाए। जिससे भविष्य में उन्हें किसी अनहोनी से बचाया जा सके।' उन्होंने कहा कि 'सभी पंजीकृत गर्भवती का सुरक्षित प्रसव होने तक फॉलो अप किया जाता है।'
डाॅ. नीरज बोरा ने कहा कि 'एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना तभी संभव है, जब हर व्यक्ति स्वस्थ हो। चाहे वह बच्चे हों, युवा वर्ग हो या बुज़ुर्ग। बच्चे तभी स्वस्थ व सुपोषित होंगे, जब गर्भ से ही इनका ध्यान रखा जाए। इसके लिए जरूरी है कि गर्भवती की सही समय पर जांच की जाए और उन्हें समुचित इलाज मुहैया कराया जाए। पीएमएसएमए को शुरू करने का मकसद ही यह है कि गर्भवती की जांच प्रशिक्षित चिकित्सक से करवाई जाए और उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था चिन्हित की जाए। इससे गर्भवती तो सुरक्षित रहेगी, साथ में गर्भ में पल रहा बच्चा भी सुरक्षित रहेगा।'

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि 'प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि गर्भवती और धात्री के बैंक खाते में सीधे पहुंचती है। इसलिए पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलायें, जिनका बैंक में खाता नहीं खुला है। वह पहचान प्रमाण पत्र सहित व अन्य दस्तावेज लेकर स्वास्थ्य केंद्र आयें, यहां उनका बैंक में खाता खुलवा दिया जायेगा। इससे वह समय से इन योजनाओं का लाभ उठा सकें।'
इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने कहा कि 'अब गर्भवती के लिए भी कोविड का टीका मौजूद है। वह अपना टीकाकरण अवश्य कराएं। जिससे स्वयं और अपने आस-पास के लोगों को कोरोना से सुरक्षित रखें। क्योंकि कोविड की लड़ाई में एकमात्र हथियार कोविड का टीका ही है। टीकाकरण के बाद भी मास्क लगाना, दो गज की सामाजिक दूरी का पालन करना और बार-बार हाथ धोना है।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी ने बताया कि जनपद में पीएमएसएमए के तहत लगभग 3558 गर्भवती की जांच हुई, जिसमें 443 गर्भवती उच्च जोखिम की चिन्हित हुईं। इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. मिलिंद वर्धन और केडी मिश्रा जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक और पूरा स्टाफ उपस्थित था।




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Dharmendra Singh

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