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Pratapgarh News: पंचायत सहायक बनाएंगे गांव को हाईटेक, त्याग पत्र देने में जुटे पंचायत सदस्य

गांवों की सूरत सुधारने की दिशा में सरकार लगातार प्रयासरत है।

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Newstrack NetworkPublished By Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 25 Aug 2021 10:55 AM GMT
Pratapgarh Panchayati Raj Department
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जिला पंचायत राज अधिकारी प्रतापगढ़ का आफिस (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Pratapgarh News: गांवों की सूरत सुधारने की दिशा में सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी के तहत ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों को और पारदर्शी बनाने को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम सभाओं में पंचायत सहायकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आधुनिकता के प्रसार में ग्राम सभाओं को हाईटेक बनाने के लिए सूबे की ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक होंगे नियुक्त। पूरे प्रदेश में 2 अगस्त से 17 अगस्त तक लिए गए आवेदन पर तेजी से नियुक्ति प्रक्रिया सम्पन्न कराने में पंचायती राज विभाग लगा हुआ है। सितम्बर से 7 सितंबर तक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नामित कमेटी नियमानुसार नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करेगी।

शासनादेश के मुताबिक पंचायत सदस्य के परिजनों के आवेदन नहीं लिए जाने का मामला प्रकाश में आते ही ग्राम पंचायत सदस्यों का त्यागपत्र इनदिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। आपको बता दें कि प्रतापगढ़ जिले से प्राप्त सूचना के आधार पर अब तक 9 हजार से अधिक त्याग पत्र लोगों द्वारा विकासखंडों और जिला पंचायतराज कार्यालयों में दिया जा चुका है। मामले में नियमानुसार ग्राम पंचायत सदस्यों का त्यागपत्र स्वीकार करने का पूरा अधिकार जिला पंचायत अध्यक्ष के पास है। बात चीत के दौरान रवि शंकर द्विवेदी जिला पंचायत राज अधिकारी प्रतापगढ़ ने बताया कि उक्त प्राप्त त्यागपत्र जिला पंचायत अध्यक्ष को निवेदन पत्र के साथ भेजा जा रहा है।

गौरतलब है कि प्रतापगढ़ जनपद में 1193 में पंचायत सहायक की भर्ती होनी है, जो ग्राम सभा होने वाले समस्त कार्यों को शासन के पोर्टल पर अपडेट करेंगे और ग्राम प्रधानों को योजनाओं के साथ शासन की मंशा से अवगत कराएंगे। इससे ग्रामसभाओं में हाईटेक रूप से विकास कार्य पूर्ण होगा।

बता दें कि इससे पहले ग्राम पंचायतां में पंचायत मित्रों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन व्यवस्था जस की तस बनी रही है। चूंकि पूरी व्यवस्था ब्लाक से संचालित होती है, जिसके चलते गांवों के विकास के लिए आने वाली धनराशि गांव तक पहुंचते पहुंचते आधे से भी कम हो जाती है। यहीं वजह है ग्राम विकास निधि के तहत धन करोड़ों में आवंटित होता है, लेकिन काम लाखों तक में आकर सिमट जाता है।

Raghvendra Prasad Mishra

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