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Purvanchal Expressway: पूरब की तरक्की नया "गेटवे" बनेगा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे

Purvanchal Expressway: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन होगा। इस एक्सप्रेसवे के रूप में पूरब के लोगों को तरक्की का "गेटवे" भी मिल जाएगा।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 11 Nov 2021 1:47 PM GMT
Purvanchal Expressway
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Purvanchal Expressway

Purvanchal Expressway: पूर्वांचल की बदहाली, गरीबी, बेबशी और अति पिछड़ेपन का दंश कभी लोकसभा में गाजीपुर के तत्कालीन सांसद विश्वनाथ गहमरी ने इस भावुकता से उठाया था कि सदन में बैठे अधिकांश माननीयों की आंखें नम हो गई थीं। पूरब के लोगों की आंखें एक बार फिर छलकने को बेताब हैं। पर, इस बार आंसू खुशी के होंगे, समृद्धि के पूरे होते सपनों के होंगे, देश की अर्थव्यवस्था में सिरमौर बनने के लिए बढ़ते कदम के होंगे।

अवसर होगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन का। इस एक्सप्रेसवे के रूप में पूरब के लोगों को तरक्की का "गेटवे" भी मिल जाएगा। पूर्वांचल के लोगों के लिए दिल्ली अब दूर नहीं होगी, गाजीपुर से सिर्फ 10 घण्टे में देश की राजधानी पहुंचा जा सकेगा। पहले इसका दोगुना या इससे भी अधिक समय लगता था।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway)

योगी सरकार ने यूपी में रोड कनेक्टिविटी को अर्थव्यवस्था के मजबूत प्लेटफार्म के रूप में तैयार किया है। सीएम के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को भी इसी मंशा से विकसित किया गया है।

पूर्व की सरकारों में जिन जिलों में पारंपरिक सड़कें ही चलने लायक नहीं थीं, वहां सिक्स लेन एक्सप्रेसवे की सौगात विकास की नई इबारत लिखने जा रही है। यह एक्सप्रेसवे सिर्फ आमजन की आवागमन सुगमता का ही मार्ग नहीं है बल्कि निवेश व औद्योगिक विकास से रोजगार का भी नया द्वार खोलने वाला है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के दायरे में आने वाले जनपदों में कारोबारी गतिविधियों को नया विस्तार तो मिलेगा ही, एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर स्थानीय श्रम शक्ति को सेवायोजित भी करेंगे।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के समीप पांच इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की तरफ से नौ हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि चिन्हित भी कर ली गई है। चूंकि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के दायरे में आने वाले अधिकांश जिले कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले हैं, इसलिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर में पहली प्राथमिकता फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स पर है।

इसके अलावा टेक्सटाइल, रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पाद, बेवरेज, केमिकल, मेडिकल उपकरणों से जुड़ी फैक्ट्रियां भी स्थापित होंगी। इन फैक्ट्रियों में स्थानीय श्रम शक्ति को रोजगार मिल सके, इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

तीव्रतम होगी विकास की रफ्तार (Purvanchal Expressway Route)

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और बलिया लिंक एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। दो लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार तीव्रतम की जाएगी। इससे गोरखपुर, संतकबीर नगर, बलिया समेत करीब आधा दर्जन अतिरिक्त जिले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएंगे।

आपात स्थिति में वायुसेना के भी काम आ सकेगा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को इतना मजबूत बनाया गया है कि आपातकालीन आवश्यकता पर वायुसेना अपने लड़ाकू विमान की इस पर लैंडिंग भी कर सकती है। एक्सप्रेसवे पर सुल्तानपुर में बकायदे 3.2 किमी लंबी सड़क को वायुसेना की हवाई पट्टी के रूप में ही विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा सुल्तानपुर में एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किए जाने से पूर्व वायुसेना यहां लड़ाकू विमान की ट्रायल लैंडिंग कर सकती है।


पूर्वांचल एक्सप्रेसवे : एक नजर में (Purvanchal Expressway Ke Bare Mein)

शिलान्यास - 14 जुलाई 2018 पीएम मोदी के कर कमलों से

एक्सप्रेसवे का प्रारंभिक स्थान- एनएच 731 के लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर स्थित लखनऊ का चांदसराय गांव

अंतिम स्थान - एनएच 19 पर गाजीपुर का हैदरिया गांव (यूपी-बिहार बॉर्डर से 18 किमी पहले)

ले आउट - पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित 6 लेन, कुल लम्बाई 340.824 किमी

परियोजना की लागत - 22494.66 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण समेत

कवर हुए जनपद - 9 (लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर)

Vidushi Mishra

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