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Raebareli News: अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे, डॉक्टर ने चंदा जुटाकर दिए पैसे
Raebareli News: जिला अस्पताल में भर्ती मरीज की इलाज के दौरान जैसे ही मौत हुई बेटा शव को छोड़ कर भाग गया। ताकि शव का अंतिम संस्कार उनको न करना पड़ जाए।
Raebareli News: रायबरेली में एक कलयुगी इकलौते बेटे ने पिता के मरने के बाद शव को अस्पताल में ही छोड़कर भाग गया। सूचना पाकर बेटी अस्पवताल पहुंची मगर उसके पास शव के अंतिम संस्कार करवाने तक के पैसे नहीं थे। मानवता के मिशाल इमर्जेंसी में तैनात डॉक्टर नवीन शर्मा ने चंदा इक्ट्ठा करवाकर बेटी को अंतिम संस्कार के पैसे दिए।
रायबरेली में एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आयी है। माँ बाप अपने बेटे को बुढ़ापे का सहारा मानकर उसकी अच्छे से देख भाल करते है। ताकि उनका बेटा बुढ़ापे में सहारा बने। लेकिन कहते है न ये कलयुग है इसमें सब जायज है। एक ऐसी ही तस्वीर रायबरेली से सामने आई है जिसमे जिला अस्पताल में भर्ती मरीज की इलाज के दौरान जैसे ही मौत हुई उनके परिजन शव को छोड़ कर भाग गए। ताकि शव का अंतिम संस्कार उनको न करना पड़ जाए।
बता दें कि मौत के 12 घंटे बाद मृतक की बेटी जिला अस्पताल पहुंची पर उसके पास शव ले जाने व अंतिम से संस्कार के लिए पैसे नही थे। तब जिला अस्पताल की इमर्जेंसी में तैनात डॉक्टर नवीन शर्मा ने खुद व अपने स्टॉफ से पैसे इकट्ठा कर शव के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया।
जानकारी के अनुसार मृतक विजय पाल उन्नाव जनपद का रहने वाला था और वह हाल ही में जिला अस्पताल रायबरेली में एडमिट हुआ था। पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। जैसे ही मृतक की मौत हुई उसका एकलौते बेटा शव को छोड़ कर भाग निकला। फिर क्या शव को मर्चुरी में रखा गया और 12 घंटे बाद उसकी बेबश बेटी व दमाद जिला अस्पताल पहुँचे। लेकिन उनके पास न तो शव को ले जाने के लिए वाहन के पैसे थे और न ही अंतिम संस्कार के। यह बात जैसे ही इमर्जेंसी में तैनात डॉक्टर नवीन शर्मा को पता चली तो उन्होंने न सिर्फ अपने पास से बल्कि पूरे स्टाफ से चंदा इकट्ठा करवा कर मृतक की बेटी को रुपये दिए, ताकि शव का अंतिम संस्कार किया जा सके। साथ ही शव वाहन की भी व्यवस्था जिला अस्पताल के द्वारा करवाई गई।
जब इस दरियादिली के बारे में जिला अस्पताल की इमर्जेंसी में तैनात डॉक्टर नवीन शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह हम सबका फ़र्ज़ है और उसी फ़र्ज़ के तहत हम लोगो ने पूरे स्टाफ से चंदा इकट्ठा कर मृतक की बेटी को उपलब्ध करवाया है। ताकि शव का अंतिम संस्कार किया जा सके।