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Raebareli News: बीजेपी को लगा बड़ा झटका, स्वामी प्रसाद मौर्या ने दिया इस्तीफा, रायबरेली की इस सीट से लड़ेगे चुनाव
Raebareli News: स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) मूल रुप से प्रतापगढ़ जिले के बिहार ब्लॉक अंतर्गत बाघराय थाना क्षेत्र के बाबागंज के निवासी हैं।
Raebareli News: मोदी लहर में बसपा छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या (swami prasad maurya news) ने 2022 के यूपी चुनाव (UP Election 2022) के शंखनाद के बाद सपा की साइकिल की सवारी कर ली है। इससे सूबे समेत रायबरेली की सियासत गरमा गई है। उधर स्वामी प्रसाद मौर्या को लेकर रायबरेली के राजनैतिक गलियारे में चर्चा है कि वो ऊंचाहार सीट से सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं यहां से मोदी लहर में सपा की साइकिल से रेस भरने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पाण्डेय रायबरेली सदर सीट से पार्टी प्रत्याशी हो सकते हैं।
आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्या मूल रुप से प्रतापगढ़ जिले के बिहार ब्लॉक अंतर्गत बाघराय थाना क्षेत्र के बाबागंज के निवासी हैं। दरअस्ल उनका इलाका रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के अंतर्गत आता है इसलिए यहां खुद को पनपता नहीं देख उन्होंने रायबरेली जिले को अपनी कर्मस्थली बनाया। वो इसलिए कि उनके गांव की सीमा रायबरेली से जाकर मिलती है। स्वामी प्रसाद ने रायबरेली की डलमऊ सीट से 1996 में पहली बार चुनाव जीता और विधानसभा पहुंचे।
वो मायावती सरकार में मंत्री बने। इस सीट से पहले ओबीसी विधायक ही नहीं बल्कि मंत्री बनने वाले पहले नेता बने। इसके बाद वो 2002 चुनाव में दोबारा विधायक चुने गए। 2007 में भी उन्होंने इस सीट से भाग्य आजमाया लेकिन वो हार गए। साल 2008 में परिसीमन के बाद डलमऊ का नाम खत्म हो गया। डलमऊ का कुछ हिस्सा सरेनी विधानसभा सीट में चला गया और बाकी हिस्से को मिलाकर इस सीट को ऊंचाहार विधानसभा का नाम दे दिया गया।
ऊंचाहार सीट पर अभी तक दो बार 2012 और 2017 में चुनाव हुए हैं। दोनों बार यहां से सपा उम्मीदवार के तौर पर मनोज पांडेय ने जीत दर्ज की है जबकि योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य मामूली वोटों से दो बार से हारे हैं।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 115 किलोमीटर जबकि इलाहाबाद से 85 किलोमीटर की दूरी पर ऊंचाहार विधानसभा सीट स्थित है।
जबकि ऊंचाहार रायबरेली के जिला मुख्यालय से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस विधानसभा सीट पर सबसे अधिक दलित मतदाता हैं। उसके अलावा यादव, मौर्या, ब्राह्मण, राजपूत और अन्य ओबीसी वोटर्स भी बड़ी संख्या में हैं।
बताते चलें कि हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्या की पुत्र वधू संगीता मौर्या दीनशाह गौरा से बीजेपी की निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख चुनी गई हैं। अब जब स्वामी प्रसाद मौर्या ने सपा का दामन थामा है तो चर्चाओं का बाजार भी गर्म हुआ है। इस बार वो ऊंचाहार सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
दरअस्ल इस सीट पर सपा विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पाण्डेय का विरोध भी अधिक है। वो स्वयं रायबरेली की सदर सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यहां ब्राहमण, मुस्लिम और यादव वोट का समीकरण भी अच्छा है। वहीं उन्होंने बताया कि अदिति सिंह ने भले ही बीजेपी ज्वाइन किया है लेकिन उनकी राह आसान नहीं होगी।