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Russia Ukraine War : जानें यूक्रेन में फँसे भारतीयों का हाल, रायबरेली पहुंचे नितिन ने Newstrack को बताई दर्दनाक दास्तां

Russia Ukraine War नितिन कुमार बताते है कि ये लोग 30 किलोमीटर पैदल चलकर रोमानिया बॉर्डर पहुंचे लेकिन रोमानिया सरकार ने बॉर्डर नहीं खोला। यह सभी साथी 12 घंटे लगातार वहां खड़े रहे।

Narendra Singh
Report Narendra SinghPublished By Divyanshu Rao
Published on: 1 March 2022 11:33 AM IST (Updated on: 1 March 2022 11:35 AM IST)
Russia Ukraine War : जानें यूक्रेन में फँसे भारतीयों का हाल, रायबरेली पहुंचे नितिन ने Newstrack को बताई दर्दनाक दास्तां
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Russia Ukraine War: यूक्रेन से यूपी के रायबरेली पहुंचे नितिन कुमार के घर में जश्न का माहौल है 4 दिन के संघर्ष के बाद आज घर पहुंचने पर नितिन ने भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया है।यूक्रेन के ivano-frankivsk शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे नितिन कुमार को अंदाजा नहीं था कि युद्ध से हालात इतने खराब हो जाएंगे। नितिन और उनके जैसे तमाम छात्रों के लिए अच्छी बात यह रही क्योंकि उनका शहर ivano-frankivsk युद्ध से ज्यादा प्रभावित नहीं रहा। युद्ध की शुरुआत होते ही नितिन और उनके दोस्तों ने बस से रोमानिया बॉर्डर तक का सफर किया लेकिन बस ने उन्हें रोमानिया बॉर्डर से 30 किलोमीटर पहले ही रोक दिया।

नितिन कुमार बताते है कि ये लोग 30 किलोमीटर पैदल चलकर रोमानिया बॉर्डर पहुंचे लेकिन रोमानिया सरकार ने बॉर्डर नहीं खोला। यह सभी साथी 12 घंटे लगातार वहां खड़े रहे ।बाद में उनके लिए बॉर्डर खोल दिया गया और ये लोग रोमानिया में इंडियन एंबेसी पहुंचे। वहां पर इंडियन एंबेसी में सभी छात्रों की भरपूर मदद की गई । इन्हें खाना खिलाया गया और इनको घर पर बात करने के लिए एक सिम भी दिया गया। इसके बाद इन्हें एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली भिजवा दिया गया।

दिल्ली में यूपी भवन में अफसरों ने इन छात्रों को खाना खिलाया और इन्हें जरूरी सामान मुहैया कराया।इसके बाद कार से इन्हें इनके शहर भेजवा दिया।

सबसे पहले जरूरी सामान किया इकट्ठा

युद्ध की सूचना के बाद नितिन और उनके साथियों ने जरूरी सामान इकट्ठा करना शुरू किया। उनका मानना था कि अगर स्थिति बद से बदतर हुई तो इन जरूरी सामानों की जरूरत होगी।


फेसबुक बना मददगार

जब लड़ाई की शुरुआत हुई तो इंडियन एम्बेसी ने एक एडवाइज़री जारी की। इन लोगो ने एम्बेसी से संपर्क किया तो कहा गया कि इंडियन एम्बेसी के फेसबुक पेज पर अपडेट रहिये सारी जानकारी वही से मिल जाएगी। नितिन और उनके तमाम साथी इसी फेसबुक पेज पर अपडेट रहे और इंडियन एम्बेसी उनको पल पल की जानकारी देता रहा।

ट्रेनी एसडीएम कार्तिकेय सिंह ने निभाई अहम भूमिका

रायबरेली के ट्रेनी एसडीएम कार्तिकेय सिंह ने नितिन को रायबरेली लाने में अहम भूमिका निभाई। नितिन ने बताया कि कार्तिकेय जी लगातार उनसे और उनके परिवार के संपर्क में रहे और उन्हें पल पल अपडेट करते रहे।

नितिन 2017 में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए थे क्योंकि वहां पढ़ाई का खर्च भारत के मुकाबले काफी कम है। नितिन अपना सारा सामान वहीं छोड़ कर आ गए क्योंकि जान बचाना ज्यादा जरूरी था। परिवार और दोस्तों के हौसलों ने उन्हें टूटने नहीं दिया और घर पहुंच कर वह राहत महसूस कर रहे हैं।

Divyanshu Rao

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