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UP Election 2022: कांग्रेस के बागी होंगे बीजेपी के खेवनहार, रायबरेली सदर से अदिति सिंह व हरचंदपुर से राकेश सिंह भाजपा उम्मीदवार

UP Election 2022: रायबरेली जनपद के सदर सीट से विधायक अदिति सिंह (MLA Aditi Singh) और हरचंदपुर सीट से विधायक राकेश सिंह (MLA Rakesh Singh) बीजेपी उम्मीदवार बनाए गए हैं।

Narendra Singh
Published on: 21 Jan 2022 2:58 PM GMT
UP Election 2022: कांग्रेस के बागी होंगे बीजेपी के खेवनहार, रायबरेली सदर से अदिति सिंह व हरचंदपुर से राकेश सिंह भाजपा उम्मीदवार
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UP Election 2022: कांग्रेस (Congress Party) के गढ़ व सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के संसदीय क्षेत्र रायबरेली (Parliamentary Constituency Rae Bareli) में भाजपा (BJP) ने कांग्रेस के बागियों पर भरोसा जताया है। सदर सीट से विधायक अदिति सिंह (Sadar BJP Candidate Aditi Singh) और हरचंदपुर सीट से विधायक राकेश सिंह (MLA Rakesh Singh) बीजेपी उम्मीदवार बनाए गए हैं। अब यह दोनों बीजेपी की सियासी नांव खेवेगे।

रायबरेली सदर सीट (Raebareli Sadar Assembly Seat) पर राजनीति में पिछले तीन दशक से बेताज बादशाह रहे अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) ने हर लहर, दांव और सियासत को अपने सामने बौना साबित कर दिया था। इस सीट पर 1989 से ही अखिलेश सिंह की बादशाहत कायम है। 2017 में अपनी बेटी अदिति सिंह को रायबरेली विधानसभा से विधायक बनाकर उन्होंने अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। हालांकि कुछ दिनों पहले अखिलेश सिंह का निधन हो गया। 2017 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर अदिति सिंह ने बसपा (BSP) के मो. शाबाज खान को 89163 वोट को बड़े अंतर से हराया। इसके बाद उनकी कांग्रेस में अनबन हुई अंत में 23 नवंबर 2021 को उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया।

आज तक 10 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की

1967 से सदर सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है। आज तक 10 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। 1967 में पहली बार कांग्रेस के मदन मोहन मिश्रा विधायक बने। 1969 में मदन मोहन मिश्रा दोबारा विधायक बने। वहीं इसके बाद 1974 में सुनीता चौहान, 1977 में मोहन लाल त्रिपाठी, 1980 और 1985 में रमेश चंद्र कांग्रेस से विधायक बने। वहीं 1989 में कांग्रेस का विजय रथ थमा और 1991 तक लगातार दो बार अशोक सिंह विधायक बने।

इसके बाद रायबरेली की राजनीति में अखिलेश सिंह की एंट्री हुई, जिसके बाद उनका नाम ही जीत की गारंटी बन गया। 1993 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर अखिलेश सिंह विधायक बने। वहीं 1996 और 2002 में भी विधायक बनकर उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई। इतना ही नहीं 2007 में निर्दलीय विधायक बनकर अखिलेश सिंह ने अपनी ताकत दिखाई। इसके बाद पीस पार्टी के टिकट पर वह लगातार पांचवी बार विधायक बने।

2017 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस का कब्जा

हरचंदपुर सीट (Harchandpur Vidhan Seat Rakesh Singh) से एमएलसी दिनेश सिंह के भाई राकेश सिंह विधायक रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में दिनेश ने कांग्रेस से बगावत कर सोनिया गांधी के मुकाबले पर ताल ठोकी तब भी राकेश कांग्रेस के विधायक रहे। लेकिन उनकी भी रह रह कर खटास सामने आती रही। अंत में 31 दिसंबर 2021 को जब सीएम योगी रायबरेली में एक रैली में पहुंचे तो राकेश सिंह ने उनके समक्ष पार्टी ज्वाइन किया। 2017 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद हरचंदपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस कब्जा करने में कामयाब रही। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। कांग्रेस के राकेश सिंह ने भाजपा के कंचन लोढ़ी को 3652 वोट से हराया था। वहीं बसपा के मनीष सिंह 45057 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

ऐसे अस्तित्व में आई हरचंदपुर विधान सभा सीट

हरचंदपुर विधानसभा सीट रायबरेली जिले का एक हिस्सा है। 2012 विधानसभा चुनाव से पहले जिले की सभी विधानसभाओं के क्षेत्रों का बदल दिया गया था। इसमें रायबरेली की सदर और ऊंचाहार विधानसभा सीटों के क्षेत्रों में कटौती कर के बछरावां, हरचंदपुर और तिलोई को तोड़ा और जोड़ा गया। इसके बाद 2012 में हरचंदपुर विधान सभा सीट अस्तित्व में आई। इसी साल यहां पहला विधानसभा चुनाव हुए और इस नई सीट पर सपा की साइकिल चल गई। कांग्रेस के गढ़ में समाजवादी पार्टी के सुरेंद्र विक्रम सिंह ने कांग्रेस के शिव गणेश को 14193 मतों से चुनाव हराया वहीं पीस पार्टी के साथ गठबंधन में उतरे मनीष कुमार सिंह तीसरे नंबर पर और बसपा के जय नारायण चौथे नंबर पर और भाजपा के नरेंद्र कुमार सिंह पांचवें स्थान पर रहे।

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Shashi kant gautam

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