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Sitapur 84 Kosi Parikrama: ब्रह्म मुहूर्त में शंख बजाकर शुरू हुई नैमिषारण्य की 84 कोसीय परिक्रमा
Sitapur 84 Kosi Parikrama: सीतापुर में 84 कोसी परिक्रमा शुरू हो गई है। साधु संतों और महात्माओं पर पुष्प वर्षा की गई है।
Ayodhya 84 Kosi Parikrama: सीतापुर में गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्तत में घंटा, घड़ियाल और शंख की ध्वनि के बीच 84 कोसी परिक्रमा (84 Kosi Parikrama) शुरू हो गई है। पहला आश्रम के महंत नन्हकू दास ने परिक्रमा की शुरुआत की। परिक्रमा के शुभारंभ पर प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने साधु संतों व महात्माओं सहित श्रद्धालुओं को मालाएं पहनाकर और उनपर पुष्प वर्षा कर उन्हें पहले पड़ाव के लिए रवाना किया।
कोसी परिक्रमा में भारी संख्या में पहुंचे साधु संत
परिक्रमा में शामिल होने आए साधु संतो व श्रद्धालुओं ने आज चक्रतीर्थ और गंगा गोमती नदी में स्नान किया। उसके बाद आदिशक्ति मां ललिता मंदिर से अपने पहले पड़ाव के लिए रवाना हुए।
बता दें कि 84 कोसी परिक्रमा में विभिन्न राज्यों से भारी संख्या में साधु संतों सहित सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे।
देवराज इंद्र के कहने पर 84 हजार ऋषि आए थे
आचार्य अनिल शास्त्री ने बताया कि यह परिक्रमा कई वर्षों से हो रही है। सतयुग में यह महर्षि दधीच की राजधानी रही है। नैमिषारण्य को सुरक्षा प्रदान करने के लिए महर्षि दधीचि ने अपनी हड्डियों का दान दिया था। दान देने से पहले उन्होंने कहा था कि हमें समस्त तीर्थों की यात्रा करनी है। अनिल शास्त्री बताते हैं कि देवराज इंद्र के कहने पर 84 हजार ऋषि आए थे और तपस्या की थी। तभी से यह परिक्रमा चली आ रही है। इस परिक्रमा में विदेशी श्रद्धालु भी आते हैं।
संतों की सुविधा के लिए सभी तैयारियां पूरी
84 कोसीय परिक्रमा को लेकर एसडीएम मिश्रिख गौरव रंजन ने बताया की परिक्रमा को लेकर बहुत कम समय मिला था, फिर भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। परिक्रमा में शामिल होने आए साधु संतों को किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है नगरपालिका के अधिकारियों को भी निर्देशित कर दिया गया है कि पड़ाव स्थल पर किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो।