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Sultanpur News: सपा एमएलसी का बड़ा बयान,कहा- अफसर खुद को शासक समझते हैं, बाकी सब हमारी प्रजा

सपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अफसरों की मानसिकता उनके प्रशिक्षण की वजह से ऐसी है कि वो समझते हैं हम शासक हैं बाकी लोग हमारी रियाया हैं।

Fareed Ahmed
Report Fareed AhmedPublished By Divyanshu Rao
Published on: 24 Sept 2021 10:06 PM IST
Sultanpur News
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सपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह की तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Sultanpur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradseh) के सुल्तानपुर (Sultanpur) में जिले में गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह पहुंचे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि छुट्टा जानवर गंभीर समस्या है और बड़े पैमाने पर दुर्घटनाओं का कारण है। फोर लेन से लेकर यमुना एक्सप्रेस वे पर दिल्ली की सीमा तक सांड खड़े रहते हैं। यह काम जिलाधिकारी का है कि उन जानवरों को पशु आश्रय स्थल पर रखें। उन्होंने किसानों का मजाक उड़ाया, कहा छुट्टा जानवर तो फोर लेन पर हैं वो तो धान के खेत की तरफ जा ही नही रहे हैं।

आज की नौकरशाही लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ

शहर के पीडब्लूडी स्थित निरीक्षण भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अफसरों की मानसिकता उनके प्रशिक्षण की वजह से ऐसी है कि वो समझते हैं हम शासक हैं बाकी लोग हमारी रियाया हैं। यह भावना अफसरों की लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है।

नौकरशाह नकारात्मक प्रवृति के हैं उनको नकारात्मकता छोड़नी चाहिए। उनको सकारात्मक सोच पैदा करनी चाहिए। वो हमारे शासक नही हैं वो जनता की सेवा के लिए नौकरी में आए हैं। उनको छूट देंगे तो उल्टे-सीधे फैसले करते रहेंगे। नौकरशाह किसी के होते नही हैं। किसी व्यक्ति को भ्रम हो जाए कि नौकरशाह उनका है ये वास्तविकता से परे है ऐसे लोग धोखा खाते हैं।

नौकरशाही राजनीतिक नेतृत्व के आदेश को क्रियान्वित करने के लिए बनाई गई है उसको उसी दायरे में रहकर काम करना चाहिए।

मीडिया से बातचीत करते एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह

अवसर मिला तो 24 घण्टे में शिक्षा मित्र बनेंगे शिक्षक

मुझे अवसर मिले तो मैं 24 घंटे के भीतर शिक्षा मित्रों को शिक्षक बना दूं। दो घंटे के भीतर तदस्त शिक्षकों को विनिमित कर दूं। एक नेता का दिल बड़ा होना चाहिए निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। अगर उनको ये काम करने की इच्छा थी तो जिस वक्त वो मुख्यमंत्री थे उन्हें कर देना चाहिए था। अब उन पर जनता भरोसा कैसे करे। मैं ये मानता हूं सभी शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाया जाना चाहिए, सभी तद्स्थ शिक्षकों को विनियमित किया जाना चाहिए। ये बड़ा विजन है और दृढ़ संकल्प चाहिए। ये राजनीतिक निर्णय है अफसरशाहों के भरोसे नही छोड़ा जाना चाहिए।

विपक्ष तो मरा हुआ है, मैं विपक्ष में होता तो उत्तर प्रदेश की जेल को भर देता। जेल में तबतक रहता जब तक जनता का मन बदल नही जाता। विपक्ष लड़ना नही चाहता विपक्ष तो सुविधा भोगी हो गया है। एक मजबूत विपक्ष भी लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। जनसरोकारों के मुद्दों पर विपक्ष के नेता लड़े जमीन पर संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि डॉ. लोहिया बहुत पहले कह गए थे जब सड़के सूनी होंगी तब संसद और विधानसभाएं आवारा हो जाएंगी। वहीं

Divyanshu Rao

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