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Sultanpur News: 2017 की विधानसभा में पहुंचने वाले सबसे युवा विधायक अरुण वर्मा
2017 में जयसिंहपुर सदर विधान सभा में एकदम नया चेहरा जो छात्र राजनीति से होते हुए देश के सबसे बड़े प्रदेश में विधान सभा तक पहुंच गया।
Sultanpur News: राजनीति में नहीं होते तो इंजीनियर होते। पूर्वांचल की डिश बाटी चोखा उनका पसंदीदा भोजन है। विधायक निधि के पैरोकार हैं। राजनीति से बचा समय परिवार के साथ गुज़ारना बड़ा अच्छा लगता है। पिता का गुजर जाना अब तक के जीवन का सबसे बड़ा दुख है।
बात जयसिंहपुर सदर विधान सभा के 2017 के चुनाव की है तब उस समय इस विधान सभा मे एकदम नया चेहरा जो छात्र राजनीति से होते हुए देश के सबसे बड़े प्रदेश में विधान सभा तक पहुंच गया। हम बात पूर्व विधायक अरुण वर्मा की कर रहे हैं।
न्यूज़ट्रैक ने पूर्व विधायक अरुण वर्मा से सीधी बात की। जिसमें अरुण वर्मा ने कुछ अनछुए पहलुओं को हमसे साझा किया।
परिचय अरुण वर्मा 2017 की विधान सभा मे सबसे युवा विधायक 25 साल की उम्र में अपना पहला चुनाव जीता।
अरुण वर्मा ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुवात समाजवादी पार्टी से की और आज भी समाजवादी ही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में इनका नाम शुमार किया जाता है। इस बार भी समाजवादी से इनका टिकट लगभग पक्का है।
पूर्व विधायक से हमारा पहला सवाल था कि अगर आप राजनीति में नहीं आते तो क्या करते। उनके जीवन के सबसे यादगार क्षणों का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जाता है।
अरुण वर्मा को छात्र जीवन से राजनीति में रुचि थी। लेकिन अगर राजनीति न करते तो इंजीनियर होते। लेकिन समय ने करवट बदली और अखिलेश के करीब आ गए। यहीं से उनके राजनीतिक कैरियर की शुरुवात हुई।
दूसरा सवाल था कि खाने और पहनने में क्या पसंद है।
इस पर अरुण वर्मा ने कहा कि वैसे तो वो पूरी तरह शाकाहारी हैं। सादा खाना पसंद है।.लेकिन पूर्वांचल की मशहूर डिश बाटी चोखा फेवरेट है। जिसको बडे ही चाव से खाते हैं।
पहनावे की बात पर हंसते हुए कहा कि अब तो कुर्ता पायजामा ही उनकी वेश भूषा है। बाकी आउटिंग के समय कैज़ुअल पहन लेते हैं।
अगला सवाल उनसे था कि राजनीति के बाद जो समय मिलता है उसमें वो क्या करते हैं।
इसका जवाब भी अरुण वर्मा ने बड़े बेसाख्ता अंदाज़ में दिया कि जनता के लिए ही सब समय रखता हूं। हां,जब एकदम से खाली रहते हैं तो परिवार के साथ समय बिताना पसंद है।
25 वर्ष की उम्र में विधायक बनना जिंदगी के सबसे हसीन लम्हा- अरुण वर्मा
पूर्व विधायक अरुण वर्मा से उनके ज़िन्दगी का सबसे हसीन लम्हा जो उन्हें अब तक याद है जब पूछा तो अरुण वर्मा ने कहा कि उनकी ज़िंदगी का हसीन लम्हा तो बस यही है कि पहली बार चुनावी मैदान में उतरा और मात्र 25 साल की उम्र में सबसे युवा विधायक बने। यह ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत पल है। जिसका क्रेडिट अखिलेश यादव को जाता हैं। क्योंकि अखिलेश ने उन पर विश्वास कर सपा से टिकट दिया।
ज़िन्दगी की सबसे दुःखद घटना के सवाल पर अरुण वर्मा थोड़ा भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि ज़िंदगी की सबसे दुःखद घटना पिता जी का उनसे बिछड़ जाना है। जिसको एक लम्हा भी नहीं भूला जाता। पिताजी राजनीति में आदर्श थे। पूर्व विधायक के पिता 3 बार लगातार ग्राम प्रधान रहे यही उनकी पूंजी थी।
वर्तमान राजनीति में कुछ बदलाव चाहते हैं। इसपर अरुण वर्मा ने कहा कि ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं की राजनैतिक भागीदारी राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकती है वो चाहते हैं कि युवाओं की भागीदारी ज़्यादा हो।
पूर्व विधायक से इस पर हमने यह भी जानने की कोशिश की कि अमूमन राजनीतिक व्यक्ति अपनी विरासत अपने बच्चों को सौंपते हैं इस पर उनकी क्या राय है ? क्या आपके बच्चे भी राजनिति में आएंगे?
इसपर उन्होंने कहा कि अभी मेरा बेटा बहुत छोटा है। लेकिन अगर उसकी राजनीति में कोई रुचि रही तो बिल्कुल जाएगा।
सबसे अहम सवाल जो उनसे पूछा कि विधायक निधि में भ्रष्टाचार होता है। इसको क्या बंद कर देना चाहिए।
इस पर पूर्व विधायक अरुण वर्मा ने कहा कि निधि का सही इस्तेमाल होना चाहिए। विकास पर पूरी तरह इसको। खर्च किया जाए पारदर्शी तरीके से। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार के समय हमको दस बीस लाख आसानी से जनता के इलाज आदि में दे देते थे। जिससे आम जनता का भला होता है।