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Meerabai Chanu: Tokyo Olympics में मीराबाई चानू ने जीता सिल्वर मेडल, Lucknow में मना जश्न

मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में देश को रजत पदक दिलाकर इतिहास रच दिया है, जिसके बाद आज लखनऊ में जश्न मनाया गया।

Ashutosh Tripathi
Report Ashutosh TripathiPublished By Ashiki
Published on: 24 July 2021 1:40 PM GMT
Meerabai Chanu, Tokyo Olympics
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लखनऊ में जश्न मानती बच्चियां 

लखनऊ: भारत ने टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics) में अपने मेडल का खाता सिल्वर के साथ खोला है। मीराबाई चानू (Meerabai Chanu) ने भारत को 49 किग्रा महिला वेटलिफ्टिंग में यह पदक दिलाया। बता दें भारत को 21 साल बाद वेटलिफ्टिंग में कोई पदक मिला है।


भारत को रजत पदक मिलने की खबर सुनते ही पूरे देश में जश्न का माहौल हो गया। यूपी की राजधानी लखनऊ के डालीगंज इलाके में तो बच्चों ने मीराबाई चानू की जीत की खुशी में खूब मिठाइयां बाटीं।


खुशी जाहिर करते हुए इन बच्चियों ने कहा कि मीराबाई चानू (Meerabai Chanu) ने देश के लिए रजत पदक (Silver medal) जीत कर हम बेटियों का भी सर गर्व से ऊंचा कर दिया है।


आपको बता दें कि वेट लिफ्टर सैखोम मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में पहले ही दिन देश को रजत पदक दिलाकर एक नया इतिहास रच दिया है। देश की बेटी मीरा ने Weight Lifting स्पर्धा में पदक का भारत का 21 साल का इंतजार खत्म कराया है।


इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी (Karnam Malleswari) ने सिडनी ओलंपिक 2000 में देश को भारोत्तोलन में कांस्य पदक दिलाया था। अब चानू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रा से कुल 202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक देश के नाम किया।


सैखोम मीराबाई चानू का जन्म (Mirabai Chanu Birth Date) 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के इंफाल के नोंगपोक काकचिंग में एक मैतेई परिवार में हुआ था।


उनके परिवार ने उसकी ताकत को कम उम्र से ही पहचान लिया था जब वह सिर्फ 10-11 साल की थी वह आसानी से जलाऊ लकड़ी का एक बड़ा बोझा घर ले जाती थी जिसे उठाना उसके बड़े भाई को मुश्किल था।


11 साल की उम्र में ही कुछ प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए, वह अंडर -15 राष्ट्रीय चैंपियन बन गई। 17 साल की उम्र में, युवा मणिपुरी जूनियर चैंपियन बनी और बाद में उसे राष्ट्रीय टीम में मौका मिला।


2016 में, उन्होंने कुंजारानी के स्नैच राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जो 2004 में स्थापित किया गया था, और एशियाई चैम्पियनशिप जीतने के लिए 190 किलोग्राम के कुल लिफ्ट रिकॉर्ड की बराबरी की।


मीरा का प्रदर्शन अद्भुत था, जो ओलंपिक रजत पदक के निशान से सिर्फ 2 किलो दूर था, इस उपलब्धि ने उन्हें राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया।


मीराबाई ने 11 साल की उम्र में अपना पहला प्रतिस्पर्धी स्वर्ण पदक (Mirabai Chanu Ka Pehla Gold Medal) जीता था। वह भारतीय रेलवे की कर्मचारी हैं।


मीराबाई चानू को 2016 रियो ओलंपिक (Rio Olympics 2016) में कड़वी निराशा का सामना करना पड़ा, जो कि भव्य मंच पर उनकी पहली उपस्थिति थी। वह केवल दो भारोत्तोलकों में से एक थीं जिन्होंने इस कार्यक्रम को समाप्त नहीं किया।


मीराबाई चानू 22 साल में विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप (World Weightlifting Championships) में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय हैं।

Ashiki

Ashiki

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