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UP Cabinet Meeting: योगी सरकार ने बेसहारा बच्चों के हक में लिया बड़ा फैसला, जानिए क्या-क्या मिलेगी सुविधा

UP Cabinet Meeting: योगी सरकार ने यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के अन्तर्गत आर्थिक सहयोग प्रदान करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Dharmendra Singh
Published on: 2 Aug 2021 5:18 PM GMT (Updated on: 2 Aug 2021 5:19 PM GMT)
Yogi Adityanath Cabinet
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एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

UP Cabinet Meeting: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के अन्तर्गत आर्थिक सहयोग प्रदान करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। इसके तहत 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है। अथवा 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर जिन्होंने कोविड या अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है। तथा वह कक्षा 12 तक शिक्षा पूर्ण करने के उपरांत राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने हेतु शिक्षा प्राप्त कर रहे हों या नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले अथवा जिनकी माता तलाकशुदा स्त्री या परित्यक्ता है।

इसके अलावा जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्यकर्ता जेल में है। ऐसे बच्चे जिन्हें बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति बाल वैश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो अथवा भिक्षावृत्ति अथवा वैश्यावृत्ति में सम्मिलित परिवारों के बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इस योजना का लाभ एक परिवार के अधिकतम दो बच्चों को मिल सकेगा तथा 18 वर्ष की आयु पूरी करने के उपरान्त कक्षा 12 तक शिक्षा पूर्ण करने के बाद भी राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने एवं राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को 23 वर्ष की आयु पूरी होने या स्नातक शिक्षा अथवा मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त करने में जो भी पहले हो तक इस योजना के अन्तर्गत लाभ दिया जायेगा।
इस योजना के अन्तर्गत पात्रता की श्रेणी में आने वाले परिवार के अधिकतम दो बच्चों को प्रतिमाह प्रति बालक एवं बालिका 2500 रुपये की सहायता धनराशि प्रदान की जायेगी। यह योजना शत-प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित है। ज्ञातव्य है कि कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में 'यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा' योजना का संचालन किया जा रहा है।
इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में होमगार्ड्स, स्वयंसेवकों एवं अवैतनिक अधिकारियों की सेवावधि में (अधिवर्षता से पूर्व) मृत्यु की दशा में उनके नॉमिनी उत्तराधिकारी को अथवा स्थायी अपंगता की स्थिति में उनको 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि तथा एक अंग अथवा एक आंख की पूर्ण रूप से हानि होने की दशा में 2.5 लाख रुपये की अनुग्रह धनराशि दिये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया। यह व्यवस्था 6 दिसम्बर, 2020 से लागू होगी। साथ ही मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश निरसन अध्यादेश, 2021 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि कुल 312 अधिनियमों को निरसित किये जाने के सम्बन्ध में शासन के सम्बन्धित प्रशासकीय विभागों से अनापत्तियां प्राप्त हुई, जिन्हें वर्तमान में अप्रचलित एवं अनुपयोगी होने के दृष्टिगत निरसित किया जाना प्रस्तावित है। इस समय राज्य विधान मंडल सत्र आहूत नहीं है। आगामी राज्य विधान मण्डल सत्र में पुरःस्थापित कराने जाने का भी निर्णय मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है।


Dharmendra Singh

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