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UP New Population Policy: योगी की जनसंख्या नीति पर सियासी घमासान, पवार समर्थन में उतरे तो खुर्शीद व बर्क ने किया तीखा विरोध
UP New Population Policy: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से विश्व जनसंख्या दिवस पर घोषित सरकार की नई जनसंख्या नीति पर सियासी घमासान छिड़ गया है।
UP New Population Policy: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से विश्व जनसंख्या दिवस पर घोषित सरकार की नई जनसंख्या नीति पर सियासी घमासान छिड़ गया है। एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी की ओर से उठाए गए कदम का समर्थन किया है।
शरद पवार ने कहा कि देश की बेहतर इकोनॉमी, रहन सहन और पर्यावरण संतुलन के लिए बढ़ती आबादी पर लगाम लगाना जरूरी हो गया है। दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने योगी की नई नीति पर तीखा विरोध जताया है।
उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नीति का ड्राफ्ट पेश करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनसंख्या का विस्फोट विकास की राह में बड़ी बाधा बन सकता है। योगी की नई नीति के तहत दो से ज्यादा बच्चे होने पर लोगों को कई सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा। ऐसे लोग सरकारी नौकरी, पदोन्नति और सब्सिडी से भी वंचित हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सूबे की प्रजनन दर घटाने पर भी जोर दिया है।
बेहतर जीवन के लिए जनसंख्या नियंत्रण जरूरी
जनसंख्या नीति पर एनसीपी के मुखिया शरद पवार खुलकर योगी के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि देश का हर नागरिक जनसंख्या नियंत्रण में योगदान देने का संकल्प लें। देश और यहां के लोगों के जनजीवन को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाना अब काफी जरूरी हो गया है।
जनसंख्या नियंत्रण पर शरद पवार का बयान बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है और इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि पवार के बयान से अन्य पार्टियों पर भी जनसंख्या नियंत्रण संबंधी नीति का समर्थन करने का दबाव बढ़ेगा। हालांकि कांग्रेस की ओर से अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।
पहले मंत्री अपने बच्चों की संख्या बताएं
दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने इस बाबत विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण बिल पास करने से पहले मंत्रियों को बताना चाहिए कि उनके कितने बच्चे हैं। उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि उनके कितने बच्चे अवैध हैं।
फर्रुखाबाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए खुर्शीद ने उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि इसे चुनाव नहीं माना जा सकता। उन्होंने पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इन चुनावों के दौरान जिस तरह हिंसा और जोर जबर्दस्ती का नंगा नाच हुआ, उसे कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता।
बर्क बोले-बच्चे पैदा करने से नहीं रोक सकते
इस बीच संभल से सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि कानून बनाना तो सरकार के हाथ में है मगर जब बच्चा पैदा होगा तो उसे कौन रोक लेगा।
संभल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सपा सांसद ने कहा कि पीएम मोदी, सीएम योगी और संघ प्रमुख मोहन भागवत के तो एक भी बच्चे नहीं हैं। वे इस बाबत क्या जानेंगे। उन्होंने कहा कि जब देश के लोगों को बच्छा ही पैदा नहीं करने दोगे तो यदि किसी दूसरे देश का मुकाबला करने के लिए लोगों की जरूरत पड़ी तो आखिर लोगों को कहां से लाओगे।
सपा सांसद ने कहा कि इस्लाम और कुरान शरीफ में साफ तौर पर कहा गया है कि इस दुनिया को अल्लाह ने बनाया है और अल्लाह ने जितनी रूहें बनाई हैं, वे दुनिया में जरूर आनी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी ओर से जितनी ताकत व रोक लगा ले या जितने कमीशन बना दे मगर किसी को बच्चा पैदा करने से कोई भी नहीं रोक सकता।
जनसंख्या नियंत्रण के सकारात्मक परिणाम
मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति का ड्राफ्ट पेश करते हुए कहा कि बढ़ती जनसंख्या पूरी दुनिया के लिए समस्या बन चुकी है और इसे लेकर समय-समय पर चिंता जताई जाती रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन देशों ने जनसंख्या पर नियंत्रण के कदम उठाएं हैं, वहां सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। समाज के सभी तबकों को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार की ओर से जनसंख्या नियंत्रण का बड़ा कदम उठाया गया है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से उठाया गया कदम समाज की जागरूकता से जुड़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश की प्रजनन दर 2.9 है जबकि इसे 2.1 पर लाने का लक्ष्य है। उन्होंने नई जनसंख्या नीति लाने पर खुशी जताते हुए कहा कि दो बच्चों के बीच सही अंतर न होने पर हमेशा कुपोषण का खतरा बना रहता है।
विधेयक पर लोगों से मांगी राय
उत्तर प्रदेश विधि आयोग की ओर से जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया गया है। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर इस विधेयक के प्रारूप को अपलोड किया है और 19 जुलाई तक इस मुद्दे पर लोगों से राय मांगी गई है। विधेयक के प्रारूप में इस बात का साफ तौर पर जिक्र किया गया है कि दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
इसके साथ ही इस सरकारी नौकरियों और चुनाव लड़ने से रोक का भी इस विधेयक में जिक्र किया गया है। इसके साथ ही इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि ऐसे लोगों को जो सरकारी कर्मचारी नहीं हैं मगर जनसंख्या नियंत्रण में योगदान देते हैं, उन्हें आवास, पानी और गृह ऋण आदि में छूट मिलेगी।