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UP Politics : सोशल मीडिया पर दिखी सपा-कांग्रेस की दोस्ती, कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि न देने के मुद्दे पर BJP का मिलकर कर रहे मुकाबला

UP Politics : ताजा मामला बीजेपी नेता स्वर्गीय कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि न देने से जुड़ा है. मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव द्वारा कल्याण सिंह के घर जाकर श्रद्धांजलि न देने को बीजेपी ने मुद्दा बना लिया है.

Raj Kumar Singh
Written By Raj Kumar SinghPublished By Vidushi Mishra
Published on: 25 Aug 2021 4:40 PM IST
Samajwadi Party Congress social media
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सोशल मीडिया पर दिखी सपा और कांग्रेस की दोस्ती

UP Politics : सोशल मीडिया पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की दोस्ती खुलकर दिखाई दे रही है. दोनों मिलकर बीजेपी से मोर्चा ले रहे हैं. ताजा मामला बीजेपी नेता स्वर्गीय कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि न देने से जुड़ा है. मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव द्वारा कल्याण सिंह के घर जाकर श्रद्धांजलि न देने को बीजेपी ने मुद्दा बना लिया है.

बीजेपी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पिछड़ा विरोधी होने का आरोप जड़ दिया है.

बीजेपी के दिग्गज नेताओं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बाकायदा ट्वीट कर इस मुद्दे को पिछड़ों की अस्मिता से जोड़ दिया है.

इनके अलावा बीजेपी के मंत्रियों समेत सभी छोटे बड़े नेताओं ने इसे मुद्दा बनाकर प्रचारित प्रसारित करना शुरू कर दिया है.

इनका आरोप है कि अखिलेश यादव ने पिछड़ों के सबसे बड़े नेता कल्याण सिंह की मुस्लिम वोटों के लिए उपेक्षा की है.

इस मामले ने बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच राजनीतिक रूप से तूल पकड़ लिया है. हैरानी की बात ये है कि अप्रत्याशित रूप से कांग्रेस ने इस मामले में समाजवादी पार्टी की ओर से मोर्चाबंदी शुरू कर दी.

कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत और ज़ीशान हैदर ने जवाबी ट्वीट कर बीजेपी से पूछा कि क्या उन्होंने स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा और स्वर्गीय सोने लाल पटेल को श्रद्धांजलि दी थी.

बात यहीं खत्म नहीं हुई. कांग्रेस नेता ज़ीशान हैदर के ट्वीट को सपा की बड़ी नेता और हाल ही में महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं जूही सिंह ने कोट रिट्वीट कर बीजेपी से सवाल कर लिया.

सपा और बीजेपी नेताओं के सोशल मीडिया पर चल रहे भाईचारे से ये सवाल स्वाभाविक रूप से खड़ा हो गया है कि क्या 2022 के विधान सभा चुनाव में दोनों दल एक बार फिर साथ चुनाव लड़ सकते हैं. 2017 का विधानसभा दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा था. और दोनों को ही फायदा नहीं हुआ था.

हालांकि अभी तक सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने को नकारते आ रहे हैं. फिर भी राजनीति में किसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. और जब इस तरह की दोस्ती देखने को मिल रही हो तो कयास तो लगाए ही जा सकते हैं.


Vidushi Mishra

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