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UP Politics: शुरू हो चुकी है पूर्वांचल में विधानसभा सीटों के लिए जंग
UP Politics: 2017 के विधानसभा चुनाव को देखें तो भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वांचल में 106 सीटों पर कब्जा किया था।
UP Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी का आज का दौरा कहने को तो विकास योजनाओं को लेकर था पर इसके पीछे पूर्वांचल की लगभग 150 सीटे हैं जो हर विधानसभा चुनाव में सत्ता की चाभी राजनीतिक दलों के हाथ में थमाने की ताकत रखती है। इसलिए सभी राजनीतिक दलों की निगाह चुनाव में इसी क्षेत्र में रहती है। राज्य सरकारें भी चुनाव के पहले अपना फोकस इसी क्षेत्र में रखती आई हैं। गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ेपन के कारण ही इस पूरे क्षेत्र में जाति-आधारित राजनीतिक दलों का बोलबाला रहता है। इसलिए इस पूरे क्षेत्र में हर चुनाव में छोटे दल पैदा होते हैं।
वैसे तो इस समय भाजपा की इस क्षेत्र में पहले से अच्छी खासी पकड़ है, लेकिन इस क्षेत्र के छोटे दल उसका खेल बिगाड़ने का काम कर सकते हैं। इनमें अपना दल (एस), निषाद पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और जनवादी पार्टी शामिल हैं। फिलहाल निषाद पार्टी और अपना दल (एस) उसके गठबंधन में हैं। वहीं जनवादी पार्टी का अखिलेश यादव से गठबंधन है तो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी असुद्ददीन ओवैसी के साथ दिखाई दे रही है, जो पहले भाजपा की सहयोगी दल हुआ करता था।
भाजपा की रणनीति है कि सहयोगी दलों के सहारे इस पूरे क्षेत्र में उसकी पकड़ कहीं कमजोर ना पड़ पाए। इसलिए हाल ही में मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में इन दलों को तवज्जों दी गयी। केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार पूर्वी यूपी से अनुप्रिया पटेल और पंकज चौधरी को जगह दी गई जबकि पूर्वी यूपी से महेंद्रनाथ पाण्डेय, स्मृति ईरानी और राजनाथ सिंह केंद्र सरकार में पहले से मंत्री हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से और प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी से हैं।
जहां तक सपा और बसपा की बात है तो इन दलों की भी यहां हालत ठीक है। लोकसभा की 29 सीटों के लोकसभा चुनाव में (भाजपा को 22 सीटों पर विजय मिली थी। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी और बसपा गठबंधन को 6 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट आई थी।
इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव को देखें तो भारतीय जनता पार्टी ने 106 सीटों पर कब्जा किया था। तो वहीं समाजवादी पार्टी ने 18, बसपा ने 12, अपना दल को 8, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 4, कांग्रेस को 4 और निषाद पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी। इस चुनाव में तीन निर्दलीय उम्मीदवारों भी जीते थे।
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