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UP Politics: तो क्या अखिलेश की फसल को काट ले गयीं प्रियंका गांधी..!

UP Politics: प्रियंका गांधी ने पीड़ित से मिलते हुए कहा कि अब यह महिला मेरी बहन है। यह उत्तर प्रदेश की एक महिला हैं, भारत देश की एक महिला हैं।

Vijay Kumar Tiwari
Written By Vijay Kumar TiwariPublished By Dharmendra Singh
Published on: 17 July 2021 3:16 PM GMT (Updated on: 17 July 2021 3:16 PM GMT)
Priyanka Gandhi Lakhimpur Kheri
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एक कार्यक्रम के दौरान प्रियंका गांधी (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

UP Politics: राजनीति में ऐसा देखा जाता है कि कभी-कभी किसी खास रणनीति को लेकर तैयारी तो कोई और राजनीतिक दल करता है लेकिन उसकी फसल दूसरा राजनीतिक दल काट लेता है। कुछ ऐसा ही नजारा लखीमपुर खीरी जिले में मिला है, जहां समाजवादी पार्टी की लगाई गई फसल को प्रियंका गांधी ने बड़ी खूबसूरती से काट लिया है और सपा की महिला प्रत्याशी और प्रस्तावक से हुई अभद्रता के मामले में समाजवादी पार्टी से आगे चलकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि कांग्रेस पार्टी महिलाओं के सम्मान के लिए अन्य दलों की अपेक्षा अधिक सक्रिय रूप से काम करेगी और उनके हक की लड़ाई लड़ती रहेगी।

लखीमपुर खीरी में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान सपा महिला प्रत्याशी और महिला प्रस्तावक के साथ हुई अभद्रता का मामला आप सभी को याद होगा। उसको लेकर सियासत के साथ साथ सोशल मीडिया में खूब चर्चा हुयी थी। अब सोशल मीडिया से हटकर ग्राउंड पर भी यह लड़ाई दिखनी शुरू हो गयी है। एक ओर जहां इस पूरे मामले में महिला के सम्मान की लड़ाई लड़ने की बात करने वाली समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया ने महिला सम्मान के नाम पर केवल भारतीय जनता पार्टी के बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ नारे पर प्रहार किया और इस मुद्दे के सहारे प्रदेश में अपनी राजनीति गर्म करने की एक पुरजोर कोशिश की तो वहीं पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी ने बाजी मार ली।

आपको याद होगा कि एक ओर जहां सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पीड़िता को घर बुलाकर बात करने और ट्विटर पर क्रिया प्रतिक्रिया देने तक ही अपनी सक्रियता दिखायी तो वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने तीन दिवसीय यूपी दौरे के दौरान अचानक पीड़िता के घर जा धमकीं और एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की।
प्रियंका गांधी ने पीड़ित से मिलते हुए कहा कि अब यह महिला मेरी बहन है। यह उत्तर प्रदेश की एक महिला हैं, भारत देश की एक महिला हैं। इसीलिए इस बहन के साथ खड़ी हूं। प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्होंने अपनी बहन से मिलकर कहा है वह अपना नामांकन एक दिन जरूर भरेगी, चुनाव लड़ेगी और जीतेगी भी। ये लोकतंत्र की लड़ाई है। उन्होंने महिलाओं को दिए गए आरक्षण की भी याद दिलायी और कहा कि लोकतंत्र में अब यह स्थिति बन गई है कि महिला नामांकन भरने जाए तो उसकी पिटाई करके उसे भगा दिया जाय।

प्रियंका गांधी ने इसी बहाने योगी सरकार को घेरने की मांग की और कहा कि यह चुनाव रद्द होना चाहिए। इस चुनाव में चाहें कोई हाई प्रोफाइल हो या लो प्रोफ़ाइल.. चुनाव रद्द होने चाहिए।
इस प्रकार देखा जाय तो कांग्रेस इस मामले अपनी राजनीतिक पहल को आगे बढ़ाते हुए महिला को अपने खेमे में खींचने की कोशिश करेगी। तो वहीं सपा के सामने चुनौती होगी कि वह कांग्रेस पार्टी की इस पहल को फीका करने के लिए कुछ और बड़ा करें। हालांकि लखीमपुर खीरी जिले में दोनों दलों के जिलाध्यक्ष को अब इस मामले को लेकर अपनी राजनीतिक पहचान बढ़ाने का मौका है। जो इस मामले को अंजाम तक ले जाने की पहल करता रहेगा उसको आने वाले विधानसभा चुनाव में जरूर फायदा दिखेगा।
आपको याद होगा कि दयाशंकर सिंह के मामले में भाजपा ने किस तरह से भुनाया था और उसको अंजाम तक पहुंचाया। उसी मामले को लेकर दयाशंकर सिंह की पत्नी पहले विधायक फिर मंत्री भी बन गयीं। कुछ ऐसा ही रणनीति कांग्रेस पार्टी अपना सकती है और ब्लाक प्रमुख का चुनाव न पाने वाली महिला को उससे बड़ी राजनीतिक पारी शुरू करने का मौका दे सकती है।


Dharmendra Singh

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