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UP Politics: अखिलेश यादव ने कहा- यूपी में किसानों की हालत बेहद खराब

UP Politics: अखिलेश यादव ने कहा कि जबसे भाजपा सरकार सत्ता में आई है, किसानों की दशा बिगड़ती गई है।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Dharmendra Singh
Published on: 26 July 2021 4:21 PM GMT
Akhilesh Yadav on Yogi Govt
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एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ( फाइल फोटो-न्यूजट्रैक)

UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि गन्ना किसानों की हालत बहुत खराब है। भाजपा सरकार ने गन्ना किसानों की घोर उपेक्षा की है। भाजपा सरकार के पांच वर्ष होने को है, लेकिन गन्ने की कीमत में एक रूपया की भी वृद्धि नहीं की गई है। चीनी मिल मालिक पूरी तरह अपनी मनमानी पर उतर आए हैं। 12 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा किसानों का बकाया है।

अखिलेश ने कहा कि सत्ता में आने के 14 दिनों के अंदर ही बकाया भुगतान का भाजपा सरकार ने वादा किया था। आलू किसान बर्बाद है। वादा करने वाले उसे भूल गए। नियमतः विलम्ब से बकाया भुगतान पर ब्याज दिए जाने का प्रावधान है उसे भी भुला दिया गया। यह किसानों के साथ अन्याय है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जबसे भाजपा सरकार सत्ता में आई है, किसानों की दशा बिगड़ती गई है। खेती के काम आने वाली हर चीज मंहगी हो गई है और किसान के उत्पाद की लागत का डेढ़ गुना दिलाने तथा 2022 तक किसान की आय दुगनी करने के वादे सिर्फ वादे बनकर रह गए हैं। भाजपा अपने संकल्प-पत्र (घोषणा-पत्र) की भी उपेक्षा कर रही है। वादों का न निभाना भ्रष्टाचार से कम नहीं।
उन्होंने कहा कि डीजल, बिजली, खाद, बीज, कीटनाशक सबके दाम आसमान छू रहे हैं। धान की खेती की लागत 40 प्रतिशत बढ़ गई है। ट्रैक्टर से खेती की जुताई भी डेढ़ गुना मंहगी है। पहले से अब मजदूरी भी ज्यादा मंहगी हो गई है। कोरोना संकट, बेरोजगारी, मंहगे परिवहन से सबसे ज्यादा छोटे किसान परेशान हुए है। उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें सबसे महंगी है। यहां 175 रुपये प्रति हार्सपावर की दर से लागू है।
उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में ही गन्ने की कीमत में एकमुश्त 40 रूपए की वृद्धि की थी। बिजली की दरें नहीं बढ़ाई थी। खाद, बीज, कीटनाशक इत्यादि की उपलब्धता थी। किसानों की फसल के विपणन की सुविधा के लिए मंड़ियों की स्थापना की गई थी। किसानों को पेंशन, फसल बीमा की सुविधाएं थी। भाजपा सरकार ने मंडियां बनने की प्रक्रिया रोक दी और किसान को मौसम तथा बड़े व्यापारियों के सहारे छोड़ दिया।
अखिलेश ने कहा कि आज किसान के ऊपर भाजपा सरकार ने तीन कृषि काले कानून थोप दिए हैं। इनसे किसान का खेती पर से स्वामित्व स्वतः समाप्त हो जाएगा, उसकी जमीन बड़े व्यापारियों की बंधक बन जाएगी और किसान खुद खेतिहर मजदूर बन जाएगा। ठेका खेती में किसान को खाद, बीज, दवा आदि सभी चीजें कारपोरेट से खरीदने होंगे। कारपोरेट ही तय करेगा कि किसान किस फसल का उत्पादन करें किस फसल का उत्पादन न करें। कॉरपोरेट आधारित खेती करने से किसान कर्जदार होंगे और उसकी जमीन नीलाम होगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अनिवार्यता की किसान की मांग भी ठुकरा दी है। भाजपा की नई मंडियां अपने खरीद के नियम खुद तय करेंगी। नए कानूनों से जमाखोरी और काला बाजारी को खुली छूट मिलेगी। किसान जो अन्नदाता है स्वयं अपनी रोजी-रोटी के लिए दूसरों का मोहताज हो जाएगा। स्वतंत्र भारत में किसान का इतना शोषण कभी नहीं हुआ।


Dharmendra Singh

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