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Lucknow: भारतीय नववर्ष मेले में अवधी लोकगीतों से सजी महफिल, 'तू माने या न माने दिलदारा' पर झूमे श्रोता

Lucknow News: आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत चल रहे भारतीय नववर्ष मेला व चैती महोत्सव-2022 की द्वितीय संध्या में अवधी लोकगीतों संग देश भक्ति नृत्य ने समां बांधा।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Deepak Kumar
Published on: 3 April 2022 8:57 PM IST
Awadhi folk songs in the Indian New Year Fair under the Amrit Mahotsav of Independence
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भारतीय नववर्ष मेले में अवधी लोकगीतों से सजी महफिल।

Lucknow News: 'आजादी के अमृत महोत्सव' के अन्तर्गत श्रीराम लीला मैदान में चल रहे 'भारतीय नववर्ष मेला व चैती महोत्सव-2022' की द्वितीय संध्या में अवधी लोकगीतों संग देश भक्ति नृत्य ने समां बांधा। भारतीय नववर्ष मेला व चैती महोत्सव 2022 का उदघाटन श्री राम लीला समिति के अध्यक्ष हरीश चन्द्र अग्रवाल और सचिव पंडित आदित्य द्विवेदी और मयंक रंजन ने किया।

चैती महोत्सव में मोहिनी द्विवेदी ने बांधा समां

चैती महोत्सव की द्वितीय सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ मोहिनी द्विवेदी ने देवी गीत 'धीरे धीरे हो मैया धीरे धीरे से कर' श्रोताओं को देवी दुर्गा की भक्ति से सराबोर कर दिया। इसी क्रम में मोहिनी ने अपनी खनकती हुई आवांज में चइती- कोयल तोरी बोलिया, देश भक्ति - सीमवा पे करेला लड़ाईया हो, लोकगीत -पटना से बैदा बुलाई द, रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे, होली गीत कन्हैया घर चलो रे गुईया आज खेले होली और होली खेले रघुवीरा अवध में को सुनाकर दिल जीता।

'तू माने या न माने दिलदारा'

मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के बाद जूही कुमारी के नृत्य निर्देशन में पीहू, जूही, अंकित, अंशु, चन्द्रभाष सहित अन्य कलाकारों ने यह देश है वीर जवानों का और वंदेमातरम जैसे देश भक्ति गीतों पर नृत्य कर लोगों मे देशभक्ति की भावना जागृत की। देश भक्ति से ओतप्रोत इस प्रस्तुति के उपरान्त आशुतोष द्विवेदी ने अपनी खनकती हुई आवाज मे मेरा रंग दे बसंती चोला देश भक्ति गीत से अपने कार्यकम की शुरुवात कर सूफी गीत तू माने या ना माने दिलदारा के साथ, गजल 'मै हवा हूं' को सुनाकर श्रोताओं की कंजूस तालियां बटोरीं।

गुजरात के कलाकारों ने छोड़ी छाप

दिल को जीत लेने वाली इस पेशकश के बाद राज बोकारिया पोरबन्दर गुजरात के निर्देशन मे कलाकारों ने ढाल तलवार रास की आकर्षक प्रस्तुति देकर दर्शको को आश्चर्यचकित कर दिया। इसी क्रम में संस्कृति कारवां ग्रुप के कलाकारों ने अवधी लोक नृत्य की मनोरम छटा बिखेरी। संगीत से सजे कार्यकम के अगले क्रम में संस्कृति और ओम ने गणेश वंदना गाई।

चुनरी जयपुर से मंगवाई पर हुआ शानदार नृत्य

भक्ति भावना से परिपूर्ण इस प्रस्तुति के पश्चात अनुश्रुति बाजपेई और शैलेंद्र सक्सेना के निर्देशन में शालिनी बाजपेयी और मीता चक्रवर्ती ने रंग न डालो ना गिरधारी व होली खेले रघुविरा, अनुश्रुति बाजपेई, कर्तव्य मिश्रा, अंशिका तिवारी, देवांश तिवारी ने होली खेले मसाने में, विदुषी शुक्ला ने चुनरी जयपुर से मंगवाई, अर्थ जोत कौर ने मालिनी अवस्थी के गाए बालम छोटे से, अनुभूति बाजपेई और शालिनी बाजपेई ने फ्यूजन -ठाणे राहियों पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोहा।

इस कार्यक्रम के उपरान्त अंकिता बाजपेयी ने बाजे अयोध्या में बधाई देखो जन्मे प्रभु राम पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शको को भगवान श्री राम की भक्ति के सागर में आकन्ठ डुबोया। इसी क्रम में निधि तिवारी के नृत्य निर्देशन में येशु वर्मा, पर्णिका श्रीवास्तव और आध्या बिस्ट ने दुर्गे दुर्गे जय जय दुर्गे पर नृत्य कर भगवती देवी दुर्गा के नवों रूपों के दर्शन उपास्थित भक्तों को करवाए।

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Deepak Kumar

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