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Raju Srivastav: प्रति वर्ष राजू श्रीवास्तव के नाम पर दिए जाएंगे पुरस्कार, लंतरानी पुरस्कार होगा समर्पित
अवधी विकास संस्थान की ओर से प्रतिवर्ष राजू के नाम पर एक पुरस्कार की घोषणा की गई। उप्र साहित्य सभा की ओर से लंतरानी पुरस्कार राजू को समर्पित होगा। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिया जाएगा।
Raju Srivastav : हर दिल अजीज, मुरझाए चेहरों पर भी मुस्कराहट बिखेरने वाला एक जिंदादिल, बेहतरीन शख्स इस दुनिया से रुखसत ले लिया। उनके जाने के बाद भी सोशल मीडिया से लेकर सिने और राजनीतिक गलियारों में उनके नाम की चर्चा हो रही है। उनके निधन पर हर ओर उदासी छाई है। वो शख्स थे कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Comedian Raju Srivastava)। इसी कड़ी में अवधी विकास संस्थान की ओर से प्रतिवर्ष राजू के नाम पर एक पुरस्कार की घोषणा की गई। वहीं, उप्र साहित्य सभा की ओर से लंतरानी पुरस्कार राजू को समर्पित होगा। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिया जाएगा।
दिल्ली एम्स में बुधवार (21 सितंबर) की सुबह 58 साल की उम्र में राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) का निधन हो गया। उन्हें 10 अगस्त 2022 को कार्डियक अरेस्ट के बाद से एम्स में भर्ती किया गया था। वह तभी से कोमा में थे। राजू को आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। हालांकि, बीच में कई बार उनके शरीर में हरकत जरूर हुई, लेकिन वह होश में नहीं आ सके।
राजू के नाम पर प्रतिवर्ष दिए जाएंगे लंतरानी पुरस्कार
अवधी विकास संस्थान की ओर से प्रतिवर्ष राजू के नाम पर एक पुरस्कार की घोषणा की गई। वहीं, उप्र साहित्य सभा की ओर से लंतरानी पुरस्कार राजू को समर्पित होगा। अवध ज्योति का विशेषांक भी राजू पर निकाला जायेगा। स्मृति सभा का वातावरण कई बार भावुक और अश्रुपूरित हुआ। मुकेश बहादुर सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
राजू से जुड़ी स्मृतियां की याद
उप्र साहित्य सभा और अवधी विकास संस्थान (Awadhi Vikas Sansthan) की ओर से आज राजू श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा (Former Deputy CM Dr Dinesh Sharma) ने राजू श्रीवास्तव से जुड़े कई संस्मरण सुनाये। एमएलसी मुकेश शर्मा ने राजू को विश्व का सबसे बड़ा ओरिजिनल हास्य कलाकार बताया तो स्नातक विधान परिषद सदस्य अवनीश सिंह ने शोक पुस्तिका में अपने उद्गार लिखे।
सर्वेश अस्थाना के संचालन में मुकेश बहादुर सिंह विनोद मिश्र महर्षि संस्थान के प्रबंधक अनूप श्रीवास्तव, राजेश अग्रवाल, अनिल टेकरीवाल, मनोज लाल, सुशील श्रीवास्तव, संगम बहुगुणा, नवल शुक्ल, डॉ. लवकुश द्विवेदी, गोपाल सिन्हा, कवयित्री सरला शर्मा, विनोद शुक्ल, दिलीप यशवर्धन, सचिन श्रीवास्तव दीपक पाल, राजेश पांडे, पंकज राय सहित दो सौ से भी अधिक लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। सर्वेश अस्थाना ने संचालन में भी कई संस्मरण सुनाए खासकर लखनऊ के एक कार्यक्रम में निशुल्क आने का।