×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Knee Replacement Surgery: घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी में हुई प्रगति पर जागरूकता सत्र आयोजन

Knee Replacement Surgery: घुटना प्रत्यारोपण तकनीकी के क्षेत्र में घुटने में गंभीर दर्द ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में भी इजाफा हुआ है।

B.K Kushwaha
Published on: 23 Feb 2023 5:17 PM IST
X

झाँसी: डॉ. अखिलेश यादव ने कहा, "टोटल नी रिप्लेसमेंट के क्षेत्र में हुए एडवांसमेंट्स मरीजों के लिए बने वरदान

Knee Replacement Surgery: घुटना प्रत्यारोपण तकनीकी के क्षेत्र में हाल के दिनों में हुई प्रगति न केवल गेम चेंजर साबित हुई है, बल्कि वास्तव में घुटने में गंभीर दर्द ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में भी इजाफा हुआ है। मरीजों की शुरुआती पहचान के लाभ उजागर करने और समय पर उपचार से जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल वैशाली ने गुरुवार को मरीजों के लिए जागरुकता सत्र आयोजित किया।

इस अवसर पर आर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल वैशाली के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर अखिलेश यादव के साथ ही झांसी के निवासी दो मरीज उमा गुप्ता 67 और डॉक्टर प्रदीप पांडेय 62 भी मौजूद रहे जिनकी नी आर्थराइटिस का उनकी देखरेख में उपचार किया गया था और सफल रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई थी। घुटना प्रत्यारोपण के बाद इससे जुड़े जटिल मिथक तोड़ते हुए ये दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं और इस तथ्य की गवाही देते हैं कि एक व्यक्ति सामान्य, स्वस्थ और दर्द मुक्त जीवन जी सकता है।

बाइलेटरल टोटल नी रिप्लेसमेंट

उमा गुप्ता छह साल से अधिक समय से दोनों घुटनों में गंभीर दर्द से पीड़ित थीं जो दवा और फिजियोथेरेपी सेशंस के बावजूद कम नहीं हो रहा था। पिछले छह से 12 महीने में उनका दर्द इस कदर बढ़ गया था कि उन्हें चलने में, दैनिक गतिविधियों में भी परेशानी होने लगी थी और जीवन की गुणवत्ता पूरी तरह से प्रभावित हो गई थी। डॉक्टर अखिलेश यादव ने कहा कि हाल ही में उनका बाइलेटरल टोटल नी रिप्लेसमेंट किया गया और इसके बाद से वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।

इसी तरह का मामला डॉक्टर प्रदीप पांडेय का भी था उनके दोनों घुटनों का हाल ही में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया और अब वे भी सामान्य जीवन जी रहे हैं। डॉ. अखिलेश यादव ने आगे कहा, ‘‘टोटल नी रिप्लेसमेंट के क्षेत्र में हुए एडवांसमेंट्स मरीजों के लिए वरदान बन गए हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनका नी आर्थराइटिस की वजह से चलना-फिरना बंद हो गया है। इस तरह की समस्याएं अक्सर मरीज की लापरवाही के कारण उत्पन्न होती हैं।

आर्थोप्लास्टी एक अत्याधुनिक सर्जिकल टेक्निक है

शुरुआत में जोड़ों का दर्द उतना परेशान नहीं करता है लेकिन समय के साथ हालात बिगड़ते चले जाते हैं और दर्द बढ़ता जाता है। इसके बाद ही मरीज मेडिकल ट्रीटमेंट खोजते हैं। नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के क्षेत्र में हुए हालिया एडवांसमेंट के साथ ही आर्थोप्लास्टी एक अत्याधुनिक सर्जिकल टेक्निक है जो एक्यूरेसी के स्तर को 99.9ः तक बढ़ा देती है और इंप्लांटेड जॉइंट्स की लंबी उम्र के साथ ही बेहतर तरीके से काम करने में भी सुधार करती है। यह प्रक्रिया न केवल मरीजों को एक स्थिर, दर्द रहित और मूवमेंट करने वाला जॉइंट देती है, बल्कि उनके जीवन की समग्र गुणवत्ता में भी सुधार करती है।



\
Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story