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Ayodhya News: अयोध्या व्यवसायिक भूखंडों में वाहन पार्किंग में धड़ल्ले से चल रही दुकानें, प्राधिकरण रोकने में फेल

Ayodhya News: अयोध्या व्यवसायिक भूखंडों में धड़ल्ले से वाहन पार्किंग में, व्यवसायिक दुकानें संचालित हो रही है जिस पर अंकुश लगाने में प्राधिकरण पूरी तरीके से असफल रहा है।

NathBux Singh
Published on: 14 Oct 2022 8:46 AM GMT
Vehicle parking running rampant in Ayodhya commercial plots, authority failed to stop
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 अयोध्या: व्यवसायिक भूखंडों में धड़ल्ले से चल रही वाहन पार्किंग, अंकुश लगाने में प्राधिकरण असफल

Ayodhya News: अयोध्या व्यवसायिक भूखंडों में धड़ल्ले से वाहन पार्किंग में, व्यवसायिक दुकानें संचालित हो रही है जिस पर अंकुश लगाने में प्राधिकरण (Ayodhya Development Authority) पूरी तरीके से असफल दिखाई पड़ रहा है। नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत बड़े पैमाने पर व्यवसायिक भूखंडों का निर्माण हो रहा है जिसमें कई मंजिल इमारतें बन रही है जिसमें अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा नक्शा पास कर अपनी स्वीकृति, के बाद निर्माण कराया जा रहा है जिसमें इन व्यवसायिक भूखंडों (commercial plots) में नियमानुसार पार्किंग की व्यवस्था भूतल में किए जाने की की अनुमति प्रदान की जाती है लेकिन प्राधिकरण के संरक्षण में बेसमेंट जो पार्किंग के लिए निर्धारित किया गया है उसमें धड़ल्ले से व्यवसायिक दुकाने चल रही हैं और प्राधिकरण के कर्ताधर्ता अपनी आंख मूंदकर आर्थिक लाभ कमाने का काम कर रहे हैं।

भारत मीडिया ने जब इस पर गहन से छानबीन की तो वास्तविक स्थितियां दिखाई पड़ी बताया जाता है भूतल में व्यवसायिक क्रियाकलाप करने का मौखिक अनुमति प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इन व्यवसायिक काम प्लेस के मालिकों को दिया जाता है और यह व्यवसायिक कांप्लेक्स प्राधिकरण के लोगों का चारागाह बन गया पिछले एक दशक में प्राधिकरण द्वारा कई बार इन व्यवसायिक कांप्लेक्स के मालिकों को नोटिस देकर बेसमेंट में पार्किंग की अवैध वसूली तो खुद किया लेकिन बेसमेंट में व्यापारिक गतिविधियां जारी है अब आखिर इन बेसमेंट में आम लोगों को पार्किंग की व्यवस्था कब मिलेगी यह कह पाना फिलहाल संभव नहीं है । फाइलें दबा दी गई प्राधिकरण की हालत तो यह है तमाम पत्रावली ओ का पता ही नहीं चल रहा है वह कहां रखी है।

कोई सूचना संकलित नहीं है प्राधिकरण के पास- प्राधिकरण

फिलहाल जब इस बाबत भारत मीडिया ने जन सूचना अधिकार के तहत यह जानने की कोशिश की कितने व्यवसायिक कांप्लेक्स शो में पार्किंग के स्थान पर व्यवसायिक कारोबार हो रहा है तो प्राधिकरण ने यह जवाब दिया ऐसी कोई सूचना संकलित नहीं है प्राधिकरण के पास।

उदाहरण स्वरूप जब सागर लाइफ़स्टाइल दुकान रिकाबगंज के बारे में पूछा गया तो बताया गया उक्त सागर लाइफ़स्टाइल दुकान के मानचित्र में बेसमेंट पार्किंग स्वीकृत है जिसके विरुद्ध उपयोग करने पर उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की गई है लेकिन उस पार्किंग बेसमेंट में समाचार प्रेषण तक व्यवसायिक कार्य धड़ल्ले से चल रहा है जिसे रोक पाने की स्थिति में प्राधिकरण संभवत अपने को अक्षम पा रहा है अब इस बेसमेंट में पार्किंग कब खुलेगी यह प्राधिकरण को तय करना है ।

आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी अकूत संपत्ति के मालिक बन गए हैं, कई तो सेवानिवृत्त होकर घर वापस चले गए उनकी संपत्ति की जांच कर कार्रवाई करने की मांग भाजपा नेता बबलू मिश्रा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किया है।

प्राधिकरण कर्मियों ने आरक्षण का लाभ लेकर आवंटित करा लिए प्लाट

प्राधिकरण की सभी आवासीय एवं व्यवसायिक योजना में प्राधिकरण कर्मियों ने आरक्षण का लाभ लेते हुए अपने-अपने नाम आवंटित करा लिए हैं बताया जाता है कि प्राधिकरण कर्मियों को 5% आरक्षण नियमानुसार प्रदान की गई है, इसका लाभ तो प्राधिकरण में तैनात दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने भी ने भी उठा लिया है जिनकी संख्या बल अधिक है।

जिसका लाभ लेकर लोग आवंटन तो करा लेते हैं , और स्थानांतरण होने के बाद अनेक अधिकारियों ने उसे बिक्री कर दिया और दूसरे प्राधिकरण में जाकर आरक्षण का लाभ लेकर फिर खरीद लिया यह सिलसिला जारी है यही नहीं प्राधिकरण कर्मी को व्यवसायिक भूखंडों में व्यवसाय करने के लिए दुकानें भी आवंटित कर दी जबकि जो व्यक्ति प्राधिकरण में कार्यरत है उसे व्यवसायिक भूखंड किस नियम के तहत दिया गया यह भी जांच का विषय है?

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

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