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अयोध्या: 5 ग्राम सभाओं में प्रधानों के वित्तीय अधिकार समाप्त, ये है पूरा मामला

ग्राम प्रधान को पंचायत राज अधिनियम की धारा 95(1)छः के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए स्पष्टीकरण के साथ साक्ष्य के रूप में बिल वाउचर व अन्य कोई भी अभिलेख संलग्न नहीं किया गया।

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Published on: 12 Oct 2020 2:09 PM GMT
अयोध्या: 5 ग्राम सभाओं में प्रधानों के वित्तीय अधिकार समाप्त, ये है पूरा मामला
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अयोध्या: 5 ग्राम सभाओं में प्रधानों के वित्तीय अधिकार समाप्त, ये है पूरा मामला

अयोध्या: जनपद के 5 ग्राम सभाओं में प्रधानों के वित्तीय अधिकार समाप्त कर दिए गए जिसमें विकास खंड तारुन के ग्राम पंचायत दादूपुर, विकासखंड मसौधा के ग्राम पंचायत फिरोजपुर तथा कैल व सरियावा के साथ ब्लॉक रुदौली के ग्राम पंचायत मांगी चांदपुर शामिल है जिन के ग्राम प्रधानों के वित्तीय अधिकार को सीज करते हुए इन सभी ग्राम प्रधानो को ग्राम प्रधान के दायित्यो व अधिकारो से विरत करते हुए ग्राम पंचायत के कार्यों के संचालन हेतु 3 सदस्य समिति का गठन कर दिया है।

उक्त जानकारी देते हुए जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने आगे बताया कि तारुन ब्लॉक के ग्राम दादूपुर के ग्राम प्रधान गुलाब सिंह कि खिलाफ वित्तीय अनियमिता की शिकायत प्राप्त होने पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी व सहायक अभियंता लघु सिंचाई से जांच कराई गई। जांच आख्या के अनुसार ग्राम प्रधान द्वारा सोलर लाइट क्रय में रुपया 7800, स्ट्रीट लाइट क्रय रुपया 85500, कूड़ेदान के क्रय में 67188 रुपए, प्राथमिक विद्यालय में रंगाई पुताई में रुपया 19580, पूर्व शौचालय एवं मूत्रालय मरम्मत कार्य पर 39820, आंगनबाड़ी केंद्र पर शौचालय मरम्मत कार्य पर 1925, पंचायत भवन में मरम्मत तथा वायरिंग पर रुपया 197460, मनरेगा कार्य में दयाराम के बाग से रामबरन के बाग तक मिटटी की पटाई के कार्य पर दो ह्यूम पाइप क्रय मे रुपया 4992, हैंड पाइप के मरम्मत कार्य, आरसीसी बंेच के स्थापना कार्य, पूर्व माध्यमिक विद्यालय में रंगाई पुताई व मरम्मत कार्य व फ्लोर टाइल के कार्य सहित अन्य विकास कार्यों में गंभीर वित्तीय अनियमितता पाई गई।

ग्राम प्रधान को पंचायत राज अधिनियम की धारा 95(1)छः के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए स्पष्टीकरण के साथ साक्ष्य के रूप में बिल वाउचर व अन्य कोई भी अभिलेख संलग्न नहीं किया गया। प्रस्तुत स्पष्टीकरण का परीक्षणोपरांत स्पष्टीकरण संतोषजनक न मिलने पर जिला मजिस्ट्रेट ने ब्लॉक तारुन के ग्राम पंचायत दादूपुर के ग्राम प्रधान गुलाब सिंह को उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम की धारा 95(1)छः के तहत ग्राम प्रधान की दायित्व एवं अधिकारों से विरत करते हुए ग्राम पंचायत के कार्यों के संचालन हेतु 3 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है जिसमें संतोष कुमार पुत्र श्याम लाल, जगदीश पुत्र राम लखन व वंशराज पुत्र बाबूलाल को समिति का सदस्य नामित किया है।

जिला मजिस्ट्रेट ने आगे बताया कि जनपद के नोडल अधिकारी/आयुक्त आवास विकास परिषद लखनऊ द्वारा विकासखंड रुदौली के ग्राम पंचायत मांगी चांदपुर का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के समय प्राप्त शिकायतों के दृष्टिगत नोडल अधिकारी के निर्देश पर 3 सदस्सीय समिति का गठन कर राज्य वित्त आयोग एवं 14 वित्त आयोग की अन्तर्गत प्राप्त धनराशि से कराई गये समस्त कार्यों की जांच कराई गई।

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जांच आख्या के अनुसार ग्राम प्रधान व संबंधित सचिव कतिपय आरोपो में रूपया 462062 शासकीय धनराशि के ब्ययपरण करने तथा अपने पदेन दायित्वो का निर्वाहन भली-भांति न करने के प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया, जिसके सापेक्ष ग्राम प्रधान श्रीमती शांति देवी को कारण बताओ नोटिस जारी की गई परंतु उनके द्वारा निर्धारित अवधि में स्पष्टीकरण प्रस्तुत न करने तथा पर्याप्त समय दिए जाने के बाद भी अपना पक्ष प्रस्तुत न करने के कारण उन्हें प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमिता की दोषी पाई गई।

फलस्वरूप उन्हें ग्राम प्रधान के दायित्वो एवं अधिकारो से विरत करते हुए ग्राम पंचायत के कार्यों के संचालन हेतु तीन सदस्यीय समिति जिसमें श्रीमती सुखमति पत्नी कुसुम लाल, अविनाश कुमार पुत्र धर्मदास, शैलेंद्र प्रताप सिंह पुत्र देवी सिंह को सदस्य नामित किया गया हैं।

जिला मजिस्ट्रेट श्री झा ने आगे बताया कि मसौधा ब्लाक के ग्राम पंचायत फिरोजपुर के ग्राम प्रधान श्रीमती भानमती, ग्राम पंचायत कैल के ग्राम प्रधान श्रीमती मीना एवं ग्राम पंचायत सरियांवा के ग्राम प्रधान रामभगन के बिरूद्ध प्राप्त शिकायतो की जाॅच कराई गई जाॅच अधिकारी से प्राप्त जाॅच आख्या पर इन्हें प्रथम दृष्टया वित्तीय अनिमित्ता का दोषी पाया गया।

तदोपरान्त इन्हे अपना पक्ष रखने हेतु पर्याप्त समय व नोटिस दी गई इन ग्राम प्रधानो से प्राप्त स्पष्टीकरण असंतोषजनक है उ0प्र0 पंचायत राज अधिनियम की धारा 95(1)छः के तहत इन सभी को ग्राम प्रधानो के दायित्वो व अधिकारो से विरत करते हुए ग्राम पंचायत के संचालन हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया गया है।

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जिला मजिस्ट्रेअ अनुज कुमार झाा ने जनपद के सभी ग्राम प्रधानो से अपील की है कि जिस कार्यो के लिए धन आवंटित किया जाये उसका व्यय उन्ही मदो में किया जाये कार्य कराने के पूर्व वित्तीय नियमो का पूर्णरूप से पालन करते हुए जो भी कार्य कराये जाये वे उच्च गुणवत्ता के होन चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्तीय अनिमित्ता करने वाले ग्राम प्रधानो व सचिवो के विरूद्ध उ0प्र0 पंचायत राज अधिनियम 95(1)छः के तहत कार्यवाही की जायेगी।

रिपोर्ट-नाथ बख्श सिंह, अयोध्या

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