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Ayodhya News :राम जन्मभूमि ट्रस्ट को भंग करने के लिए निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्म दास पीएम को भेजेंगे पत्र
Ayodhya News :निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्म दास ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भंग कर गिरफ्तारी करने की मांग की है।
Ayodhya News : राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) पर जमीन प्रकरण का मामला बढ़ता जा रहा है। जहां अयोध्या के संत अब जांच के पक्ष में हैं तो वहीं राम मंदिर के पक्षकार व निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्म दास (Mahant Dharma Das) ने राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भंग कर गिरफ्तारी करने की मांग की है और आरोप लगाया है कि भगवान की संपत्ति का बंदरबांट कर रहे हैं।
उन्होंने कहा जिसके लिए जल्द ही पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजेंगे। ट्रस्ट में धोखाधड़ी करने वालो की हो गिरफ्तारी निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्म दास ने पत्रिका टीम से खास बातचीत में ट्रस्ट पर आरोप लगाया और कहा कि भगवान रामलला के साथ धोखा किया जा रहा है। जो भी पैसा दान में आया वह भगवान का मंदिर निर्माण के लिए आया है। लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल लोग व्यापारी है।
अयोध्या में कभी करोड़ों का जमीन नहीं बिका आज यह लोग करोड़ों की जमीन खरीद कर पैसे का बंदरबाट कर रहे हैं। इसलिए अबिलम्ब ट्रस्ट को भंग कर दिया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री गृहमंत्री व मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूँ कि इस प्रकरण की सीबीआई जांच कराए और इस जमीन के खरीदारी में गवाह बने हुए हैं उनकी संपत्ति की भी जांच कराई जाए। और तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
पीएम मोदी व गृहमंत्री को पत्र भेजेंगे धर्म दास वहीं कहा कि इस राम जन्मभूमि के लिए अयोध्या का साधु समाज और तीनों अनि आखाडा द्वारा लड़ाई लड़ा गया और 1948 में बाबा अभिराम दास द्वारा रामलला की प्रतिमा स्थापित की गई। उसके बाद आज मंदिर निर्माण होने का फैसला मिला। जिसके लिए देश के भक्त मंदिर निर्माण के लिए पैसा दिया। लेकिन मंदिर निर्माण की जगह अन्य स्थान पर जमीन खरीदा जा रहा है। यह किसके इशारे पर कार्य किया जा रहा है। अयोध्या में 50 से अधिक मकान व जमीन खरीद चुके हैं। लेकिन ट्रस्ट के अध्यक्ष की भी इस सभी प्रकरण की कोई जानकारी नहीं दी गई। अयोध्या के लोगों के है रामलला और ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय सहित अन्य लोग इस्तीफा दें। कहा कि ट्रस्ट के लोग धोखेबाज हैं। सिर्फ लूटने के लिए आए हुए हैं। और अब इस मामले में जांच कर कार्यवाही हो इसके लिए पीएम मोदी, गृहमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भेजा जाएगा।