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Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर निर्माण में राजनीति, ट्रस्ट की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए गए हैं। जमीन की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया गया है।

NathBux Singh
Reporter NathBux SinghPublished By Shashi kant gautam
Published on: 14 Jun 2021 1:04 PM IST (Updated on: 14 Jun 2021 10:38 PM IST)
Ram Mandir Fund Scam
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श्री राम जन्मभूमि अयोध्या: फोटो-सोशल मीडिया  

Ayodhya News: श्री राम जन्मभूमि पर सियासत फिर एक बार शुरू हो गई। कई दशकों तक देश की सियासत इसी मंदिर पर बनती बिगड़ती रही, न्यायालय के आदेश के बाद श्री राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है लेकिन इस बार दो संप्रदाय आमने सामने ना होकर एक ही संप्रदाय के लोग राजनीति के शिकार हो गए हैं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय लिया गया था कि ट्रस्ट का गठन कर राम मंदिर निर्माण किया जाए। लेकिन ट्रस्ट के गठन में ही राजनैतिक बेईमानी शुरू हो गई थी। उस समय भी तमाम सवाल उठे थे परंतु अयोध्या के संत नृत्य गोपाल दास को आनन-फानन में ट्रस्ट का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया जिससे उस समय मामला दब गया (महंत नृत्य गोपाल दास वृद्धावस्था होने के कारण उनकी सत्यता समाप्त हो चुकी है) लेकिन ट्रस्ट पर हमेशा सवाल खड़े होते रहे वह आरएसएस के इशारे पर ट्रस्ट में आरएसएस के लोगों को भर दिया गया जो उसके प्रमुख कर्ताधर्ता बन गए ।

अयोध्या के साधु संतों को ट्रस्ट में जगह नहीं दी गई निर्मोही अखाड़े के महंत दीजेंद्र दास को शामिल तो किया गया है लेकिन यह ट्रस्ट गठन करने वालों की मजबूरी थी कि सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था उनको ट्रस्ट में रखा जाए लेकिन उनकी सक्रियता कम दिखाई पड़ती है क्या कारण है यह तो वही जानते होंगे फोन पर वार्ता करने का प्रयास किया गया परंतु उनका फोन बंद रहा फिलहाल जो आरोप लगे हैं उस पर जांच किया जाना आवश्यक प्रतीत होता है।

जमीन एग्रीमेंट भ्रष्टाचार के आरोप पर महामंत्री चम्पत राय ने जारी किया पत्र

-श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद एग्रीमेंट पर भ्रष्टाचार के आरोप पर महामंत्री चम्पत राय ने जारी किया पत्र।

-मन्दिर का परकोटा व रिटेनिंग वाल के वास्तु दोष को ठीक करने के लिए मंदिर के आसपास की जमीनों को खरीदा गया।

-जो जमीन खरीदी गई वह खुले बाजार मूल्य से बहुत कम में खरीदी गई।

-उक्त भूमि को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेता गणों ने वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर अनुबंध किया था उस भूमि को 18 मार्च को बैनामा कराया उसके बाद ट्रस्ट के साथ अनुबंध हुआ।

-जो राजनीतिक लोग इस पर प्रचार कर रहे वह भ्रम फैला रहे जनता को गुमराह कर रहे।

-संबंधित व्यक्ति राजनैतिक है और राजनैतिक विद्वेष से प्रेरित है-- चंपत राय महासचिव श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

-श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट #प्रेस_वक्तव्य

120.80 वर्ग मीटर को वर्ग फुट में बदलिए 130020 वर्ग फुट आएगा। इस हिसाब से तकरीबन 1325 रुपए प्रति वर्ग फुट कीमत आ रही है। आपको बेहतर पता है कि राम जन्मभूमि से 2 किलोमीटर की दूरी पर पूरी अयोध्या में कहीं भी इतने कम रेट पर जमीन नहीं मौजूद है। कहीं कोई घोटाला नहीं है, जमीन की पहली खरीद दो करोड़ दिखाई गई है, लेकिन उस मामले में बाबा हरिदास और प्रॉपर्टी डीलर्स के बीच जमीन पर पहले से कम रेट पर एग्रीमेंट था, उसी एग्रीमेंट के आधार पर दो करोड़ में बिक्री हुई और खरीदने वाले ने आज के रेट में बेच दिया।


ट्रस्ट कई लोगों को अफवाह उड़ाने की नोटिस दे सकता है

उल्लेखनीय है कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए गए हैं। जमीन की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया गया है। अयोध्या के पूर्व विधायक और सपा सरकार में राज्य मंत्री रहे तेज नारायण पांडे उर्फ पवन पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवाल उठाए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया है कि 2 करोड़ में जमीन का बैनामा हुआ और उसी दिन फिर साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट हुआ। एग्रीमेंट और बैनामा दोनो में ही ट्रस्टी अनिल मिश्रा और मेयर ऋषिकेष उपाध्याय गवाह हैं। 18 मार्च 2021 को ही करीब 10 मिनट पहले बैनामा भी हुआ और फिर एग्रीमेंट भी, जिस जमीन को दो करोड़ में खरीदा गया उसी जमीन का 10 मिनट बाद साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट क्यों हुआ?


पूर्व मंत्री पवन पांडे ने उठाए सवाल

पवन पांडेय ने सवाल उठाए हैं कि 5 मिनट में ही 2 करोड़ की कीमत की जमीन साढ़े 18 करोड़ कैसे हो गई? राम मंदिर के नाम पर जमीन खरीदने के बहाने राम भक्तों को ठगा जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि जमीन खरीदने का सारा खेल मेयर और ट्रस्टी को मालूम था। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।

पवन पांडे का दावा है कि 17 करोड़ RTGS किया गया, किन-किन खाते से पेमेंट हुआ इसकी भी जांच होनी चाहिए। प्रभु श्री राम के नाम पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार हो रहा है। 12080 वर्ग मीटर यानि 1.208 हेक्टेयर जमीन का बैनामा और एंग्रीमेंट हुआ बाबा हरिदास ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को बेचा और उसीको ट्रस्ट ने खरीदा। 10 मिनट में जमीन की कीमत 16 करोड़ बढ़ गई।

आम आदमी पार्टी ने भी लगाए आरोप

आम आदमी पार्टी ने भी इस मामले में आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि 2 करोड़ की खरीदी गई जमीन को कुछ ही मिनटों बाद राम जन्मभूमि ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में बिक्री के लिए एग्रीमेंट किया गया। ट्रस्ट ने रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करके 16.5 करोड़ के भुगतान का दावा कर चुका है। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि 2 करोड़ की ज़मीन खरीद व 18 करोड़ के एग्रीमेंट, दोनो में राम जन्मभूमि ट्रेस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा गवाह हैं। उनका कहना है कि इस तरह हेराफेरी करके दान के पैसों में 16 करोड़ की चपत लगाई गई है। उन्होंने कहा कि ये मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। तत्काल इस मामले की सीबीआई और ईडी से जांच कराई जाए।



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Shashi kant gautam

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