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Ram Mandir: अयोध्या राममंदिर पर बड़ी खबर, इस दिन मुख्य मंदिर के गर्भगृह में विराजेंगे रामलला
Ayodhya Ram Mandir: रामलला साल 2024 में मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी को मुख्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। इसके साथ ही यहां उनका दर्शन – पूजन शुरू हो जाएगा।
अयोध्या भव्य राम मंदिर (photo: social media )
Ayodhya Ram Mandir: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। मंदिर निर्माण में कुल 1800 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। रामलला साल 2024 में मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी को मुख्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। इसके साथ ही यहां उनका दर्शन – पूजन शुरू हो जाएगा। मकर संक्रांति से पहले मुख्य मंदिर का निर्माण कार्य समाप्त कर दिया जाएगा।
रविवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की सर्किट हाउस में बैठक हुई। इस बैठक में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, महासचिव चंपत राय समेत 10 ट्रस्टी शामिल हुए, जबकि 4 ट्रस्टी ऑनलाइन शामिल जुड़े। इस तरह बैठक में 15 में से 14 ट्रस्टी शामिल हुए। केंद्र सरकार के प्रतिनिधि ज्ञानेश कुमार व्यस्तता के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके।
मंकर संक्राति के दिन होगा मंदिर का उद्घाटन
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का उद्घाटन पहले दिसंबर 2023 को किया जाना था। लेकिन बाद में इसकी तिथि को बदलने का निर्णय लिया गया। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि दिसंबर के अंत में चूंकि सूर्य दक्षिणायन रहेंगे, खरमास लगा रहेगा, इसलिए खरमास में मंदिर का उद्घाटन उचित नहीं होगा। इसलिए हमें सूर्य का उत्तरायण होने का इंतजार करना पड़ेगा। सूर्य मकर संक्रांति से उत्तरायण होंगे। ऐसे में अगले साल मकर संक्रांति के दिन यानी 15 जनवरी 2024 को रामलला को गर्भगृह में विराजित कर भक्तों को दर्शन सुलभ कराने की तैयारी हो रही है।
मंदिर निर्माण का खर्च बढ़ा
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर का निर्माण कर रही टीईसी कंपनी ने कुल खर्च 1800 करोड़ रूपये निर्धारित की है। अभी तक मंदिर का प्रस्तावित बजट 400 करोड़ रूपये था, लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है। आने वाले समय में फिर से इसका आकलन किया जाएगा और जरूरत पड़ने में बजट में वृद्धि की जा सकती है। राय के मुताबिक, मंदिर के 70 एकड़ परिसर में सात और मंदिर का निर्माण करवाया जाएगा। ये मंदिर महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त, माता शबरी, निषाद राज और जटायु के होंगे।