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Ayodhya Ram Mandir: अब अयोध्या में भैया जी डालेंगे डेरा, चंपत राय का क्या होगा
Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण संघ और भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ मुद्दा है। इसीलिए अब संघ ने मंदिर प्रोजेक्ट की कमान पूरी तरह अपने हाथों में ले ली है।
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जुड़े जमीन सौदों को लेकर विवाद पैदा होने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है। अब इस प्रोजेक्ट की कमान पूरी तरह संघ के हाथों में रहेगी और संघ के सरकार्यवाह रहे भैयाजी जोशी केयरटेकर की भूमिका में पूरी परियोजना पर कड़ी नजर रखेंगे। संघ की ओर से लिए गए इस बड़े फैसले को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के पर कतरने वाला कदम माना जा रहा है। चंपत राय को अब हर फैसले के लिए भैयाजी जोशी की अनुमति लेनी पड़ सकती हैं।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी संघ ने बड़ा फैसला किया है। संघ के नए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले प्रदेश विधानसभा के चुनाव में भाजपा की संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए अब उत्तर प्रदेश में ही डेरा डालेंगे। संघ 2022 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहता है। इसीलिए होसबोले लखनऊ को केंद्र बनाकर उत्तर प्रदेश में सरकार और संगठन की गतिविधियों पर गहरी नजर रखेंगे।
संघ ने पहले भी मांगा था ट्रस्ट से जवाब
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण संघ और भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ मुद्दा है। इसीलिए अब संघ ने मंदिर प्रोजेक्ट की कमान पूरी तरह अपने हाथों में ले ली है। पिछले दिनों अयोध्या में मंदिर निर्माण से जुड़ी जमीनों के सौदों में विवाद पैदा होने के बाद संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी कृष्ण गोपाल ने अयोध्या का दौरा किया था और जमीन सौदों को लेकर ट्रस्ट से सच्चाई जानने की कोशिश की थी।
उसके बाद मुंबई में हुई बैठक में भी ट्रस्ट के पदाधिकारियों से सवाल पूछे गए थे। मुंबई में हुई इस बैठक में भैयाजी जोशी समेत संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे। ट्रस्ट की ओर से महामंत्री चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी जी महाराज और सदस्य डॉ अनिल मिश्र ने इस बैठक में हिस्सा लिया था। बैठक में संघ की ओर से ट्रस्ट के पदाधिकारियों से कई सवालों का जवाब भी मांगा गया।
भैयाजी जोशी होंगे मंदिर प्रोजेक्ट के केयरटेकर
इस बैठक के बाद अब संघ ने बड़ा फैसला करते हुए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्रोजेक्ट की पूरी कमान अब भैयाजी जोशी के हाथों में सौंप दी है। संघ के इस फैसले का मतलब बिल्कुल साफ है कि केयरटेकर के रूप में अब पूरा प्रोजेक्ट भैयाजी जोशी की ही देखरेख में चलेगा।
अभी तक ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय इस प्रोजेक्ट की देखरेख की जिम्मेदारी निभा रहे थे। माना जा रहा है कि जमीन विवाद को लेकर चंपत राय पर सवाल उठने के बाद संघ की ओर से यह बड़ा फैसला किया गया है। इसे चंपत राय के पर कतरने वाला कदम भी माना जा रहा है क्योंकि अब पूरे मामले में भैयाजी जोशी का ही फैसला आखिरी होगा।
संघ अयोध्या में नहीं चाहता कोई विवाद
सूत्रों का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा संघ, विहिप और भाजपा तीनों की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है और इसी कारण संघ इस प्रोजेक्ट में किसी प्रकार का विवाद नहीं चाहता। जमीन खरीदने में धांधली और घपले के आरोपों के बाद इसीलिए संघ ने पूरी कमान अपने हाथों में ले ली है।
हालांकि संघ नेतृत्व का यह भी मानना है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से जमीन की खरीद में किसी भी प्रकार का कोई घोटाला नहीं किया गया है, लेकिन जमीन सौदों में घोटाले के आरोपों के बाद ट्रस्ट को लेकर सवाल जरूर उठे हैं। संघ नेतृत्व का मानना है कि भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण से जुड़े प्रोजेक्ट में किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं पैदा होना चाहिए।
प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने की कोशिश
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा संघ और विहिप का सबसे प्रमुख एजेंडा रहा है। मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद संघ निर्माण प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश में भी जुटा हुआ है। संघ की पूरी कोशिश है कि 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले मंदिर निर्माण का अधिकांश काम पूरा हो जाए।
सियासी जानकारों का मानना है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण का काम पूरा होने के बाद भाजपा को इसका बड़ा सियासी फायदा मिल सकता है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी अयोध्या की विकास परियोजनाओं की तेजी से रूपरेखा बना रही है और इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण भी इसी मुहिम का हिस्सा है। संघ और सरकार दोनों अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मुहिम में जुटे हुए हैं।
जमीन सौदों में ट्रस्ट पर लगे आरोप
जमीन सौदों को लेकर सबसे पहले सपा नेता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे पवन ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को घेरते हुए कहा था कि दो करोड़ में खरीदी गई जमीन की 10 मिनट के अंदर ही साढ़े 18 करोड़ में रजिस्ट्री कर दी गई। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की थी।
पवन पांडे के आरोपों के बाद राज्यसभा सांसद और आप नेता संजय सिंह ने भी जमीन खरीद में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए ट्रस्ट के पदाधिकारियों को घेरा था। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी जमीन सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने चंपत राय और ट्रस्टी अनिल मिश्र को हटाने की मांग की थी। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
हालांकि ट्रस्ट की ओर से पेश की गई सफाई में जमीन सौदे में घोटाले के सभी आरोपों को खारिज किया गया है। भाजपा भी ट्रस्ट के पदाधिकारियों के बचाव में उतर आई है मगर यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
चुनावी तैयारियों पर नजर रखेंगे होसबोले
अयोध्या के मंदिर प्रोजेक्ट के साथ ही संघ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भी बड़ा फैसला लिया है। अब संघ के नए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले लखनऊ में डेरा डालकर प्रदेश की चुनावी गतिविधियों पर पूरी नजर रखेंगे। संघ से जुड़े जानकारों का कहना है कि यह पहला मौका होगा जब संघ के दो बड़े पदाधिकारी भैयाजी जोशी और दत्तात्रेय होसबोले एक साथ उत्तर प्रदेश में डेरा डालेंगे।
इसे संघ का बड़ा फैसला माना जा रहा है। माना जा रहा है कि होसबोले सरकार और संगठन में समन्वय बनाए रखने और भाजपा की चुनावी रणनीति बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। चुनावों के दौरान भाजपा के टिकट बंटवारे और विभिन्न नेताओं की भूमिका पर भी उनकी गहरी नजर होगी।