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Ayodhya Ram Mandir: नेपाल से अयोध्या पहुंची 6 करोड़ साल पुरानी शिलाएं, जानिए खासियत
Ayodhya Ram Temple: नेपाल के पोखरा से 2 पवित्र शिलाएं राम नगरी अयोध्या पहुंच गई हैं। पवित्र शिलाओं को देखकर राम भक्तों के चेहरे खिल गए हैं।
Ayodhya Ram Temple: नेपाल के पोखरा से 2 पवित्र शिलाएं बुधवार देर रात राम नगरी अयोध्या पहुंच गई हैं। पवित्र शिलाओं को देखकर राम भक्तों के चेहरे खिल गए हैं। अयोध्या में शिलाओं पर जगह-जगह फूलों की बारिश की गई। बुधवार रात अयोध्या पहुंचने पर साधु संतों और स्थानीय लोगों ने शिलाओं का स्वागत किया।
इस दौरान लोगों ने पुष्पवर्षा के साथ जमकर आतिशबाजी भी की। लोगों का कहना है कि आज ही हमारी होली दिवाली है। पहले अयोध्या नाम की थी, आज अयोध्या राम की है। इन दोनों शिलाओं पर उकेरी गयी भगवान राम की बाल रूप की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा। इन शिलाओं को विहिप से जुड़े रामसेवक पुरम में रखा गया है। शिलाओं को पहुंचते ही उन्हें पुलिस और पीएसी के कड़े सुरक्षा घेरे में ले लिया गया।
रामनगरी पहुंची पवित्र शिलाओं की खासियत
ये शिलाएं 6 करोड़ साल पुरानी हैं। नेपाल के मुस्तांग जिले में शालिग्राम या मुक्तिनाथ के करीब एक स्थान पर गंडकी नदी में पाई गई। 6 करोड़ साल पुरानी विशेष चट्टानों से पत्थरों के दो बड़ी शिलाओं को पिछले बुधवार को नेपाल से रवाना किया गया था, यही शिलाएं अयोध्या पहुंची हैं। रामनगरी पहुंची शिलाओं में से एक शिला का वजन 26 टन, दूसरी का 14 टन है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता के मुताबिक ये शालिग्राम शिलाएं 6 करोड़ साल पुरानी हैं।
विशाल शिलाएं दो अलग-अलग ट्रकों पर नेपाल से अयोध्या पहुंची हैं। पवित्र शिलाओं पर उकेरी गयी भगवान राम की बाल रूप की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा, जो अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति तक बनकर तैयार हो जाएगा। बता दें कि नेपाल की पवित्र काली गंडकी नदी से ये पत्थर निकाले गए हैं। अभिषेक और विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद शिला को 26 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना किया गया था। इस दौरान यह बिहार के रास्ते उत्तर प्रदेश में कुशीनगर और गोरखपुर होते हुए बुधवार को अयोध्या पहुंची है।