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बिना लोहे का राम मंदिर: ऐसे ही रहेगा 1हजार साल तक, जानें इससे जुड़ी खास बात

आखिरकार लंबे समय के इंतजार के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है। 5 अगस्त को हुए भूमि पूजन के बाद इसके निर्माण की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है। ऐसा अनुमान है कि राम मंदिर का निर्माण 36 माह में होने की उम्मीद है। इसका निर्माण 1000 साल को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 20 Aug 2020 6:04 PM IST
बिना लोहे का राम मंदिर: ऐसे ही रहेगा 1हजार साल तक, जानें इससे जुड़ी खास बात
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अयोध्या में भगवान राम का मंदिर

अयोध्या: आखिरकार लंबे समय के इंतजार के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है। 5 अगस्त को हुए भूमि पूजन के बाद इसके निर्माण की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है। ऐसा अनुमान है कि राम मंदिर का निर्माण 36 माह में होने की उम्मीद है। इसका निर्माण 1000 साल को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।

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ऐसी कोशिश है कि समाज का हर वर्ग श्रीराम के दर्शन कर सके। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की तरफ से बैंक अकाउंट जारी किए गए हैं, इनमें लोग स्वेच्छा से दान दे सकते हैं। इसके अलावा तांबे की पत्तियां भी लोग भेज सकते हैं।

ram mandir

पत्थरों से मंदिरों का निर्माण

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (न्यूयॉर्क) की तर्ज पर तांबे की परत बनाकर मंदिर का निर्माण होगा। मंदिर सालों साल तक ऐसे ही खड़ा रहे इसके लिए खास तरह से मंदिर निर्माण हो रहा है। ट्रस्ट के अनुसार मंदिर निर्माण में लगने वाले

को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा। निर्माण के लिए 18 इंच लंबी, 3 मिलीमीटर गहरी और 30 मिलीमीटर चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता होगी। लोग इसे दान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन तांबे की पत्तियों पर लोग इच्छानुसार अपने परिवार, क्षेत्र या मंदिरों का नाम गुदवा सकते हैं।

मंदिर निर्माण में कोई जल्दबाजी नहीं

चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण में कोई जल्दबाजी नहीं करेंगे, सभी काम व्यवस्थित और पूरी तैयारी से होंगे। अभी मलबा हटाने में ही बहुत सामग्री मिली है जिन्हें संभालकर रखा जा रहा है। बाद में इनको संग्रहालय में रखा जाएगा। मंदिर के लिए राम जन्मभूमि में 60 मीटर गहराई के मिट्टी के सैंपल लिए गए हैं। यहां लगने वाले 1200 खंभों के ऊपर की बिल्डिंग की मोटाई के लिए रिसर्च जारी है।

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भूकंपरोधी

राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए सीबीआरआई रुड़की और IIT मद्रास के साथ मिलकर निर्माणकर्ता कंपनी एल एंड टी के इंजीनियरों ने भूमि की मृदा के परीक्षण का काम शुरू कर दिया है। जमीन की मिट्टी की जांच के बाद आगे का काम शुरू होगा। मंदिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह सहस्त्रों वर्षों तक न केवल खड़ा रहे बल्कि भूकंप, झंझावात या अन्य किसी प्रकार की आपदा में भी उसे किसी प्रकार की क्षति न हो।मंदिर के निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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