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अयोध्या जमीन खरीद विवाद: ट्रस्ट ने ज्यादा नहीं कम दाम में खरीदी जमीन, ये है सच्चाई

अयोध्या जमीन खरीद घोटाले के आरोपों पर ट्रस्ट के नाम संबंधित भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करने वाले सुल्तान अंसारी ने कहा है कि संबंधित भूमि के क्रय-विक्रय में न हमने और न ट्रस्ट ने कोई धोखा किया है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 15 Jun 2021 7:52 AM GMT
अयोध्या जमीन खरीद विवाद: ट्रस्ट ने ज्यादा नहीं कम दाम में खरीदी जमीन, ये है सच्चाई
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फाइल फोटो, साभार-सोशल मीडिया

धर्मनगरी अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य जारी है। इस बीच श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर गंभीर आरोप लगे हैं। ट्रस्ट पर सपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि दो करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ों में खरीदी गई। जबकि ट्रस्ट का कहना है कि इसमें कोई घोटाला नहीं हुआ है। ट्रस्ट के नाम संबंधित भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करने वाले सुल्तान अंसारी का भी कहना है कि संबंधित भूमि के क्रय-विक्रय में न हमने और न ट्रस्ट ने कोई धोखा किया है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। वहीं मामला राजनीतिक तूल पकड़ा तो सीएम योगी ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। जबकि राममंदिर ट्रस्ट ने पूरे मामले की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है।

2011 में हुआ था जमीन का एग्रीमेंट

जिस जमीन को लेकर इतना विवाद हो रहा है, उस एंग्रीमेंट में विक्रेता के तौर पर बेचने वाले के नाम के आगे महबूब आलम, जावेद आलम, नूर आलम और फिरोज आलम लिखा है। खरीदने वालों की जगह पर कुसुम पाठक और हरीश पाठक का नाम लिखा है। 2014 में 2011 का ही एग्रीमेंट इन्हीं लोगों के बीच रिन्यू करवाया गया था। क्योंकि विवाद कोर्ट में होने की वजह से रजिस्ट्री नहीं हो पायी थी। 2017 में विवाद निपटारा होने के बाद कुसुम पाठक और हरीश पाठक के नाम पर रजिस्ट्री हुई। 2019 में दो करोड़ की कीमत पर फिर से जमीन बेचने की प्रक्रिया शुरू हुई। साल 2019 में कुसुम पाठक और हरीश पाठक का सुल्तान अंसारी समेत आठ लोगों के साथ रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हुआ।

15 मिनट में 16 करोड़ के घोटाले का आरोप

साल 2021 में इस जमीन की रजिस्ट्री फिर से होती है। इसी को लेकर आरोप है कि 15 मिनट में 16 करोड़ का चूना लग गया। कुसुम पाठक और हरीश पाठक ने यह जमीन बेची। खरीदने वाले हैं सुल्तान अंसारी और उनके साथ रवि मोहन तिवारी। एंग्रीमेंट के दौरान सुल्तान अंसारी के साथ लिखे आठ लोगों के नाम रजिस्ट्री के दौरान गायब हैं और रवि मोहन तिवारी का नया नाम डील से जुड़ जाता है। इस सौदे के दौरान जमीन की कीमत दो करोड़ रुपये हैं।

क्या है पूरा मामला?

बता दें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन को लेकर जमकर बवाल हो रहा है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता तेज नारायण पांडेय पवन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दो करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि ये जमीन रवि मोहन तिवारी नाम के एक साधु व सुल्तान अंसारी ने बैनामा ली थी। जिसे ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के नाम 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट किया गया। उन्होंने आरटीजीएस की गई 17 करोड़ रुपये धनराशि की जांच कराने की मांग की है। वहीं आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि ट्रस्ट के महासचिव ने दो करोड़ रूपये कीमत वाली जमीन को 18 करोड़ रूपये में खरीदा है। ये आरोप सीधे सीधे महासचिव चंपत राय पर हैं। इसे मनी लॉन्ड्रिंग का केस बताते हुए इस मामले में संजय सिंह ने सीबीआई और ईडी की जांच की भी मांग की है।

नहीं हुआ कोई धोखा- सुल्तान अंसारी

वहीं ट्रस्ट के नाम संबंधित भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करने वाले सुल्तान अंसारी का कहना है कि संबंधित भूमि के क्रय-विक्रय में न हमने और न ट्रस्ट ने कोई धोखा किया है। एक दशक पूर्व अयोध्या में जब जमीन की कीमत काफी कम थी, तभी हम लोगों ने दो करोड़ में संबंधित भूमि का एग्रीमेंट कराया था। सच्चाई यह है कि राम मंदिर में सहयोग को ध्यान में रखकर इस जमीन को बाजार भाव से काफी कम में एग्रीमेंट किया गया है।

ट्रस्ट महासचिव चंपत राय की सफाई

वहीं मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जमीन खरीद को लेकर लगे आरोपों का जवाब दिया है। चंपत राय ने एक प्रेस रिलीज जारी की है। जिसमें लिखा है कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं। साथ ही उनके पीछे बड़ी राजनीति होने बताया है। चंपत राय का दावा है कि लोगों को गुमराह करने के लिये इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। चंपत राय के मुताबिक जिस जमीन की बात की जा रही है वो रेलवे स्टेशन के पास की जमीन है। जो प्राइम लोकेशन है। चंपत राय का ये भी दावा है कि जो भी जमीन राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के लिए खरीदी गई है वो बाजार की कीमतों से काफी कम दामों पर खरीदी गई है।

जमीन क्रय की हकीकत

2011 में पहली बार कराया गया जमीन का एग्रीमेंट

4800 रुपये प्रति वर्ग मीटर है संबंधित भूमि का सर्किल रेट

दो हजार रुपये प्रति वर्ग फीट है रामनगरी की जमीन का औसत मूल्य

1423 रुपये प्रति वर्ग फीट के हिसाब से ट्रस्ट ने अदा की जमीन की कीमत

12080 वर्ग मीटर है संबंधित भूमि का क्षेत्रफल।

अखिलेश यादव ने मांगा इस्तीफा

मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों पर लग रहे आरोपों पर एक चैनल को दिए इंटरव्यू में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि अगर वहां से भ्रष्टाचार की खबरें आएं, तो कम से कम ट्रस्ट के सदस्यों को पद से इस्तीफा देना चाहिए।

राहुल गांधी का निशाना

श्रीराम स्वयं न्याय हैं, सत्य हैं, धर्म हैं- उनके नाम पर धोखा अधर्म है।


राहुल गांधी का पोस्ट, साभार-सोशल मीडिया

प्रियंका गांधी का हमला

कोरोड़ों लोगों ने आस्था और भक्ति के चलते भगवान के चरणों में चढ़ावा चढ़ाया। उस चंदे का दुरुपयोग अधर्म है, पाप है, उनकी आस्था का अपमान है।


प्रियंका गांधी का पोस्ट, साभार-सोशल मीडिया

डिप्टी सीएम केशव मौर्य का पलटवार

राम भक्तों को राम द्रोही उपदेश न दें, रामलला का भव्य मंदिर निर्माण राम द्रोहियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा, राम भक्तों का भरोसा अटल राजनीति स्वीकार नहीं।


Rahul Singh Rajpoot

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