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अयोध्या बनेगी विश्व की आध्यात्मिक राजधानी

अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के साथ स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त, वॉटर सेक्योर, वॉटर प्लस, सोलर और सुरक्षित सिटी के रूप में विकसित करना है।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Deepak Kumar
Published on: 6 April 2022 8:09 PM IST
Chief Secretary Durga Shankar Mishra in review meeting of Ayodhya Vision 2047
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अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र। 

Ayodhya Vision 2047: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) धार्मिक नगरी अयोध्या को उच्च स्तरीय सुविधाएं देकर विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने जा रही है। इसलिए पिछले पांच वर्षों से इस दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। अब जब एक बार फिर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार गठित हो चुकी है इस दिशा में प्रयास और तेज हो गए हैं। योगी सरकार (Yogi Government) की योजना है कि आध्यात्म, पर्यटन, कला-संस्कृति, हस्तशिल्प आदि के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कौशल विकास से रोजगार सृजन सरकार की पहली प्राथमिकता में शामिल किये जाएं।

अयोध्या विजन 2047 (Ayodhya Vision 2047) की समीक्षा बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) ने कहा कि अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के साथ स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त, वॉटर सेक्योर, वॉटर प्लस, सोलर और सुरक्षित सिटी के रूप में विकसित करना है। नई अयोध्या का निर्माण व पुरानी अयोध्या का कायाकल्प कर रामायणकालीन पर्यावरण के अनुकूल ऐसा शहर बनाना है, जो विश्व के लिए मॉडल बने।

उन्होंने कहा कि पानी की हर एक बूंद को बचाना प्राथमिकता है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसी कार्ययोजना बनायी जाये, जिससे कि पानी की एक-एक बूंद का उपयोग हो, एक बूंद भी व्यर्थ न जाए। अमृत योजना के लक्ष्य के अनुरूप अयोध्या ऐसी मॉडर्न सिटी की रूप में विकसित हो जहां पर वर्षा के जल का संरक्षण हो, सीवेज जल के पुनर्चक्रण की व्यवस्था हो। हर घर नल योजना के तहत सभी घरों में 24×7 नल से शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था हो। अयोध्या की पहचान वॉटर सेक्योर सिटी के रूप में बने।

भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाना है अयोध्या: मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने कहा कि अगले पांच सालों में अयोध्या को वॉटर सेक्योर सिटी के साथ भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाना है। इसके लिये स्वच्छता, शुद्ध पेयजल व कूड़ा निस्तारण के लिये अन्य विकसित शहरों के मॉडल का अध्ययन कर प्रभावी प्लान तैयार किया जाये। उन्होंने कहा कि भविष्य में पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए जल, भूमि के साथ वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट, शेयर ट्रांसपोर्ट समेत प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए, जिसके लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएँ और उनके अनुरूप रोड का निर्माण किया जाए।

रोजगार सृजन सरकार की पहली प्राथमिकता

दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) ने बताया कि प्रदेश सरकार अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करना चाहती है। ऐसे में आध्यात्म, पर्यटन, कला-संस्कृति, हस्तशिल्प आदि के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कौशल विकास से रोजगार सृजन सरकार की पहली प्राथमिकता में शामिल है। पर्यटन उद्योगों को बढ़ने से स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता के रोजगार सृजन के साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। इसके अतिरिक्त अयोध्या को सेफ सिटी के रूप में भी विकसित करना है। अयोध्या के निवासियों और वहाँ आने वाले देश एवं विदेश के पर्यटकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाये।

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Deepak Kumar

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